रायपुर : मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की योजनाओं पर नजर डाली जाए तो साफ हो जाएगा कि किस तरह से वो बीजेपी के मुद्दों को बिल्कुल भी उठने नहीं देना चाहती. छत्तीसगढ़ सरकार गोधन न्याय योजना, गौ उत्पादों की बिक्री, गोबर से बिजली के साथ ही राम वन गमन पथ योजना, माता कौशिल्या मंदिर जीर्णोद्धार समेत आदिवासी आरक्षण बिल के जरिए हर उस वर्ग को साधने की कोशिश की है, जिस पर पहले बीजेपी की पकड़ थी. ऐसे में अब बीजेपी को नए वोट बैंक की तलाश है.
कांग्रेस का दावा, हिंदुत्व को लेकर नहीं है चुनौती : कांग्रेस मानती है कि आने वाले दिनों में प्रदेश के अंदर हिंदुत्व को लेकर किसी तरह की चुनौती का सामना कांग्रेस को नहीं करना होगा. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर का कहना है कि "बीजेपी प्रदेश में आचार संहिता लगने से लेकर चुनाव परिणाम आने तक ही सिर्फ राम नाम और हिंदुत्व के नाम का इस्तेमाल करती है. सत्ता में आने के बाद बीजेपी पूंजीपतियों के लिए काम करती है. प्रदेश के भाचा (भांजा) यानी मर्यादा पुरुषोत्तम राम के लिए बीजेपी ने कुछ नहीं किया. माता कौशिल्या के मंदिर के लिए भी कोई काम नहीं किए गए. हिंदुत्व का मुद्दा हो या फिर राम मंदिर का या अन्य कोई मुद्दा. इनको बीजेपी भुना चुकी है. अब इन मुद्दों को लेकर चुनाव में नहीं जाया जा सकता. बीजेपी को सिर्फ राम नाम से चंदा और वोट चाहिए."
सरकार के काम को बीजेपी नहीं मान रही चुनौती : बीजेपी प्रदेश सरकार के एजेंडे और भगवान राम को लेकर चलाई जा रही योजनाओं को चुनौती नहीं मानती. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के मुताबिक "कांग्रेसी राम के रास्ते पर सच्चे रूप में आ जाए, दिखावे के रूप में नहीं. चुनाव में राम भक्त बनने की कोशिश ना करें. चुनावी हिंदू भक्त ना बनें. दिल में यदि है तो उसको प्रदर्शित करें.''
कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व मोड : वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का मानना है कि ''बीजेपी को भी ये आभास हो चुका है कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता. इसलिए कट्टर हिंदूवादी नेता भी दूसरे धर्म और समुदाय को साधने में लगे हैं. वहीं कांग्रेस का एक धड़ा सॉफ्ट हिंदुत्व पर काम कर रहा है. छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार बनने के बाद लगातार हिंदुत्व के क्षेत्र में काम हुआ है. प्रदेश में सीएम भूपेश जिस तरह से गायों के लिए योजनाएं लाए, उनसे बड़ा गौ भक्त कोई नहीं दिख रहा. इसलिए कहीं ना कहीं कांग्रेस ने बीजेपी के कई मुद्दों पर सेंधमारी की है, जिनमें से एक मुद्दा हिंदुत्व का भी है.''
बीजेपी भी अलर्ट : उचित शर्मा के मुताबिक ''बीजेपी को ये पता चल चुका है कि प्रदेश में हिंदुत्व का मुद्दा अब काम नहीं आने वाला है क्योंकि कांग्रेस ने उसमें सेंधमारी कर दी है. यदि बीजेपी ने मंदिर या गायों को लेकर कांग्रेस पर हमला किया तो कांग्रेस के पास एक बड़ा जवाब है. इसलिए आगामी चुनाव में बीजेपी की हिंदुत्व वाली राजनीति का ज्यादा इम्पैक्ट देखने को नहीं मिलेगा.''
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बीजेपी की दूसरे समुदायों पर नजर : राजनीति के जानकारों की मानें तो बीजेपी हमेशा हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली पार्टी रही है. हर बार बीजेपी अपनी रैलियों में कांग्रेस को हिंदू विरोधी करार देती है. लेकिन अब परिस्थिति बदलने लगी है. बीजेपी अब दूसरी जातियों और धर्म समुदाय के लोगों को साधने में जुटी है. इसके विपरीत कांग्रेस हिंदुत्व को लेकर अपना अलग एजेंडा चला रही है. यानी प्रदेश में कांग्रेस का वोट बैंक तो पुराना है ही लेकिन इस बार उन्हें हिंदू वोट बैंक में भी सेंधमारी करने का एडवांटेज मिल सकता है.