नई दिल्ली/बेंगलुरु : हिंदू शब्द को लेकर कांग्रेस नेता के बयान पर घमासान जारी है. भाजपा ने इस पर तीखा हमला बोला है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस ने सोच समझकर यह बयान दिया है, ताकि वह एक कम्युनिटी का वोट पा सके. हालांकि, कांग्रेस ने इसका खंडन किया है. कांग्रेस ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम करना भाजपा का काम है, कांग्रेस का नहीं.
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K'taka |They make statements with half knowledge to appease voters of one community&dream to get minority votes.This is anti-national&everyone should condemn it. Is Rahul Gandhi&Siddaramaiah's silence endorsing Satish's statements?:CM Bommai on K'taka Cong leader Satish Jarkiholi https://t.co/Cfq17AjP5Y pic.twitter.com/xo419Mi2j1
— ANI (@ANI) November 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 8, 2022K'taka |They make statements with half knowledge to appease voters of one community&dream to get minority votes.This is anti-national&everyone should condemn it. Is Rahul Gandhi&Siddaramaiah's silence endorsing Satish's statements?:CM Bommai on K'taka Cong leader Satish Jarkiholi https://t.co/Cfq17AjP5Y pic.twitter.com/xo419Mi2j1
— ANI (@ANI) November 8, 2022
दरअसल, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के सचिव सतीश जरकीहोली की उस विवादित टिप्पणी पर कांग्रेस डैमेज कंट्रोल मोड में नजर आ रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'हिंदू' शब्द फारसी मूल का है और इसका अर्थ 'गंदा' होता है. जरकीहोली ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा. उन्होंने कहा, हमें जाति और धर्म से ऊपर उठना चाहिए. हिंदू धर्म से जुड़ी किसी भी चीज का महिमामंडन करना उचित नहीं है.
इस विवादस्पद टिप्पणी के लिए कांग्रेस ने माफी मांगी और इस बयान से खुद को दूर किया, हिंदू संगठनों ने मंगलवार को उनकी टिप्पणियों के लिए जरकीहोली के खिलाफ नारा देना जारी रखा. कांग्रेस आगामी छह महीने से भी कम समय में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है. कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने स्पष्ट किया है कि हिंदू धर्म जीने का एक तरीका है और एक सभ्यतागत वास्तविकता है. उन्होंने कहा, कांग्रेस ने हर धर्म और आस्था का सम्मान करने के लिए देश का निर्माण किया. यही भारत का सार है.
उन्होंने कहा, जरकीहोली को दिया गया बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और खारिज किए जाने लायक है. हम इसकी स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी ऐसा ही बयान दिया है.
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We don't want to spoil the relationship b/w Hindus & Muslims, they (BJP) are misusing power... we need a secular fabric, let Idgah Maidan be restricted to Idgah, we've many places to celebrate... govt isn't being fair by getting involved in this: KPCC chief DK Shivakumar https://t.co/j9dWzD1ibi pic.twitter.com/UsNAzEhWIT
— ANI (@ANI) November 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इसी बीच जारकीहोली ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी है कि उन्होंने किसी धर्म या भाषा का अपमान नहीं किया है. उन्होंने कहा, यह सच है कि मैंने उल्लेख किया है कि हिंदू शब्द फारसी मूल का है. मैंने इस पर पूरी चर्चा की मांग की है. कांग्रेस नेता ने कहा, यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध हैं कि हिंदू शब्द के अलग-अलग अर्थ हैं. मैंने इस पर जोर दिया है.
उन्होंने कहा, देश भर में पूरे मीडिया में एक शब्द पर टिप्पणियों पर बहस चल रही है. मैं इस मामले पर स्पष्टीकरण दे रहा हूं. यह सतीश जरकीहोली का बयान नहीं था. हर दिन हजारों ऐसे ही भाषण दिए जाते हैं. केवल मेरे बयान को हाइलाइट किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, मैं हिंदू, फारसी, इस्लाम, जैन और बौद्ध धर्म की सीमाओं को लांघकर अपना काम कर रहा हूं. हमें जाति और धर्म से ऊपर उठना चाहिए. इस पृष्ठभूमि में मैंने जो कहा उसमें कुछ भी गलत नहीं है.
जरकीहोली ने कहा कि फारसी शब्दों के यहां आने के बारे में सैकड़ों रिकॉर्ड हैं, उन्होंने कहा कि जिस तरह से यूक्रेन और रूस युद्ध के बारे में बात की जा रही है, इस खबर पर चर्चा की जा रही है. जब हिंदू धर्म से जुड़े मामलों की बात आती है तो चीजों को सनसनीखेज बनाना गलत है.
उन्होंने कहा कि जब हिंदू मारे जाते हैं, तो उन्हें विशेष ध्यान दिया जाता है. लेकिन साथ ही अगर दलितों की हत्या की जाती है तो इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. हिंदू धर्म पर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भाषण सुनना चाहिए. हिन्दू धर्म को एक जीवन पद्धति के रूप में वर्णित किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है.
उन्होंने कहा, मैं किसी का अपमान नहीं करना चाहता. सभी धर्म मेरे समान हैं. मैं जाति और धर्म में विश्वास नहीं करता. मैं उनसे दूरी बनाए रखता हूं. इस मामले पर बहस से किसी को फायदा नहीं होगा. अगर मीडिया अभी भी बहस जारी रखता है तो, मैं मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा. मैंने केवल फारसी शब्द पर बहस की मांग की. मैंने किसी भी धर्म या भाषा का अपमान नहीं किया है और यह मेरा नहीं था, मैंने विकिपीडिया को उद्धृत किया है.
(एक्स्ट्रा इनपुट - आईएएनएस)