नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को चुनाव आयोग से असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के खिलाफ राज्य के सभी प्रमुख दैनिक अखबारों के फ्रंट पेज पर विज्ञापन के प्रकाशन के खिलाफ शिकायत की है. इस विज्ञापन में राज्य में चल रहे चुनावों में जीत की भविष्यवाणी की गई है.
मीडिया को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने प्रमुख दैनिक अखबारों के विज्ञापन पृष्ठ में असम में अपनी जीत की भविष्यवाणी की है. यह नियमों का उल्लंघन है.
भारतीय चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार अगर कोई टेरो रीडर भी चुनाव के दौरान कुछ भी भविष्यवाणी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यहां तो एक राजनीतिक दल, जो केंद्र में सत्ता में है, वह यह काम कर रहा है.
चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की बैठक के दौरान मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 के खिलाफ है और पूरी तरह से गैरकानूनी और विरोधाभासी है, क्योंकि चुनाव आयोग का अपना परिपत्र भी भविष्यवाणी के प्रसार को प्रतिबंधित करता है, यहां तक कि थर्ड पार्टी, ज्योतिषी या टेरो रीडर या किसी राजनीतिक विश्लेषक द्वारा कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें आश्वासन दिया है कि वह असम में अपने पर्यवेक्षकों से रिपोर्ट मांगेगे.
इस बीच कांग्रेस ने चुनाव आयोग के सामने एक और मुद्दा उठाया और यह आरोप लगाया गया कि भाजपा असम के नेता और राज्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के प्रमुख हाग्रामा मोहिलारी को एनआईए द्वारा गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हेमंत बिस्वा सरमा खुले तौर पर कांग्रेस के सहयोगी दल को यह कहकर डराते और धमकाते रहते हैं कि वह उन्हें एनआईए के माध्यम से गिरफ्तार किए गए नेताओं से मिलाएंगे.
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कामत ने संवाददाताओं से कहा कि यह खुले तौर पर चुनावों के बीच केंद्रीय जांच एजेंसी की मदद लेना है, जो आईपीसी और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत पूरी तरह से निषिद्ध है.
उन्होंने आगे बताया कि चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह मंत्री से रिपोर्ट के साथ-साथ पर्यवेक्षकों की भी रिपोर्ट लेगा और इस संबंध में कार्रवाई करेगा.
चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस ने यह आरोप लगाया गया है कि सरमा ने बीपीएफ सहित कांग्रेस गठबंधन को वोट नहीं देने के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने का भी प्रयास किया है.