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भारत-पाक वार्ता के लिए यूएई द्वारा मध्यस्थता की अटकलें, केंद्र पर बरसी कांग्रेस

यूएई द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की खबरों पर कांग्रेस ने निशाना साधा, कांग्रेस ने कहा बीजेपी सरकार ने हमारे आंतरिक मामलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना दिया है.

Mallikarjun Kharge
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Published : Apr 19, 2021, 5:58 PM IST

नई दिल्ली : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजनयिक ने बयान दिया था कि यूएई भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान ने भी सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार किया है. इन रिपोर्ट्स पर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमने यूएई के एक राजनयिक की रिपोर्ट देखी है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का दावा किया गया है.

कांग्रेस ने निशाना साधा

उन्होंने कहा कि 1972 के शिमला समझौते के बाद से यह भारतीय कूटनीति की सफलता रही है कि हम पाकिस्तान के साथ सभी मामले द्विपक्षीय रूप से सुलझाते रहे हैं. इसमें कभी भी विदेशी मध्यस्थता नहीं रही है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज हमने जो बयान पढ़ा और सुना इसमें मध्यस्थता कोई और करने जा रहा है. यह खेद की बात है कि इस सरकार के शासनकाल में न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच अन्य सूत्रों द्वारा मध्यस्थता हो रही है, बल्कि जम्मू-कश्मीर जैसे मामलों का भी अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया गया है.

हम उम्मीद करते हैं कि वर्तमान सरकार विवेक से काम करे और भारत द्वारा वर्षों से अपनाई जा रही जांची परखी नीति पर लौटे.

बता दें कि केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर हैं, जिसने अबू धाबी में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता के कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि, भारत ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि करने से इनकार कर दिया है.

नई दिल्ली : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजनयिक ने बयान दिया था कि यूएई भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान ने भी सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार किया है. इन रिपोर्ट्स पर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमने यूएई के एक राजनयिक की रिपोर्ट देखी है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का दावा किया गया है.

कांग्रेस ने निशाना साधा

उन्होंने कहा कि 1972 के शिमला समझौते के बाद से यह भारतीय कूटनीति की सफलता रही है कि हम पाकिस्तान के साथ सभी मामले द्विपक्षीय रूप से सुलझाते रहे हैं. इसमें कभी भी विदेशी मध्यस्थता नहीं रही है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज हमने जो बयान पढ़ा और सुना इसमें मध्यस्थता कोई और करने जा रहा है. यह खेद की बात है कि इस सरकार के शासनकाल में न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच अन्य सूत्रों द्वारा मध्यस्थता हो रही है, बल्कि जम्मू-कश्मीर जैसे मामलों का भी अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया गया है.

हम उम्मीद करते हैं कि वर्तमान सरकार विवेक से काम करे और भारत द्वारा वर्षों से अपनाई जा रही जांची परखी नीति पर लौटे.

बता दें कि केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर हैं, जिसने अबू धाबी में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता के कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि, भारत ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि करने से इनकार कर दिया है.

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