नई दिल्ली : दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की मौत मामले में कांग्रेस ने प्रशासक प्रफुल पटेल को तत्काल हटाने जाने और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है. साथ ही पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि 'मोहन डेलकर ने प्रफुल्ल पटेल पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए मुद्दा संसद में उठाया था. इस मामले में लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखे. उन्होंने फेसबुक पर अपना एक वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनके मेडिकल कॉलेज और आदिवासी भवनों को ध्वस्त किया जा रहा है.'
पवन खेड़ा ने कहा, 'मोहन डेलकर ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में 2019 का चुनाव लड़ा और जीता. इसके बाद उनकी यातना का दौर शुरू हो गया. देश में ये किस तरह की राजनीतिक संस्कृति का चलन है? केंद्रीय जांचकर्ताओं का उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उत्पीड़न में इस्तेमाल किया जा रहा है. मोदीजी और अमित शाहजी के राजनीति करने का ये नया तरीका है.'
पटेल 2016 में बनाए गए थे प्रशासक
कांग्रेस ने उल्लेख किया कि 2010 में अमित शाह के इस्तीफा देने के बाद नरेंद्र मोदी ने प्रफुल्ल पटेल को गुजरात के गृह राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया था. वे विधानसभा चुनाव हार गए और 2016 में दमन दीव और दादरा नगर हवेली के प्रशासक के रूप में नियुक्त हुए.
इस मामले पर संदेह जताते हुए खेड़ा ने कहा, 'कुछ मजबूरियां रही होंगी कि मोदी ने प्रशासक के पद के लिए आईएएस को नियुक्त न कर राजनीतिक व्यक्ति को नियुक्त किया. वह कौन से रहस्य जानते थे कि सात बार सांसद रहा व्यक्ति न्याय की भीख मांग रहा था, लेकिन आपने प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की?'
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गौरतलब है कि सोमवार को दक्षिण मुंबई के एक होटल में डेलकर का शव पंखे से लटका हुआ पाया गया था. पुलिस के मुताबिक घटनास्थल पर गुजराती में एक सुसाइड नोट भी मिला. उनके बेटे ने भी यह आरोप लगाया था कि स्थानीय प्रशासन के लगातार उत्पीड़न के कारण वह जान देने को मजबूर हुए.