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गिरेगी नीतीश सरकार, JDU के विधायक महागठबंधन में होंगे शामिल : तारिक अनवर - Congress leader

कांग्रेस का एक भी विधायक बिहार में टूटने वाला नहीं है. बल्कि जदयू के विधायक महागठबंधन में आएंगे. यह दावा है कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ नेता तारिक अनवर का. उन्होंने तो इतना तक कह दिया कि बिहार में जदयू में बड़ी टूट होगी और महागठबंधन की सरकार बनेगी. पढ़ें रिपोर्ट.

तारिक अनवर
तारिक अनवर
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Published : Jun 18, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 6:06 PM IST

नई दिल्ली/पटनाः कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ नेता तारिक अनवर (Tarique anwar) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि जदयू (JDU) में जल्द ही बड़ी टूट होगी. कई विधायक महागठबंधन में शामिल हो जाएंगे. जदयू के कई विधायक महागठबंधन के संपर्क में हैं. जदयू के कई विधायक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से नाराज चल रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी.

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary of Congress) ने कहा कि 'बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार पर बहुत दबाव बनाकर रखती है. इससे जदयू के विधायक असहज महसूस करते हैं. कोविड-19 में बिहार सरकार की लापरवाही के कारण कई लोगों की मौत हो गई. कई लोग गंभीर रूप से बीमार हुए. स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. इस कारण से भी जदयू विधायकों एवं खासकर जनता में भी काफी नाराजगी है. बिहार की जनता नीतीश कुमार से छुटकारा चाहती है.'

सुनिए क्या बोले तारिक अनवर

'जबरदस्ती मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार'
तारिक अवनवर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरी नंबर की पार्टी बनी. नीतीश कुमार जबरदस्ती मुख्यमंत्री बने हुए हैं. जनता ने उनको रिजेक्ट कर दिया था. बिहार में नीतीश सरकार जल्द गिर सकती है. क्योंकि जदयू के कई विधायक महागठबंधन में आएंगे. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी. कांग्रेस का एक भी विधायक बिहार में टूटने वाला नहीं है. कोई भी विधायक जदयू में नहीं जाएगा.

यह भी पढ़ें- LJP में टूट, कांग्रेस रह पाएगी एकजुट? 13 विधायकों को अपने पाले में लाकर और ताकतवर बनना चाहते हैं नीतीश

लोजपा के बाद जदयू की नजर कांग्रेस पर
बता दें कि जदयू की तरफ से दावा किया गया था कि लोजपा के बाद अब बिहार में कांग्रेस में टूट होगी. कांग्रेस के करीब 19 में से 14 या 15 विधायक जदयू के संपर्क में हैं. लेकिन तारिक अनवर ने जदयू के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि जदयू के कई विधायक महागठबंधन में आने वाले हैं. बता दें कि लोजपा में जो टूट हुई है, उसमें जेडीयू की अहम भूमिका मानी जा रही है. 6 में से 5 सांसद बागी हो गए हैं. लोजपा के बाद जदयू की नजर कांग्रेस पर है.

तीसरी बार तोड़ने की कोशिश
जेडीयू तीसरी बार कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश में है. एक बार तो उसे कामयाबी भी मिल चुकी है. पार्टी ने अशोक चौधरी के नेतृत्व में चार विधान पार्षदों को अपने साथ लाने में सफलता हासिल की थी. हालांकि विधायकों को तोड़ने में नीतीश कुमार दूसरी बार नाकामयाब साबित हुए थे. संख्या बल पूरे नहीं होने के चलते तब टूट टल गई थी. किसी भी दल में टूट को वैधानिक दर्जा दिलाने के लिए दो तिहाई विधायकों की संख्या होनी चाहिए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी में फिलहाल 19 विधायक हैं और अगर 13 विधायक टूटते हैं तभी विधायकों की सदस्यता बच सकती है.

पढ़ें-भारतीय राजनीति में चाचा और भतीजे के बीच पहले भी हुई तकरार

अजीत शर्मा समेत कई पर नजर
कहा जा रहा है कि 19 विधायकों में 12 विशुद्ध रूप से कांग्रेसी हैं. जबकि 7 विधायक ऐसे हैं, जिनका दलबदल का इतिहास रहा है. वह कई पार्टियों में घूम कर आए हैं. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह और वर्तमान विधायक दल के नेता अजीत शर्मा की नीतीश कुमार से नजदीकियां जगजाहिर है.

