नयी दिल्ली: ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार के प्रदर्शन से खुश है, लेकिन मतदाताओं तक विकास का संदेश पहुंचाने के लिए पार्टी तंत्र को सक्रिय कर रही है. 72 विधायकों वाली पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कुल 90 में से 75 सीटों का लक्ष्य रखा है. उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, पार्टी ने रायपुर, सरगुजा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में पांच क्षेत्रीय नेतृत्व शिखर सम्मेलन आयोजित किए हैं.
यहां एआईसीसी प्रभारी कुमारी शैलजा और मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्तर के नेताओं के साथ आउटरीच विवरण पर चर्चा की. छत्तीसगढ़ सप्तगिरी के प्रभारी एआईसीसी सचिव उलाका ने बताया कि राज्य सरकार ने 2018 में पार्टी द्वारा किए गए वादों में से लगभग 98 प्रतिशत को पूरा किया है. लेकिन हम चाहते हैं कि संदेश बूथ स्तर तक मतदाताओं तक पहुंचे. उस कार्य योजना पर हाल ही में राज्य भर में आयोजित पांच क्षेत्रीय नेतृत्व शिखर सम्मेलनों में चर्चा की गई थी.
उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं को जिला स्तर पर इसी तरह के सम्मेलन आयोजित करने और मतदाताओं तक संदेश पहुंचाने के लिए कहा गया. हम राज्य भर में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं कि कैसे उस पहुंच को प्रभावी ढंग से चलाया जाए. आउटरीच के दौरान, पार्टी कार्यकर्ता पुरानी पेंशन योजना और गोधन न्याय योजना के कार्यान्वयन पर प्रकाश डालेंगे, जो ग्रामीणों को गाय के गोबर की बिक्री से पैसे कमाने की अनुमति देता है.
अन्य योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य वैन, स्थानीय लोगों को प्रदान की जाने वाली नौकरियां, आदिवासियों को दी जाने वाली भूमि के अधिकार और किसानों को फसल की बेहतर कीमतें शामिल हैं. साथ ही राज्य सरकार की उपलब्धियां, प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार की कमियां और केंद्र सरकार की नाकामियों को भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा हरी झंडी दिखाई जाएगी. उलाका ने कहा कि विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं, लेकिन मंहगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएं भी केंद्र सरकार के कामकाज के कारण हैं.
उन्होंने आगे कहा कि ईंधन की कीमतें, एलपीजी की कीमतें, परिणामी मुद्रास्फीति सभी केंद्र की नीतियों के कारण हैं. भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के शासन में एक लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ 2018 में कांग्रेस के लिए निर्णायक जीत थी जब पार्टी ने कुल 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटें जीतकर भाजपा से सत्ता छीन ली थी. बीजेपी को सिर्फ 15 सीटें मिली थीं. पिछले वर्षों में, उपचुनाव जीतकर कांग्रेस ने अपनी संख्या बढ़ाकर 72 कर ली.
संदेश भेजने के अलावा, पार्टी के नेताओं ने जिलों में संगठनात्मक अंतराल का भी जायजा लिया और स्थानीय नेताओं से पार्टी के खाली पदों को तत्काल भरने के लिए कहा. उलाका ने कहा कि हम चाहते हैं कि चुनाव से पहले संगठन को मजबूत किया जाए. एआईसीसी सचिव के अनुसार, इससे पहले मुख्यमंत्री खुद मतदाताओं तक पहुंचने के लिए राज्य भर में यात्रा करते थे और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन करते थे.
उलाका ने आगे कहा कि सरकार किए गए कार्यों का बेशक अपना आकलन करती है और मुख्यमंत्री इस मोर्चे पर काफी सक्रिय रहे हैं. लेकिन हम एक पार्टी के तौर पर यह भी चाहते हैं कि अच्छी बातें चारों ओर फैलें. मतदाताओं को बेहतर जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे एक अच्छा निर्णय ले सकें.