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जीएसटी बढ़ोतरी पर फिर भड़की कांग्रेस, कहा- वैज्ञानिकों तक को सरकार ने नहीं छोड़ा

जीएसटी बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर फिर से निशाना साधा है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने वैज्ञानिकों को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक उपकरणों पर भी सरकार ने जीएसटी बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि क्या सरकार यह समझती है कि सिर्फ कल्पना मात्र से उपलब्धियां मिल जाती हैं.

p chidambaram
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम
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Published : Jul 24, 2022, 1:44 PM IST

नई दिल्ली : वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी में वृद्धि की आलोचना करते हुए, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि सरकार सोचती है कि हमारे लिए आवश्यक सभी वैज्ञानिक ज्ञान आकाश की ओर देखकर और अपने अतीत की फिर से कल्पना कर प्राप्त किए जा सकते हैं. उन्होंने ट्वीट किया, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12-18 प्रतिशत कर दिया गया. यह क्रूर फैसला विज्ञान मंत्रालय के बजट आवंटन को पिछले साल से 3.9 फीसदी कम करने के बाद किया गया है.

  • रिसर्च संस्थानों और विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12-18% किया गया।

    यह क्रूर हरकत विज्ञान मंत्रालय के बजट आवंटन में पिछले वर्ष की तुलना में 3.9% की कमी करने के बाद है।

    — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

घरेलू सामानों पर जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. प्रिंटिंग, राइटिंग या ड्रॉइंग इंक, कटिंग ब्लेड वाले चाकू, चम्मच, कांटे, पेपर चाकू, पेंसिल शार्पनर और एलईडी लैंप जैसे उत्पादों पर टैक्स की दरों को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. 5,000 रुपये प्रति दिन से ऊपर के अस्पताल के कमरों पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा, हालांकि आईसीयू बेड में छूट दी गई है.

कांग्रेस ने कहा कि ये दर संशोधन ऐसे समय में आया है जब मुद्रास्फीति आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है. पार्टी के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार द्वारा खाद्य पदार्थो पर मूल्य वृद्धि और जीएसटी के तत्काल मुद्दों पर बहस करने से इनकार करना एक समस्या है.'

कांग्रेस के पूर्व नेता और निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने सदन में कामकाज के संचालन के लिए प्रक्रिया के नियमों को बदलने की सलाह देते हुए कहा, 'विपक्ष जिस भी मामले पर चर्चा करना चाहता है, उसके लिए हमारे पास सप्ताह का एक दिन होना चाहिए. सरकार को इसका कोई अधिकार नहीं होना चाहिए. वीटो और बिना चर्चा के कोई कानून पारित नहीं होना चाहिए. इस पर विपक्ष को सहयोग करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि जीएसटी बढ़ोतरी पर हम चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार तैयार नहीं हो रही है.

इसका प्रतिवाद करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'विपक्षी दलों को प्रश्नकाल में कोई दिलचस्पी नहीं है. वे बहस में भाग नहीं लेना चाहते हैं और किसी भी विधेयक को पारित करने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रखते हैं. सदन, वे संसद के माननीय सदस्यों के अधिकार छीन रहे हैं.'

ये भी पढ़ें : जीएसटी की नई दरें लागू, अनाज-दाल-आटे के पैक हुए महंगे

नई दिल्ली : वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी में वृद्धि की आलोचना करते हुए, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि सरकार सोचती है कि हमारे लिए आवश्यक सभी वैज्ञानिक ज्ञान आकाश की ओर देखकर और अपने अतीत की फिर से कल्पना कर प्राप्त किए जा सकते हैं. उन्होंने ट्वीट किया, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12-18 प्रतिशत कर दिया गया. यह क्रूर फैसला विज्ञान मंत्रालय के बजट आवंटन को पिछले साल से 3.9 फीसदी कम करने के बाद किया गया है.

  • रिसर्च संस्थानों और विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12-18% किया गया।

    यह क्रूर हरकत विज्ञान मंत्रालय के बजट आवंटन में पिछले वर्ष की तुलना में 3.9% की कमी करने के बाद है।

    — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

घरेलू सामानों पर जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. प्रिंटिंग, राइटिंग या ड्रॉइंग इंक, कटिंग ब्लेड वाले चाकू, चम्मच, कांटे, पेपर चाकू, पेंसिल शार्पनर और एलईडी लैंप जैसे उत्पादों पर टैक्स की दरों को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. 5,000 रुपये प्रति दिन से ऊपर के अस्पताल के कमरों पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा, हालांकि आईसीयू बेड में छूट दी गई है.

कांग्रेस ने कहा कि ये दर संशोधन ऐसे समय में आया है जब मुद्रास्फीति आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है. पार्टी के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार द्वारा खाद्य पदार्थो पर मूल्य वृद्धि और जीएसटी के तत्काल मुद्दों पर बहस करने से इनकार करना एक समस्या है.'

कांग्रेस के पूर्व नेता और निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने सदन में कामकाज के संचालन के लिए प्रक्रिया के नियमों को बदलने की सलाह देते हुए कहा, 'विपक्ष जिस भी मामले पर चर्चा करना चाहता है, उसके लिए हमारे पास सप्ताह का एक दिन होना चाहिए. सरकार को इसका कोई अधिकार नहीं होना चाहिए. वीटो और बिना चर्चा के कोई कानून पारित नहीं होना चाहिए. इस पर विपक्ष को सहयोग करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि जीएसटी बढ़ोतरी पर हम चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार तैयार नहीं हो रही है.

इसका प्रतिवाद करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'विपक्षी दलों को प्रश्नकाल में कोई दिलचस्पी नहीं है. वे बहस में भाग नहीं लेना चाहते हैं और किसी भी विधेयक को पारित करने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रखते हैं. सदन, वे संसद के माननीय सदस्यों के अधिकार छीन रहे हैं.'

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