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सांसद मनिकम टैगोर ने कराईकुडी में NEERI की शाखा खोलने की मांग की - Council of Scientific and Industrial Research

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर (Lok Sabha MP Manickam Tagore) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर शिवकाशी में NEERI की एक शाखा खोलने का आग्रह किया.

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मनिकम टैगोर
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Published : Dec 6, 2021, 5:10 PM IST

Updated : Dec 6, 2021, 5:36 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर (Lok Sabha MP Manickam Tagore) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर शिवकाशी में पटाखों के उत्पादन (fireworks manufacturing in Sivakasi ) में कमी के मुद्दे का जिक्र किया और उनसे कराईकुडी में NEERI की एक शाखा खोलने का आग्रह किया.

उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि शिवकाशी, जिसे भारत का आतिशबाजी हब (Fireworks Hub of India) कहा जाता है, वहां घरेलू जरूरत की 90% आतिशबाजी सामाग्री निर्मित की जा रही है, जिसका वार्षिक कारोबार 10,000 करोड़ रुपये है. यहां लगभग एक हजार आतिशबाजी कारखाने हैं और लगभग 6.5 लाख परिवार अपनी आजीविका के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस उद्योग पर निर्भर हैं.

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सांसद मनिकम टैगोर ने पीएम को लिखा पत्र

पत्र में कहा गया है कि कोर्ट द्वारा 2018 में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, ये इकाइयां अपने उत्पादों के लिए बाजार में अनिश्चितता के साथ-साथ आर्थिक संकट में हैं. यह फैक्ट्रियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक निर्धारित फॉर्मूले के साथ ही ग्रीन पटाखों का निर्माण (manufacturing green crackers) कर रही हैं.

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सांसद मनिकम टैगोर ने पीएम को लिखा पत्र

गौरतलब है कि राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (National Environmental Engineering Research Institute ), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific & Industrial Research ) का एक घटक है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए सक्षम प्रमाणन प्राधिकरण है कि मानकों के अनुसार ग्रीन क्रैकर्स का उत्पादन किया जा रहा है. इसका मुख्यालय नागपुर में है.

सांसद मनिकम टैगोर का बयान

मनिकम टैगोर ने अपने पत्र में दावा किया कि लगभग 150 विनिर्माण इकाइयों ने अब तक ग्रीन पटाखों के उत्पादन (production of green crackers ) के लिए NEERI और CSIR से प्रमाण पत्र प्राप्त किया है. चूंकि पर्यावरणीय मुद्दों के आधार पर लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों के कारण पटाखों का निर्माण पहले ही काफी कम हो गया है, इसलिए उद्योग का वार्षिक उत्पादन 50% तक कम हो गया है.

पढ़ें - ट्रेड यूनियनों का फरवरी में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान

इस स्थिति में छोटी विनिर्माण इकाइयों की सहायता करने और उनके उत्पादों को जल्द से जल्द प्रमाणित करने के लिए कराईकुडी में NEERI की एक शाखा स्थापित करने की आवश्यकता है. इतना ही नहीं कांग्रेस सांसद ने आज लोकसभा में भी यही मुद्दा उठाया.

नई दिल्ली : कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर (Lok Sabha MP Manickam Tagore) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर शिवकाशी में पटाखों के उत्पादन (fireworks manufacturing in Sivakasi ) में कमी के मुद्दे का जिक्र किया और उनसे कराईकुडी में NEERI की एक शाखा खोलने का आग्रह किया.

उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि शिवकाशी, जिसे भारत का आतिशबाजी हब (Fireworks Hub of India) कहा जाता है, वहां घरेलू जरूरत की 90% आतिशबाजी सामाग्री निर्मित की जा रही है, जिसका वार्षिक कारोबार 10,000 करोड़ रुपये है. यहां लगभग एक हजार आतिशबाजी कारखाने हैं और लगभग 6.5 लाख परिवार अपनी आजीविका के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस उद्योग पर निर्भर हैं.

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सांसद मनिकम टैगोर ने पीएम को लिखा पत्र

पत्र में कहा गया है कि कोर्ट द्वारा 2018 में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, ये इकाइयां अपने उत्पादों के लिए बाजार में अनिश्चितता के साथ-साथ आर्थिक संकट में हैं. यह फैक्ट्रियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक निर्धारित फॉर्मूले के साथ ही ग्रीन पटाखों का निर्माण (manufacturing green crackers) कर रही हैं.

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सांसद मनिकम टैगोर ने पीएम को लिखा पत्र

गौरतलब है कि राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (National Environmental Engineering Research Institute ), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific & Industrial Research ) का एक घटक है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए सक्षम प्रमाणन प्राधिकरण है कि मानकों के अनुसार ग्रीन क्रैकर्स का उत्पादन किया जा रहा है. इसका मुख्यालय नागपुर में है.

सांसद मनिकम टैगोर का बयान

मनिकम टैगोर ने अपने पत्र में दावा किया कि लगभग 150 विनिर्माण इकाइयों ने अब तक ग्रीन पटाखों के उत्पादन (production of green crackers ) के लिए NEERI और CSIR से प्रमाण पत्र प्राप्त किया है. चूंकि पर्यावरणीय मुद्दों के आधार पर लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों के कारण पटाखों का निर्माण पहले ही काफी कम हो गया है, इसलिए उद्योग का वार्षिक उत्पादन 50% तक कम हो गया है.

पढ़ें - ट्रेड यूनियनों का फरवरी में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान

इस स्थिति में छोटी विनिर्माण इकाइयों की सहायता करने और उनके उत्पादों को जल्द से जल्द प्रमाणित करने के लिए कराईकुडी में NEERI की एक शाखा स्थापित करने की आवश्यकता है. इतना ही नहीं कांग्रेस सांसद ने आज लोकसभा में भी यही मुद्दा उठाया.

Last Updated : Dec 6, 2021, 5:36 PM IST
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