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पेगासस विवाद : कांग्रेस ने की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग - अखिलेश प्रसाद सिंह

कथित पेगासस जासूसी मामले का खुलासा होने के बाद विपक्ष दलों ने संसद से सड़क तक केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे को लेकर संसद में जमकर हंगामा किया. पेगासस मामले पर चर्चा की मांग को लेकर कई विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव दिया. वहीं, कांग्रेस ने मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की है.

पेगासस जासूसी
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Published : Jul 20, 2021, 2:33 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पेगासस जासूसी (Pegasus spyware) मामले को लेकर मंगलवार को सरकार पर हमला और तेज कर दिया और मामले में संयुक्त संसदीय समिति (Join Parliamentary Committee ) से जांच कराए जाने की मांग की.

कांग्रेस ने अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ संसद के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाते हुए कार्यवाही भी बाधित की. विपक्षी सदस्यों ने पत्रकारों, नेताओं, मंत्रियों, न्यायाधीशों और अन्य लोगों की इजराइली पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी कराए जाने के आरोपों पर दोनों सदनों में हंगामा किया और इस संबंध में गहन जांच की मांग की.

इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तय करने के लिए विभिन्न दलों के नेताओं ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुलाकात की. इनमें से कई नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए दोनों सदनों में कार्यस्थगन नोटिस भी दिया था.

कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि उसने पेगासस स्पाईवेयर खरीदा है या नहीं और इस संबंध में संयुक्त संसदीय जांच करानी चाहिए.

गोहिल ने पत्रकारों से कहा, हमने फोन टैपिंग के मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा और संविधान के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा और लोकसभा दोनों में कार्यस्थगन नोटिस दिया था.

उन्होंने कहा कि पार्टी की मांग है कि सरकार जासूसी और फोन टैपिंग मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने का आदेश दे.

उन्होंने कहा, जो मंत्री इस मामले पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें स्पष्ट रूप से जवाब देना चाहिए कि सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है या नहीं. यदि हां, तो सरकार को पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच का आदेश देना चाहिए.

वहीं, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जब तक इस मामले की जेपीसी जांच नहीं होगी, सरकार इस पर मंथन करती रहेगी. यह अमेरिका में हुए वाटरगेट कांड जैसा ही मामला है, जिसके कारण राष्ट्रपति को इस्तीफा देना पड़ा था.

22 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस मामले को सड़कों पर ले जाएगी. कांग्रेस पार्टी 22 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है, जहां राज्य इकाइयों को इस मुद्दे को उठाने के लिए राजभवनों में जाने के लिए कहा गया है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बुधवार को विभिन्न राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगी.

सरकार ने सोमवार को लोकसभा में नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के खिलाफ पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर जासूसी करने के आरोपों को साफ तौर पर खारिज कर दिया. सरकार ने कहा कि देश के कानून के तहत नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था है ऐसे में अवैध निगरानी संभव नहीं है और आरोप लगाया कि ऐसा करके देश के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- फोन से डिलीट नहीं होता पेगासस सॉफ्टवेयर, जानें इसके खतरनाक फीचर

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने रविवार को बताया कि स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिए भारत में दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक लोगों के सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को निशाना बनाया गया है.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पेगासस जासूसी (Pegasus spyware) मामले को लेकर मंगलवार को सरकार पर हमला और तेज कर दिया और मामले में संयुक्त संसदीय समिति (Join Parliamentary Committee ) से जांच कराए जाने की मांग की.

कांग्रेस ने अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ संसद के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाते हुए कार्यवाही भी बाधित की. विपक्षी सदस्यों ने पत्रकारों, नेताओं, मंत्रियों, न्यायाधीशों और अन्य लोगों की इजराइली पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी कराए जाने के आरोपों पर दोनों सदनों में हंगामा किया और इस संबंध में गहन जांच की मांग की.

इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तय करने के लिए विभिन्न दलों के नेताओं ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुलाकात की. इनमें से कई नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए दोनों सदनों में कार्यस्थगन नोटिस भी दिया था.

कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि उसने पेगासस स्पाईवेयर खरीदा है या नहीं और इस संबंध में संयुक्त संसदीय जांच करानी चाहिए.

गोहिल ने पत्रकारों से कहा, हमने फोन टैपिंग के मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा और संविधान के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा और लोकसभा दोनों में कार्यस्थगन नोटिस दिया था.

उन्होंने कहा कि पार्टी की मांग है कि सरकार जासूसी और फोन टैपिंग मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने का आदेश दे.

उन्होंने कहा, जो मंत्री इस मामले पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें स्पष्ट रूप से जवाब देना चाहिए कि सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है या नहीं. यदि हां, तो सरकार को पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच का आदेश देना चाहिए.

वहीं, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जब तक इस मामले की जेपीसी जांच नहीं होगी, सरकार इस पर मंथन करती रहेगी. यह अमेरिका में हुए वाटरगेट कांड जैसा ही मामला है, जिसके कारण राष्ट्रपति को इस्तीफा देना पड़ा था.

22 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस मामले को सड़कों पर ले जाएगी. कांग्रेस पार्टी 22 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है, जहां राज्य इकाइयों को इस मुद्दे को उठाने के लिए राजभवनों में जाने के लिए कहा गया है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बुधवार को विभिन्न राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगी.

सरकार ने सोमवार को लोकसभा में नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के खिलाफ पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर जासूसी करने के आरोपों को साफ तौर पर खारिज कर दिया. सरकार ने कहा कि देश के कानून के तहत नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था है ऐसे में अवैध निगरानी संभव नहीं है और आरोप लगाया कि ऐसा करके देश के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.

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एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने रविवार को बताया कि स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिए भारत में दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक लोगों के सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को निशाना बनाया गया है.

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