सदानंद सिंह तो चुनाव हार गए हैं, लेकिन अजीत शर्मा नीतीश खेमे में जा सकते हैं. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधायक दल का नेता बना कर बड़ा दांव भी खेला है, बावजूद इसके खतरा बना हुआ है.

कांग्रेस के कई विधायकों की नीतीश से नजदीकी रही है

  • बक्सर के विधायक मुन्ना तिवारी की अशोक चौधरी से नजदीकियां जगजाहिर है.
  • वहीं, मनिहारी के विधायक मनोहर प्रसाद सिंह की भी नीतीश कुमार से नजदीकी रही है. 2010 में मनोहर प्रसाद सिंह जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते थे और 2015 में नीतीश कुमार की सहमति पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे.
  • मुजफ्फरपुर से वीरेंद्र चौधरी चुनाव जीते हैं और यह भी 2015 में जेडीयू के टिकट से चुनाव हार चुके हैं. इन्होंने सुरेश शर्मा को चुनाव हराया है.
  • राजपुर के विधायक विश्वनाथ राम 2015 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे. 2020 चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस ज्वाइन की और विधायक बने.
  • विक्रम से विधायक सिद्धार्थ भी पाला बदल सकते हैं. सिद्धार्थ दूसरी बार चुनाव जीते हैं.
  • जमालपुर के विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह पर भी दांव लगाया जा सकता है.

जेडीयू का दावा
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा कहते हैं कि नीतीश कुमार की कार्यशैली से सभी दलों के नेता प्रभावित रहते हैं. पहले भी कांग्रेस छोड़कर कई नेता हमारे दल में शामिल हुए हैं. आने वाले दिनों में भी अगर नीतीश कुमार की नीतियों से प्रभावित होकर नेता आना चाहेंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे. वैसे कांग्रेस के कई नेता हमारे संपर्क में हैं.

पढ़ें- लोजपा अध्यक्ष बनने के बाद बोले पशुपति पारस- भतीजा तानाशाह हो जाए तो चाचा क्या करेगा

बीजेपी का तंज
वहीं, बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा है कि कांग्रेस पहले से ही टूटी हुई है. पार्टी के कई नेता आशियाना तलाश रहे हैं. जब भी उन्हें मौका मिलेगा वे किसी भी दल में जा सकते हैं.

बिहार कांग्रेस में हुई थी बड़ी टूट
आपको बताएं कि साल 2018 में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार विधान पार्षदों ने पार्टी को अलविदा कहकर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इनमें अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर शामिल थे. हालांकि तब कांग्रेस ने इन चारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

यह भी पढ़ें- 'कांग्रेस में कभी नहीं होगी टूट, JDU वाले ख्याली पुलाव पकाते रहें'

नई दिल्ली/पटनाः कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ नेता तारिक अनवर (Tarique anwar) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि जदयू (JDU) में जल्द ही बड़ी टूट होगी. कई विधायक महागठबंधन में शामिल हो जाएंगे. जदयू के कई विधायक महागठबंधन के संपर्क में हैं. जदयू के कई विधायक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से नाराज चल रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी.

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary of Congress) ने कहा कि 'बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार पर बहुत दबाव बनाकर रखती है. इससे जदयू के विधायक असहज महसूस करते हैं. कोविड-19 में बिहार सरकार की लापरवाही के कारण कई लोगों की मौत हो गई. कई लोग गंभीर रूप से बीमार हुए. स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. इस कारण से भी जदयू विधायकों एवं खासकर जनता में भी काफी नाराजगी है. बिहार की जनता नीतीश कुमार से छुटकारा चाहती है.'

सुनिए क्या बोले तारिक अनवर

'जबरदस्ती मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार'
तारिक अवनवर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू तीसरी नंबर की पार्टी बनी. नीतीश कुमार जबरदस्ती मुख्यमंत्री बने हुए हैं. जनता ने उनको रिजेक्ट कर दिया था. बिहार में नीतीश सरकार जल्द गिर सकती है. क्योंकि जदयू के कई विधायक महागठबंधन में आएंगे. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी. कांग्रेस का एक भी विधायक बिहार में टूटने वाला नहीं है. कोई भी विधायक जदयू में नहीं जाएगा.

