नई दिल्ली : किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए कृषि कानूनों का बचाव करने पर कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांगने को कहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा था कि संसद ने जिन कृषि सुधारों को मंजूरी दी है, उन्होंने किसानों के लिए नये अवसरों के द्वार खोले हैं, जिनसे उन्हें नए अधिकार मिले हैं. मोदी ने यह भी कहा कि नयए कानूनों ने बहुत कम समय में किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है.
मोदी के इस बयान पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर प्रधानमंत्री इन कानूनों का बचाव कर रहे हैं, तो प्रदर्शनकारी किसानों के साथ चर्चा का क्या औचित्य बनता है.
सुरजेवाला ने कहा कि भारत के 62 करोड़ किसानों और खेतिहर श्रमिकों के मुद्दों पर प्रधानमंत्री की जिद, अहंकार और अड़ियल रवैया आज के 'मन की बात' में उनके इस बयान में स्पष्ट दिखा कि संसद द्वारा गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से पारित तीनों किसान-विरोधी, कृषि विरोधी कानून सही हैं.
उन्होंने कहा कि जब लाखों किसान आंदोलन करते हुए और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली के पास डेरा डाले हों, ऐसे में प्रधानमंत्री का यह कहना कि कि तीनों कानून पूरी तरह सही हैं, दिखाता है कि मोदी सरकार सत्ता के नशे में चूर है और प्रधानमंत्री मोदी को भारत के किसानों तथा खेतिहर श्रमिकों के कल्याण की कोई चिंता नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को सस्पेंड करने की फौरन घोषणा करें. साथ ही किसानों के खिलाफ दर्ज सभी 12 हजार मुकदमे बगैर शर्त वापस लेने की घोषणा करें.
अमित शाह के हैदराबाद दौरे पर तंज
उन्होंने कहा कि यदि भारत के गृह मंत्री के पास एक जनसभा में शामिल होने के लिए 1,200 किलोमीटर दूर हैदराबाद जाने के लिए समय है तो अमित शाह के पास 15 किलोमीटर दूर दिल्ली की सीमाओं तक जाने और आंदोलन कर रहे किसानों से बात करने का वक्त क्यों नहीं है.
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने कॉरपोरेट कॉन्ट्रेक्ट फार्मिग का कानून बनाकर नई जमींदारी प्रथा की शुरुआत की है. 86% छोटे किसानों की क्षमता ही नहीं होगी पूंजीपतियों से लड़ने की. इस तरह 20 से 25 लाख करोड़ का खेती का व्यापार किसानों से छीनकर पूंजीपतियों को सौंप दिया जाएगा. ऐसा क्यों?
उन्होंने भाजपा नेताओं तथा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर किसानों को 'आतंकवादी' की तरह पेश करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि मोदी सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कुछ चुनिंदा टीवी चैनल 62 करोड़ किसानों को राष्ट्र-विरोधी साबित करने पर क्यों अड़े हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब 62 करोड़ किसान एकजुट हो जाएंगे तो 'दिल्ली दरबार' सत्ताहीन हो जाएगा और यह चेतावनी नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के लिए एक चुनौती है.