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भारत जोड़ो यात्रा के यूपी चरण के लिए मायावती और अखिलेश को आमंत्रित कर सकती है कांग्रेस

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों नई दिल्ली में है. यहां यात्रा एक हफ्ते के विश्राम पर है. इसके बाद यात्रा उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होगी. लेकिन इससे पहले कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सपा और बसपा प्रमुख को आमंत्रित करने का विचार कर रही है. पढ़ें इस पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Bharat Jodo Yatra and Salman Khurshid
भारत जोड़ो यात्रा और सलमान खुर्शीद
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Published : Dec 26, 2022, 9:18 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश चरण के दौरान मायावती और अखिलेश यादव जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को आमंत्रित करेगी, ताकि पैदल मार्च के संदेश को व्यापक बनाया जा सके. यात्रा 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक अवकाश पर है और 3 जनवरी को नई दिल्ली से फिर से शुरू होगी और उसी दिन यूपी में प्रवेश करेगी. यात्रा तीन दिनों तक पश्चिमी यूपी से होकर गुजरेगी और 5 जनवरी को हरियाणा में प्रवेश करेगी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जो भारत जोड़ो यात्रा के यूपी समन्वयक हैं, उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि 'हम आंतरिक रूप से और कई समान विचारधारा वाले दलों के साथ तारीखों और लॉजिस्टिक्स पर काम करने की प्रक्रिया में हैं. जरूरत पड़ी तो जल्द ही इन प्रमुख नेताओं को औपचारिक न्योता भेजा जाएगा. हम यात्रा के साथ अन्य छोटे दलों को भी शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं. यह विभिन्न लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और समझ की एक बड़ी भावना लाने के लिए एक समावेशी यात्रा है.'

उन्होंने कहा कि 'यह केवल कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं है. हम केवल यात्रा को प्रायोजित कर रहे हैं. यह यात्रा उन सभी लोगों के लिए है, जो इस बात से चिंतित हैं कि आज भारत कैसा है. हमें उम्मीद है कि अन्य लोग भी हमारे साथ जुड़ेंगे और इसे राजनीतिक मंच के रूप में नहीं लेंगे.' खुर्शीद के मुताबिक, कांग्रेस की कोशिश आसान नहीं हो सकती है और अगर इसके साथ आने के लिए कुछ राजनीतिक मतभेदों को दूर करने की जरूरत है, तो उन्हें सुलझा लिया जाएगा.

खुर्शीद ने कहा 'हम यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओपी राजभर से पहले ही बात कर ली है. यदि कोई मौजूदा कोणीयताएं हैं, तो उसे दूर कर लिया जाएगा.' बता दें कि ओपी राजभर बीजेपी के पूर्व सहयोगी हैं. यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और पूर्व लोकसभा सांसद खुर्शीद के अनुसार, यूपी में कांग्रेस के छह क्षेत्रीय प्रभारी ने हाल ही में राहुल गांधी के नेतृत्व वाले मुख्य कार्यक्रम के लिए जमीन तैयार करने के लिए राज्य भर में छोटी यात्राएं कीं.

खुर्शीद ने कहा कि 'इन स्थानीय यात्राओं के पीछे दो उद्देश्य थे. एक हमारे कार्यकर्ताओं को मुख्य यात्रा के लिए तैयार करना और दूसरा उनमें भविष्य के लिए विश्वास पैदा करना.' राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, जिन्होंने सलमान खुर्शीद को क्षेत्रीय दलों को शामिल करने का सुझाव दिया था, उन्होंने कहा कि स्थानीय यात्राओं से आने वाले दिनों में पार्टी को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी. तिवारी ने कहा 'यूपी एक बड़ा राज्य है. राज्य इकाई प्रमुख अपना काम कर रहे हैं जबकि क्षेत्रीय प्रभारी अपना काम कर रहे हैं.'

