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सांसद प्रताप सिंह बाजवा का आचरण शर्मनाक :अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर लोकसभा एवं राज्यसभा में कामकाज को बाधित करने के लिए कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए जिन लोगों को संसद भेजा था, वे नियम विरूद्ध व्यवहार कर रहे हैं.

अनुराग ठाकुर
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Published : Aug 11, 2021, 7:21 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा के अशोभनीय आचरण की तुलना 26 जनवरी को लाल किले में हुई हुड़दंग की घटना से करते हुए कहा कि सदन में आसन की ओर फाइल फेंका जाना एक 'शर्मनाक' घटना थी.

उन्होंने लोकसभा एवं राज्यसभा में कामकाज को बाधित करने के लिए कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए जिन लोगों को संसद भेजा था, वे नियम विरूद्ध व्यवहार कर रहे हैं.

इसे भी पढ़े-OBC List : 127वें संविधान संशोधन पर राज्य सभा में चर्चा, कांग्रेस ने पूछा- जातीय जनगणना से क्यों भाग रही सरकार

राज्यसभा में मंगलवार को जब कृषि के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने वाली थी तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच बाजवा को सदन के भीतर अधिकारियों की मेज पर चढ़कर एक सरकारी फाइल को आसन की ओर फेंकते हुए देखा गया.

ठाकुर ने कहा, 'मेज पर चढ़कर फाइल फेंकना एक शर्मनाक घटना थी.'

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा, इस तरह के कृत्य को अंजाम देकर यदि कोई गौरव महसूस करे तो मुझे लगता है कि 26 जनवरी की शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है. बाजवा ने कहा था कि उन्हें राज्यसभा में हंगामा करने पर कोई पश्चाताप नहीं है तथा कृषि कानूनों के विरूद्ध आवाज उठाने के लिए वह किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं.

कांग्रेस सांसद ने कहा, मुझे कोई खेद नहीं है. यदि सरकार तीन काले कृषि कानूनों पर चर्चा का अवसर नहीं देगी तो मैं इसे 100 बार फिर से करूंगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा के अशोभनीय आचरण की तुलना 26 जनवरी को लाल किले में हुई हुड़दंग की घटना से करते हुए कहा कि सदन में आसन की ओर फाइल फेंका जाना एक 'शर्मनाक' घटना थी.

उन्होंने लोकसभा एवं राज्यसभा में कामकाज को बाधित करने के लिए कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए जिन लोगों को संसद भेजा था, वे नियम विरूद्ध व्यवहार कर रहे हैं.

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राज्यसभा में मंगलवार को जब कृषि के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने वाली थी तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच बाजवा को सदन के भीतर अधिकारियों की मेज पर चढ़कर एक सरकारी फाइल को आसन की ओर फेंकते हुए देखा गया.

ठाकुर ने कहा, 'मेज पर चढ़कर फाइल फेंकना एक शर्मनाक घटना थी.'

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा, इस तरह के कृत्य को अंजाम देकर यदि कोई गौरव महसूस करे तो मुझे लगता है कि 26 जनवरी की शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है. बाजवा ने कहा था कि उन्हें राज्यसभा में हंगामा करने पर कोई पश्चाताप नहीं है तथा कृषि कानूनों के विरूद्ध आवाज उठाने के लिए वह किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं.

कांग्रेस सांसद ने कहा, मुझे कोई खेद नहीं है. यदि सरकार तीन काले कृषि कानूनों पर चर्चा का अवसर नहीं देगी तो मैं इसे 100 बार फिर से करूंगा.

(पीटीआई-भाषा)

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