समस्तीपुर : बिहार के समस्तीपुर में पोस्टमॉर्टम कर्मी नागेंद्र मल्लिक द्वारा शव देने के बदले 50 हजार रुपये मांगने का मामला तूल पकड़ रहा है. विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में जुट गया है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी (Rahul Gandhi Demand Report On Samastipur Case) है. इस बाबत समस्तीपुर जिला कांग्रेस में फोन भी आ गया है. जिला अध्यक्ष अबू तमीम ने कहा कि राहुल गांधी के कार्यालय से फोन आया था. घटना की जानकारी मांगी गई है. एक कमेटी मामले की जांच करेगी और राहुल गांधी को रिपोर्ट भेजी जाएगी.
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बता दें कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई हुई है. पोस्टमॉर्टम कर्मी नागेंद्र मल्लिक निलंबित हो (Nagendra Mallick suspended in Samastipur) गया है. जांच टीम की रिपोर्ट के बाद सिविल सर्जन ने यह कार्रवाई की है. नागेंद्र मल्लिक पर 50 हजार रुपए मांगने का आरोप लगा था. यह मामला तब सामने आया था, जब एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें मृतक का पिता बेटे के शव को लाने के लिए भीख मांग रहा था. वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया था. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस मामले में 24 घंटे में CMHO से पूरी रिपोर्ट मांगी थी. समस्तीपुर डीएम योगेंद्र सिंह ने सिविल सर्जन को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिए थे.
पोस्टमॉर्टम कर्मी ने मांगे 50 हजार : दरअसल, ताजपुर थाना क्षेत्र के कस्बे आहर गांव निवासी महेश ठाकुर का मानसिक रूप से विक्षिप्त 25 वर्षीय पुत्र संजीव ठाकुर 25 मई से घर से लापता हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला. 7 जून को उन्हें जानकारी मिली कि मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में एक अज्ञात युवक के शव को पुलिस ने बरामद किया है. जिसके बाद वो मुसरीघरारी थाना पहुंचे. थाना से जानकारी दी गई कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. तब वो सदर अस्पताल पहुंचे और वहां अपने बेटे का शव मांगा, लेकिन वहां मौजूद कर्मी ने शव देने से इंकार कर दिया और 50 हजार रुपये की मांग की.
आरोप को बताया था निराधार : हालांकि नागेंद्र मल्लिक का कहना था कि आरोप निराधार हैं. अज्ञात शव बरामद करने के बाद कमरे में सुरक्षित रखा गया था. दो लोग पहचान करने पहुंचे थे. उन्हें शव दिखाया तो पहचान हो गई. शव मांगने पर पन्नी व कपड़ा लाने के बाद थाना जाने को कहा और बिना पुलिस के कहने पर शव देने से इन्कार किया. रुपये मांगने का आरोप गलत है.
'पोस्टमॉर्टम कर्मी शव दिखाने के लिए तैयार नहीं था. पुलिस ने लाश दिखाने को कहा तो हमको लाश दिखाया गया. पांच लोग अस्पताल गए थे. जब शव मांगे तो बोला कि पहले 50 हजार लाओ, तब शव मिलेगा. नहीं तो जाओ. हमने बहुत विनती की कि हम गरीब आदमी हैं, इतनी रकम कहां से लांएगे, फिर भी किसी तरह 20 हजार रुपया दिया. लेकिन वो शव देने के लिए तैयार नहीं हुआ. फिर थक हार के हम लोग घर चले आए'- महेश ठाकुर, मृतक के पिता
पोस्टमॉर्टम कर्मी पर पहले भी लगा था आरोप : गौरतलब है कि सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के नाम पर रुपये मांगने का यह कोई पहला मामला नहीं है. सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम कर्मी द्वारा पिछले महीने भी एक मृतक के परिजन से सौदेबाजी का वीडियो वायरल हुआ था. जांच टीम ने कर्मी को दोषी करार दिया था. फिर भी उसे नहीं हटाया गया. अब जबकि ये दूसरा वीडियो सामने आया तो अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में शव पुलिस को सौंप दिया. जिसके बाद पुलिस ने परिवार वालों को शव को दिया और फिर उसका अंतिम संस्कार किया गया.
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