पढ़ें: अटल स्मारक पर राहुल गांधी द्वारा श्रद्धाजंलि केवल फोटो अपॉर्चुनिटी- बीजेपी

आगे उन्होंने कहा कि 'पहले भी हमारे पास जोनल प्रभारी थे, जो इसी तरह की भूमिका निभाते थे. मुझे लगता है कि प्रारंभिक यात्राओं से यूपी में संगठन को मजबूत करने में मदद मिलेगी.' उत्तर प्रदेश में दशकों से हाशिये पर रही कांग्रेस इस यात्रा सद्भावना से यूपी में जनसंपर्क कार्यक्रम के छोटे कार्यकाल में लाभ की उम्मीद कर रही है. पार्टी के एक रणनीतिकार ने कहा, इसलिए सहयोगियों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है. 2022 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस की संख्या 2017 में 7/403 से घटकर सिर्फ 2 रह गई. पार्टी के पास यूपी में सिर्फ 1/80 लोकसभा सीटें हैं.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश चरण के दौरान मायावती और अखिलेश यादव जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को आमंत्रित करेगी, ताकि पैदल मार्च के संदेश को व्यापक बनाया जा सके. यात्रा 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक अवकाश पर है और 3 जनवरी को नई दिल्ली से फिर से शुरू होगी और उसी दिन यूपी में प्रवेश करेगी. यात्रा तीन दिनों तक पश्चिमी यूपी से होकर गुजरेगी और 5 जनवरी को हरियाणा में प्रवेश करेगी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जो भारत जोड़ो यात्रा के यूपी समन्वयक हैं, उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि 'हम आंतरिक रूप से और कई समान विचारधारा वाले दलों के साथ तारीखों और लॉजिस्टिक्स पर काम करने की प्रक्रिया में हैं. जरूरत पड़ी तो जल्द ही इन प्रमुख नेताओं को औपचारिक न्योता भेजा जाएगा. हम यात्रा के साथ अन्य छोटे दलों को भी शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं. यह विभिन्न लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और समझ की एक बड़ी भावना लाने के लिए एक समावेशी यात्रा है.'

उन्होंने कहा कि 'यह केवल कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं है. हम केवल यात्रा को प्रायोजित कर रहे हैं. यह यात्रा उन सभी लोगों के लिए है, जो इस बात से चिंतित हैं कि आज भारत कैसा है. हमें उम्मीद है कि अन्य लोग भी हमारे साथ जुड़ेंगे और इसे राजनीतिक मंच के रूप में नहीं लेंगे.' खुर्शीद के मुताबिक, कांग्रेस की कोशिश आसान नहीं हो सकती है और अगर इसके साथ आने के लिए कुछ राजनीतिक मतभेदों को दूर करने की जरूरत है, तो उन्हें सुलझा लिया जाएगा.

खुर्शीद ने कहा 'हम यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओपी राजभर से पहले ही बात कर ली है. यदि कोई मौजूदा कोणीयताएं हैं, तो उसे दूर कर लिया जाएगा.' बता दें कि ओपी राजभर बीजेपी के पूर्व सहयोगी हैं. यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और पूर्व लोकसभा सांसद खुर्शीद के अनुसार, यूपी में कांग्रेस के छह क्षेत्रीय प्रभारी ने हाल ही में राहुल गांधी के नेतृत्व वाले मुख्य कार्यक्रम के लिए जमीन तैयार करने के लिए राज्य भर में छोटी यात्राएं कीं.

खुर्शीद ने कहा कि 'इन स्थानीय यात्राओं के पीछे दो उद्देश्य थे. एक हमारे कार्यकर्ताओं को मुख्य यात्रा के लिए तैयार करना और दूसरा उनमें भविष्य के लिए विश्वास पैदा करना.' राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, जिन्होंने सलमान खुर्शीद को क्षेत्रीय दलों को शामिल करने का सुझाव दिया था, उन्होंने कहा कि स्थानीय यात्राओं से आने वाले दिनों में पार्टी को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी. तिवारी ने कहा 'यूपी एक बड़ा राज्य है. राज्य इकाई प्रमुख अपना काम कर रहे हैं जबकि क्षेत्रीय प्रभारी अपना काम कर रहे हैं.'

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आगे उन्होंने कहा कि 'पहले भी हमारे पास जोनल प्रभारी थे, जो इसी तरह की भूमिका निभाते थे. मुझे लगता है कि प्रारंभिक यात्राओं से यूपी में संगठन को मजबूत करने में मदद मिलेगी.' उत्तर प्रदेश में दशकों से हाशिये पर रही कांग्रेस इस यात्रा सद्भावना से यूपी में जनसंपर्क कार्यक्रम के छोटे कार्यकाल में लाभ की उम्मीद कर रही है. पार्टी के एक रणनीतिकार ने कहा, इसलिए सहयोगियों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है. 2022 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस की संख्या 2017 में 7/403 से घटकर सिर्फ 2 रह गई. पार्टी के पास यूपी में सिर्फ 1/80 लोकसभा सीटें हैं.

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