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1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय, कोर्ट ने किया तलब - 1984 सिख विरोधी दंगा

दिल्ली की कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आरोप तय किया है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने सज्जन कुमार को 16 दिसंबर को तलब किया है.

Sajjan Kumar
Sajjan Kumar
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Published : Dec 7, 2021, 6:36 PM IST

नई दिल्ली : राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आरोप तय किया है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने सज्जन कुमार को 16 दिसंबर को तलब किया है.

एक नवंबर 1984 में पश्चिमी दिल्ली के राजनगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके स्थित घर पर सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.

शिकायत के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.

शिकायतकर्ता ने सज्जन कुमार की पहचान तब की जब उसने सज्जन कुमार की एक तस्वीर देखी. इस मामले को 1984 में बंद कर दिया गया था, लेकिन जब एसआईटी ने इसे दोबारा खोलने का आदेश दिया तब राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय किए. कोर्ट ने कहा कि इस बात के पर्याप्त तथ्य हैं कि आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए जाएं.

पढ़ेंः केंद्र ने किसानों को प्रस्ताव भेजा, आंदोलन पर फैसला कल

नई दिल्ली : राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आरोप तय किया है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने सज्जन कुमार को 16 दिसंबर को तलब किया है.

एक नवंबर 1984 में पश्चिमी दिल्ली के राजनगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके स्थित घर पर सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.

शिकायत के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.

शिकायतकर्ता ने सज्जन कुमार की पहचान तब की जब उसने सज्जन कुमार की एक तस्वीर देखी. इस मामले को 1984 में बंद कर दिया गया था, लेकिन जब एसआईटी ने इसे दोबारा खोलने का आदेश दिया तब राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय किए. कोर्ट ने कहा कि इस बात के पर्याप्त तथ्य हैं कि आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए जाएं.

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