बेंगलुरुः वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman khurshid congress leader) ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन किया. थरूर ने कहा था कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) अध्यक्ष पद चुनाव (AICC president election) में उनके प्रतिद्वंद्वी एम मल्लिकार्जुन खड़गे निरंतरता और यथास्थित वाले उम्मीदवार हैं तथा जो लोग पार्टी में बदलाव चाहते हैं वे मेरे लिए मतदान करें.
खुर्शीद उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने खड़गे का समर्थन किया था और संकेत दिया था कि अगर चुनाव में आम सहमति बनती है, तो अच्छा होगा. कांग्रेस नेता शशि थरूर (Congress leader shashi throor) ने यह भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा और उसके लिए कोई खेद नहीं होगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने कहा, शशि थरूर कहते हैं कि खड़गे में निरंतरता का तत्व है और उनमें (थरूर) में बदलाव का तत्व है. लेकिन निरंतरता और बदलाव व्यक्तिनिष्ठ और संदर्भ परक विषय हैं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह चुनाव निरंतरता के साथ बदलाव पर पुन: जोर देने के लिए है क्योंकि ऐसा नहीं है कि पहली बार हमारे यहां चुनाव होने जा रहे हैं. पूर्व के चुनावों की अपनी खासियत थी और इस चुनाव की अपनी विशेषता है. इसलिए हम सभी को इसका स्वागत करना चाहिए.
खुर्शीद ने कहा, हम सिर्फ वह मुकाम चाहते हैं, जहां पर पार्टी मजबूती से उभरे और प्रतिबद्ध हो, जिसकी कोशिश राहुल गांधी कर रहे हैं. फिर यह कोशिशें, जिनका हम विरोध कर रहे हैं, उनके खिलाफ चल रहे पूरे अभियान तक जाएंगी. नामांकन वापस लेने की तारीख अभी खत्म नहीं हुई है, ऐसे में आम सहमति के बारे में पूछने पर खुर्शीद ने कहा कि उनकी इसपर कोई राय नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी कोई राय नहीं है. जैसी चीजें चल रही हैं, चलने दीजिए. अगर कुछ होता है, सामने आता है तो अच्छा है, अगर नहीं होता तो खेद भी नहीं है.
गौरतलब है कि शशि थरूर ने 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे को निरंतरता का प्रत्याशी करार दिया था. उनका संभावित संदर्भ कुछ धड़ों में खड़गे को गांधी परिवार की पसंद होने का भाव होने को लेकर था. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं कि संगठन यथास्थिति के साथ है. अगर आप यथास्थिति चाहते हैं, तो मेरा मानना है कि आपकों माननीय खड़गे के पक्ष में मतदान करना चाहिए. अगर आप बदलाव और प्रगति चाहतें हैं और 21 वीं सदी की दुनिया के साथ चलना चाहते हैं तो मैं उम्मीद करता हूं कि मैं बदलाव के साथ खड़ा हूं.
(पीटीआई-भाषा)