बेंगलुरु : सामाजिक कार्यकर्ता पी. मल्लेश द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया की मौजूदगी में की गई ब्राह्मण विरोधी टिप्पणी के बाद कर्नाटक में कांग्रेस डैमेज कंट्रोल मोड में है. ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ मल्लेश की टिप्पणी का विरोध शुरू हो गया, जबकि उनके खिलाफ शिकायतें भी दर्ज की गईं. मामले से चिंतित कांग्रेस पार्टी ने भी सिद्धारमैया को स्थिति से निपटने के लिए स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया था.
विपक्ष के नेता ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह सभी समुदायों का समान रूप से सम्मान करते हैं और कहा कि उन्होंने कभी किसी का अपमान नहीं किया और न ही भविष्य में ऐसा करेंगे. उन्होंने ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक हरनाली से मामले को ने बढ़ाने का आग्रह किया. सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले पी. मल्लेश ने भी अपने बयानों पर खेद जताया है. मैसूरु जिला ब्राह्मण संघ ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है.
गौरतलब है कि मल्लेश ने मैसूर में सिद्धारमैया की पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा था कि किसी भी परिस्थिति में लोगों को ब्राह्मणों और ब्राह्मणवाद पर भरोसा नहीं करना चाहिए, वेदों और उपनिषदों ने इस देश को नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा था, लोगों को बुद्ध का अनुसरण करना चाहिए, हम सभी के पास बुद्ध हैं. उन्होंने दावा किया कि आरक्षण की अधिकतम सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने के पीछे ब्राह्मणों का हाथ है.
मंच पर मौजूद सिद्धारमैया ने किसी भी बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और चुप रहे. इस मुद्दे के विवादास्पद होने के बाद सिद्धारमैया ने कहा कि हालांकि वह मंच पर थे, लेकिन उन्होंने मल्लेश की बातों को सुना नहीं.
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(IANS)