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सिंघु बॉर्डर पर कांग्रेस सांसद बिट्टू को करना पड़ा किसानों के गुस्से का सामना - सांसद रवनीत बिट्टू का बयान

पंजाब के लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू जनसंवाद में हिस्सा लेने सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे थे, जहां उन्हें किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा. हालांकि बिट्टू का कहना है हमला करने वाले वह लोग हैं जो किसान आंदोलन में गड़बड़ी पैदा करना चाहते हैं.

रवनीत बिट्टू
रवनीत बिट्टू
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Published : Jan 24, 2021, 7:44 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन चल रहा है. रविवार को लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे, जहां उन्हें किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा. किसान इतने गुस्से में थे कि उन्होंने बिट्टू के वाहन पर हमला किया और विंडस्क्रीन को तोड़ दिया.

किसान आंदोलन में कांग्रेस पार्टी का कोई अन्य नेता शामिल नहीं हुआ. केवल बिट्टू किसान आंदोलन में शामिल हुए लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा.

देखें क्या हुआ रवनीत के साथ

किसान संगठनों ने किसी भी राजनीतिक दल के नेता को उनके आंदोलन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है वह कहते हैं कि राजनेता अपने अधिकारों के मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते हैं.

26 जनवरी को जो होना था मेरे साथ हो गया : बिट्टू

घटना के बाद सांसद रवनीत बिट्टू

सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि किसान हमसे बातें कर रहे थे, सेल्फी ले रहे थे कि अचानक से हजारों लोग आ गए और हमला कर दिया. हमारी पगड़ी तक पर हमला किया गया. कहीं न कहीं हमें मारने की साजिश थी. लेकिन किसानों का आंदोलन अभी चल रहा है, उसमें कोई खलल न आए इसलिए कोई एक्शन नहीं लेंगे.

पढ़ें- 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को दिल्ली पुलिस से हरी झंडी, 2 लाख से अधिक ट्रैक्टर होंगे शामिल

उन्होंने कहा कि मैंने भी बार बार कहा है कि इसके पीछे वह लोग हैं जो 20-20 की बात करते हैं. खालिस्तान की बात करते हैं. अच्छा हुआ कि 26 जनवरी को जो होना था मेरे साथ हो गया. उन्होंने कहा कि किसानों ने तो हमें वहां से निकालने की कोशिश की.

नई दिल्ली : दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन चल रहा है. रविवार को लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे, जहां उन्हें किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा. किसान इतने गुस्से में थे कि उन्होंने बिट्टू के वाहन पर हमला किया और विंडस्क्रीन को तोड़ दिया.

किसान आंदोलन में कांग्रेस पार्टी का कोई अन्य नेता शामिल नहीं हुआ. केवल बिट्टू किसान आंदोलन में शामिल हुए लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा.

देखें क्या हुआ रवनीत के साथ

किसान संगठनों ने किसी भी राजनीतिक दल के नेता को उनके आंदोलन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है वह कहते हैं कि राजनेता अपने अधिकारों के मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते हैं.

26 जनवरी को जो होना था मेरे साथ हो गया : बिट्टू

घटना के बाद सांसद रवनीत बिट्टू

सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि किसान हमसे बातें कर रहे थे, सेल्फी ले रहे थे कि अचानक से हजारों लोग आ गए और हमला कर दिया. हमारी पगड़ी तक पर हमला किया गया. कहीं न कहीं हमें मारने की साजिश थी. लेकिन किसानों का आंदोलन अभी चल रहा है, उसमें कोई खलल न आए इसलिए कोई एक्शन नहीं लेंगे.

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उन्होंने कहा कि मैंने भी बार बार कहा है कि इसके पीछे वह लोग हैं जो 20-20 की बात करते हैं. खालिस्तान की बात करते हैं. अच्छा हुआ कि 26 जनवरी को जो होना था मेरे साथ हो गया. उन्होंने कहा कि किसानों ने तो हमें वहां से निकालने की कोशिश की.

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