गुवाहाटी : कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि असम में अगर 'महाजोत' (महागठबंधन) सत्ता में आता है तो सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा.
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस नीत गठबंधन महिला और युवाओं के उत्थान पर अधिक ध्यान देगा. उन्होंने कहा, जब कांग्रेस नीत महागठबंधन सरकार बनाएगा तो हम महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करेंगे. यह हमारी गारंटी है. ये चीजें हम सबसे पहले करेंगे.
असम विधानसभा की 126 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने एआईयूडीएफ, बीपीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ समझौता किया है.
देव ने कहा कि कांग्रेस और महागठबंधन जवाबदेही तथा नौकरी की गारंटी में यकीन रखता है. उन्होंने भाजपा नीत राज्य सरकार की सीधे लाभ स्थानांतरण से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर तंज करते हुए कहा, 'असम की महिलाओं और युवाओं को खैरात नहीं चाहिए. वे नौकरी के मौके चाहते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देना चाहते हैं.'
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि असम के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र में महिला आरक्षण मुद्दे को भी शामिल किया जाएगा.
असम के मतदाताओं में महिलाओं की अच्छी खासी संख्या है. राज्य में 2.31 करोड़ मतदाताओं में 1.14 करोड़ महिला मतदाता हैं.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने दो मार्च को महागठबंधन की पांच गारंटी की घोषणा की थी. इसके तहत पांच लाख सरकारी नौकरियों, प्रत्येक घरेलू महिला को प्रतिमाह 2,000 रुपये भत्ता, सबको 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने के लिए कानून और चाय बागान के दिहाड़ी मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 365 रुपये देने की घोषणा की गई.
बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी की 'असम बचाओ अहोक यात्रा' ने राज्य में 10,000 किलोमीटर की दूरी तय की है और इस अभियान में समाज के कमजोर तबके से संपर्क किया गया.
उन्होंने कहा, 'लोगों से बात करने के दौरान पता चला कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. राज्य में काम कर रहे युवाओं को पर्याप्त वेतन नहीं मिलना भी महत्वपूर्ण मुद्दा है.'
कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि महागठबंधन को सत्ता मिलने पर रोजगार सृजन के लिए एक अलग विभाग बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा, 'हम सरकार बनने पर पांच लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं. भाजपा ने पांच साल में 25 लाख नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन असल में पांच साल में केवल 80,000 युवाओं को ही रोजगार मिला.'