लक्षद्वीप : केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में कांग्रेस सांसदों की एंट्री पर रोक लगाने के फरमान को लेकर स्थानीय प्रशासन अब विवादों में घिर गया है. स्थानीय प्रशासन के इस फरमान के खिलाफ कांग्रेस ने हाई कोर्ट जाने की बात कही है. कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अगर कांग्रेस के सांसद लक्षद्वीप का दौरा करेंगे तो वहां की कानून व्यवस्था खराब हो सकती है, हम पूछते हैं कि कैसे?
टीएन प्रतापन ने कहा कि नागरिकों से बातचीत करना आखिर लॉ एंड ऑर्डर का कैसे मुद्दा हो सकता है? टीएन प्रतापन ने आगे कहा कि हम प्रशासन के सामने अपील कर रहे हैं कि हमें लक्षद्वीप में जाने से ना रोका जाए, अगर फिर भी ऐसा किया गया तो हम हाई कोर्ट का रूख करेंगे. इसके अलावा संसद में भी लक्षद्वीप का मुद्दा उठाएंगे.
विशेषाधिकारों का उल्लंघन
प्रतापन ने कहा कि कलेक्टर का कहना है कि अगर हम द्वीपों का दौरा करते हैं तो यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा कैसे होगा, साथी नागरिकों के साथ बातचीत करना कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है. हम प्रशासक को एक अपील प्रस्तुत कर रहे हैं. अगर वह भी ऐसा होता है, तो हम एचसी से संपर्क करेंगे और संसद में लक्षद्वीप का मुद्दा जोर से उठाएंगे. उन्होंने कहा कि अस्वीकृति संसद सदस्यों के स्पष्ट विशेषाधिकारों का उल्लंघन है.
प्रतापन ने कहा, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक कि लक्षद्वीप के लोगों के मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता. हम लक्षद्वीप के लोगों का निश्चित रूप से समाधान करेंगे. कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने कहां वहां जाकर लोगों की बात सुनें, और हम प्रशासन का पर्दाफाश करेंगे.
प्रशासन का ये है दावा
प्रशासन ने कांग्रेस सांसदों हिबी ईडन और टीएन प्रतापन को प्रवेश की अनुमति देने से लक्षद्वीप में प्रचलित शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के एक नियोजित प्रयास के रूप में करार दिया और कहा कि यह संभावित कोविड -19 मामलों में वृद्धि का कारण बन सकता है.
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प्रशासन ने आगे कहा कि सांसदों की यात्रा का उद्देश्य - प्रशासन की नई नीतियों के कारण द्वीपवासियों के सामने आने वाली समस्याओं को समझना, एक 'राजनीतिक कार्रवाई प्रतीत होता है. पिछले महीने लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के खिलाफ उनके द्वारा पेश किए गए नए सुधारों को लेकर हंगामा हुआ था, जिसमें कई सारे आरोप द्वीपवासियों के हितों के खिलाफ हैं. लोग लक्षद्वीप प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टिविटी रेगुलेशन (गुंडा एक्ट), लक्षद्वीप एनिमल प्रिजर्वेशन रेगुलेशन और लक्षद्वीप पंचायत रेगुलेशन, 2021 जैसे अन्य मसौदे कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
प्रशासन के आदेश के अनुसार, सांसदों का दौरा अशांति पैदा करने की संभावना है. यह कहा गया है कि केरल के सांसदों की लक्षद्वीप की प्रस्तावित यात्रा से द्वीपों में अशांति पैदा होने की संभावना है. क्योंकि राजनीतिक दल और मुख्य भूमि के नेता स्थानीय लोगों, राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों को उकसाने के प्रयास कर रहे हैं.
(एनआई)