नई दिल्ली: कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल और तरुण गोगोई के निधन पर शोक जताने के लिए शुक्रवार को कार्यसमिति की बैठक बुलाई. बैठक में पार्टी ने अपने असंतुष्ट नेताओं को कड़ा संदेश देने की कोशिश की.
कांग्रेस कार्यसमिति ने जो प्रस्ताव पारित किए, उनमें पार्टी ने अपने दोनों नेताओं के योगदान की सराहना की है. अहमद पटेल के लिए कहा है कि 'उनको कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं थी. कांग्रेस का हित उनकी एकमात्र दिलचस्पी थी और कांग्रेस के एजेंडे की उन्नति उनका एकमात्र एजेंडा था. वह मूल रूप से धार्मिक, लेकिन धर्मनिरपेक्ष थे.'
जैसा कि कांग्रेस पार्टी कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद और पी. चिदंबरम जैसे वरिष्ठ नेताओं के भीतर विभिन्न असंतोष की आवाजें देख रही है. अहमद पटेल को ऐसे नेता के रूप में माना जाता था, जो पार्टी के हित को बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों को हल करते थे. उनके निधन के बाद, सीडब्ल्यूसी ने स्पष्ट किया कि पार्टी को अनुशासन के साथ आगे बढ़ना चाहिए.
कांग्रेस पार्टी के मार्गदर्शन में अपनी यात्रा के हर चरण में, सीडब्ल्यूसी कर्तव्य और अनुशासन की भावना के साथ आगे बढ़ेगा. यही अहमद पटेल चाहते थे कि हम अपने मामलों का संचालन करें.
सूत्रों के अनुसार, ये संकल्प पत्र वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने पढ़ा, जो अहमद पटेल के काफी करीबी माने जाते हैं. साथ ही वह जी23 का भी प्रमुख हिस्सा हैं, जिसने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन की ओवरहालिंग की मांग की थी.
गोगोई के कार्यों से प्रेरणा लें
सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने उत्तर पूर्व में पार्टी को मजबूत बनाया. उन्होंने कहा कि 'गोगोई के नेतृत्व में, असम सांप्रदायिक सद्भाव और विकास का मॉडल बना. हाल के महीनों में गोगोई आगामी विधानसभा चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के लिए जनादेश हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे थे. सीडब्ल्यूसी को विश्वास है कि असम के कांग्रेसी और महिलाएं प्रोत्साहन लेना जारी रखेंगे. गोगोई के जीवन और कार्यों से प्रेरणा और उनकी इच्छा को हमें पूरा करना है.'
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