यह भी पढ़ें- LJP में टूट, कांग्रेस रह पाएगी एकजुट? 13 विधायकों को अपने पाले में लाकर और ताकतवर बनना चाहते हैं नीतीश

लोजपा के बाद जदयू की नजर कांग्रेस पर
बता दें कि जदयू की तरफ से दावा किया गया था कि लोजपा के बाद अब बिहार में कांग्रेस में टूट होगी. कांग्रेस के करीब 19 में से 14 या 15 विधायक जदयू के संपर्क में हैं. लेकिन तारिक अनवर ने जदयू के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि जदयू के कई विधायक महागठबंधन में आने वाले हैं. बता दें कि लोजपा में जो टूट हुई है, उसमें जेडीयू की अहम भूमिका मानी जा रही है. 6 में से 5 सांसद बागी हो गए हैं. लोजपा के बाद जदयू की नजर कांग्रेस पर है.

तीसरी बार तोड़ने की कोशिश
जेडीयू तीसरी बार कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश में है. एक बार तो उसे कामयाबी भी मिल चुकी है. पार्टी ने अशोक चौधरी के नेतृत्व में चार विधान पार्षदों को अपने साथ लाने में सफलता हासिल की थी. हालांकि विधायकों को तोड़ने में नीतीश कुमार दूसरी बार नाकामयाब साबित हुए थे. संख्या बल पूरे नहीं होने के चलते तब टूट टल गई थी. किसी भी दल में टूट को वैधानिक दर्जा दिलाने के लिए दो तिहाई विधायकों की संख्या होनी चाहिए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी में फिलहाल 19 विधायक हैं और अगर 13 विधायक टूटते हैं तभी विधायकों की सदस्यता बच सकती है.

पढ़ें-भारतीय राजनीति में चाचा और भतीजे के बीच पहले भी हुई तकरार

अजीत शर्मा समेत कई पर नजर
कहा जा रहा है कि 19 विधायकों में 12 विशुद्ध रूप से कांग्रेसी हैं. जबकि 7 विधायक ऐसे हैं, जिनका दलबदल का इतिहास रहा है. वह कई पार्टियों में घूम कर आए हैं. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह और वर्तमान विधायक दल के नेता अजीत शर्मा की नीतीश कुमार से नजदीकियां जगजाहिर है.

सदानंद सिंह तो चुनाव हार गए हैं, लेकिन अजीत शर्मा नीतीश खेमे में जा सकते हैं. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधायक दल का नेता बना कर बड़ा दांव भी खेला है, बावजूद इसके खतरा बना हुआ है.

कांग्रेस के कई विधायकों की नीतीश से नजदीकी रही है

  • बक्सर के विधायक मुन्ना तिवारी की अशोक चौधरी से नजदीकियां जगजाहिर है.
  • वहीं, मनिहारी के विधायक मनोहर प्रसाद सिंह की भी नीतीश कुमार से नजदीकी रही है. 2010 में मनोहर प्रसाद सिंह जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते थे और 2015 में नीतीश कुमार की सहमति पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे.
  • मुजफ्फरपुर से वीरेंद्र चौधरी चुनाव जीते हैं और यह भी 2015 में जेडीयू के टिकट से चुनाव हार चुके हैं. इन्होंने सुरेश शर्मा को चुनाव हराया है.
  • राजपुर के विधायक विश्वनाथ राम 2015 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे. 2020 चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस ज्वाइन की और विधायक बने.
  • विक्रम से विधायक सिद्धार्थ भी पाला बदल सकते हैं. सिद्धार्थ दूसरी बार चुनाव जीते हैं.
  • जमालपुर के विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह पर भी दांव लगाया जा सकता है.

जेडीयू का दावा
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा कहते हैं कि नीतीश कुमार की कार्यशैली से सभी दलों के नेता प्रभावित रहते हैं. पहले भी कांग्रेस छोड़कर कई नेता हमारे दल में शामिल हुए हैं. आने वाले दिनों में भी अगर नीतीश कुमार की नीतियों से प्रभावित होकर नेता आना चाहेंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे. वैसे कांग्रेस के कई नेता हमारे संपर्क में हैं.

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बीजेपी का तंज
वहीं, बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा है कि कांग्रेस पहले से ही टूटी हुई है. पार्टी के कई नेता आशियाना तलाश रहे हैं. जब भी उन्हें मौका मिलेगा वे किसी भी दल में जा सकते हैं.

बिहार कांग्रेस में हुई थी बड़ी टूट
आपको बताएं कि साल 2018 में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार विधान पार्षदों ने पार्टी को अलविदा कहकर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इनमें अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर शामिल थे. हालांकि तब कांग्रेस ने इन चारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

यह भी पढ़ें- 'कांग्रेस में कभी नहीं होगी टूट, JDU वाले ख्याली पुलाव पकाते रहें'

Last Updated : Jun 18, 2021, 6:06 PM IST
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