नई दिल्ली : मंगलवार को केंद्र ने कोविड-19 की वैक्सीन के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया. जिसमें सुझाव दिया गया है कि विदेशों में विकसित, निर्मित वैक्सीन के उपयोग की आपातकालीन स्वीकृति प्रदान की जा सकती है. जो वैक्सीन विश्व स्थ्यास्थ्य संगठन के आपातकालीन उपयोग सूची में सूचीबद्ध हैं. उनको भारत में भी आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जा सकती है.
इस मसले पर बात करते हुए कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि कई देशों में कोविड की दूसरी लहर है. लेकिन हमारी सरकार और हमारे प्रधानमंत्री को इसकी परवाह नहीं है. हमारे नेता बार-बार सरकार से लोगों के जीवन को प्राथमिकता के आधार पर बचाने के उपाय करने की बात कह रहे थे. यह अच्छा है कि अब सरकार ने इसे महसूस किया है.
पिछले हफ्ते ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में इसी तरह की मांग उठाई थी. जिसमें कहा गया था कि भारत वैक्सीन भुखमरी का सामना कर रहा है इसलिए अन्य वैक्सीन को भी फास्ट ट्रैक स्वीकृति की आवश्यकता है. हालांकि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी को दवा कंपनियों का 'लॉबीस्ट' कहकर तीखा हमला किया था.
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर तारिक अनवर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की अपनी कोई रणनीति नहीं है. वे हर मामले का मजाक ही उड़ाते हैं. उन्हें किसी भी मुद्दे की गहराई का अहसास तब होता है जब स्थिति खराब हो जाती है. राहुल गांधी ने हर बार कोशिश की है कि यह कोई मुद्दा न बने लेकिन इस सरकार ने उसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. जिसके परिणामस्वरूप देश को इसके परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने उम्र की पाबंदी के बावजूद सभी लोगों के लिए टीका उपलब्ध कराने की पार्टी की मांग को दोहराया. उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण अभियान से आयु बंदिश को निश्चित रूप से हटा दिया जाना चाहिए. जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने ठीक ही कहा है कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वे उन्हें वैक्सीन उपलब्ध करवाएं जिन्हें इसकी आवश्यकता है.
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सोमवार की देर शाम को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. जिसमें नए टीकों को शीघ्र मंजूरी देने और उम्र के बजाय जोखिम के आधार पर लोगों की पात्रता पर निर्णय लेने की मांग की गई है. उन्होंने यह भी मांग की थी कि माल और सेवा कर को जीवनरक्षक दवाओं से हटा दिया जाना चाहिए.