नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी है. बिहार चुनाव में कांग्रेस ने महज 25 फीसदी सीटें ही जीती हैं. इस मामले पर कई लोगों का मानना है कि राष्ट्रीय जनता दल के साथ सीटों के गड़बड़ बंटवारे की वजह से ऐसा हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के नेता भी इस हार के बाद के गणित को स्वीकार कर रहे हैं.
2015 के मुकाबले नहीं रहा अच्छा प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया से बात की. पुनिया ने कहा कि अब जब हम हार गए हैं, तो स्वाभाविक रूप से हार की ठीकरा किसी और पर नहीं फोड़ा जा सकता. उन्होंने कहा कि 2015 के मुकाबले हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. पुनिया ने ईटीवी भारत से कहा कि पिछली बार पार्टी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 पर हमने जीत दर्ज की थी. वहीं, इस बार हमने 70 सीटों पर बिहार चुनाव लड़ा, उनमें से हम सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2015 की तरह चुनाव लड़ती, तो आज शायद स्थिति बदली हुई होती.
सीमांचल में बीजेपी ने खेला खेल
राज्यसभा सदस्य ने आगे कहा कि बिहार चुनाव में हमारे नुकसान का एक बड़ा कारण यह है कि बीजेपी ने सीमांचल क्षेत्र में AIMIM से लड़कर एक खेल खेला. जहां उन्होंने महागठबंधन के वोटों को नुकसान पहुंचाया. पुनिया ने कहा कि कांग्रेस ने राजद (144) के बाद महागठबंधन में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उसमें से हम सिर्फ 19 सीटें जीतने में सफल रहे, जबकि देश की सबसे पुरानी पार्टी वाम दलों ने इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि विश्लेषण कहता है कि अगर तेजस्वी यादव ने कांग्रेस पार्टी की मांग नहीं मानी होती और बेहतर बातचीत की होती, तो प्रदर्शन बेहतर हो सकता था.
चुनाव परिणामों की होगी समीक्षा
पीएल पुनिया ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि कांग्रेस ने बिहार चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है और मैं आपको आश्वासन देता हूं कि इसकी समीक्षा की जाएगी. जिसके बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. इस बीच, कांग्रेस और राजद ने भी बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. जिसमें एनडीए पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगा. इसके लिए दोनों दलों ने पटना चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई.
रणदीप सुरजेवाला ने किया ट्वीट
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने देर रात एक ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार चुनाव में कितना फर्जीवाड़ा होगा? किशनगंज से कांग्रेस उम्मीदवार ने 1266 वोटों से जीत हासिल की थी. बीजेपी कैंडिडेट घर चले गए थे, लेकिन हमारे उम्मीदवार को जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है. बिहार में लोकतंत्र और जनादेश की हत्या और अपहरण किया जा रहा है.
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पार्टी के नेतृत्व पर उठेगा सवाल
बिहार चुनाव में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन निश्चित रूप से पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाएगा. यह अन्य राज्यों में सीट बंटवारे की बातचीत में पार्टी को बैकफुट पर ला सकता है, क्योंकि बिहार में कांग्रेस का गैर-प्रदर्शन चर्चा का एक प्रमुख बिंदु बन गया है. ईटीवी भारत के एक प्रश्न पूछे जाने पर पुनिया ने कहा कि महागठबंधन ने इन चुनावों में अच्छी लड़ाई लड़ी. हमें जो प्रतिक्रिया मिली थी उसके मुताबिक हमें जीत का विश्वास था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल ने भी हमारे पक्ष में परिणाम दिखाए थे, लेकिन आज स्थिति उसके विपरीत है. उन्होंने कहा कि कमोबेश मध्य प्रदेश उपचुनाव में भी पार्टी का यही हाल रहा. उपचुनाव में पार्टी को जो प्रदर्शन करना चाहिए वह नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का बीजेपी में शामिल होना भी खराब प्रदर्शन की एक वजह हो सकती है.