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कर्नाटक में 'अन्न भाग्य' योजना राेेकने का नुकसान उल्टा बीजेपी को हुआ : जयराम रमेश - एफसीआई कर्नाटक चावल

कांग्रेस ने कहा कि एफसीआई द्वारा अनाज नहीं दिए जाने से कर्नाटक को नुकसान नहीं पहुंचा है, बल्कि उलटे एफसीआई को घाटा हुआ है. पार्टी ने कहा कि अब एफसीआई से उठान घट गया है.

congress leader jairam ramesh
कांग्रेस नेता जयराम रमेश (फाइल फोटो)
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Published : Jul 11, 2023, 4:41 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत कर्नाटक में चावल की बिक्री पर रोक का भाजपा पर उल्टा असर हुआ है. कर्नाटक में अन्न भाग्य योजना को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों का असर अनाज के बेहद कम उठाव के रुप में देखा जा सकता है.

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार चतुर बनने की कोशिश करती है लेकिन खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत 34 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल की बिक्री पर लगाए गए अनुचित प्रतिबंधों से चावल का उठाव बेहद कम हो गया है.

जयराम रमेश ने कहा कि अधिशेष खाद्य भंडार का उपयोग वास्तव में 140 करोड़ लोगों के व्यापक हित में किया जाना चाहिए. लेकिन जनवरी से मई 2023 के बीच, यह अकेले कर्नाटक था जिसने एफसीआई से 95 प्रतिशत से अधिक बिक्री की. यह तब था जब राज्य में भाजपा सरकार सत्ता में थी. 13 मई को चुनाव परिणाम आए जिसमें भाजपा बुरी तरह हार गई। कांग्रेस की सरकार आई.

एफसीआई ने 13 जून को ओएमएसएस के माध्यम से राज्यों को चावल देना बंद कर दिया. उसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के इरादे से 12 जून के अपने बिक्री आदेश को रद्द कर दिया. उन्‍होंने कहा इस बीच हमें इथेनॉल के लिए चावल की 20 रुपये प्रति किलोग्राम की निरंतर बिक्री को नहीं भूलना चाहिए.

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को 'अन्न भाग्य योजना 2.0' के लिए कर्नाटक को चावल बेचने की अनुमति नहीं देने के लिए कांग्रेस भाजपा सरकार की आलोचना करती रही है. सोमवार को राज्य में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 'अन्न भाग्य' योजना के तहत लाभार्थियों को 5 किलोग्राम चावल के बदले नकद भुगतान शुरू किया.

ये भी पढ़ें : Karnataka News: कर्नाटक सरकार की 'अन्न भाग्य' और 'गृह ज्योति' लागू

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत कर्नाटक में चावल की बिक्री पर रोक का भाजपा पर उल्टा असर हुआ है. कर्नाटक में अन्न भाग्य योजना को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों का असर अनाज के बेहद कम उठाव के रुप में देखा जा सकता है.

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार चतुर बनने की कोशिश करती है लेकिन खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत 34 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल की बिक्री पर लगाए गए अनुचित प्रतिबंधों से चावल का उठाव बेहद कम हो गया है.

जयराम रमेश ने कहा कि अधिशेष खाद्य भंडार का उपयोग वास्तव में 140 करोड़ लोगों के व्यापक हित में किया जाना चाहिए. लेकिन जनवरी से मई 2023 के बीच, यह अकेले कर्नाटक था जिसने एफसीआई से 95 प्रतिशत से अधिक बिक्री की. यह तब था जब राज्य में भाजपा सरकार सत्ता में थी. 13 मई को चुनाव परिणाम आए जिसमें भाजपा बुरी तरह हार गई। कांग्रेस की सरकार आई.

एफसीआई ने 13 जून को ओएमएसएस के माध्यम से राज्यों को चावल देना बंद कर दिया. उसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के इरादे से 12 जून के अपने बिक्री आदेश को रद्द कर दिया. उन्‍होंने कहा इस बीच हमें इथेनॉल के लिए चावल की 20 रुपये प्रति किलोग्राम की निरंतर बिक्री को नहीं भूलना चाहिए.

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को 'अन्न भाग्य योजना 2.0' के लिए कर्नाटक को चावल बेचने की अनुमति नहीं देने के लिए कांग्रेस भाजपा सरकार की आलोचना करती रही है. सोमवार को राज्य में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 'अन्न भाग्य' योजना के तहत लाभार्थियों को 5 किलोग्राम चावल के बदले नकद भुगतान शुरू किया.

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(आईएएनएस)

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