नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि सरकार ने राजनीतिक मकसद की वजह से सांसदों को निलंबित किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल (Congress Rajya Sabha MP Shaktisinh Gohil) ने कहा कि इस सरकार को डर है कि अगर सदन ठीक से काम करता है, तो हम पकड़े जाएंगे. इसलिए उन्होंने सांसदों को निलंबित करने का फैसला किया.
कानून के अनुसार सदस्यों के अभद्र व्यवहार के लिए सदस्यों का नाम लिया जाता है. यदि वे सदस्य ऐसा करना जारी रखते हैं तो तो उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव पारित हो जाता है लेकिन कल कुछ सदस्य सदन में मौजूद भी नहीं थे. उन्होंने कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा (Congress MP Pratap Singh Bajwa) का उदाहरण दिया, जो उन सदस्यों में शामिल थे, जो संसद के पिछले मानसून सत्र में विरोध के सदन में हंगामा कर रहे थे.
गोहिल ने आरोप लगाया कि बाजवा जी का नाम लिया जा रहा था लेकिन उन्हें निलंबित नहीं किया गया. लेकिन अगर बाजवा जी किसानों के लिए निलंबित हो जाते तो उन्हें पंजाब को जवाब देना होता. इसलिए निलंबन भी राजनीतिक मकसद से किया जा रहा है.
उन्होंने निलंबित सांसदों द्वारा उनके अशांत व्यवहार के लिए माफी मांगने के लिए केंद्र सरकार के आह्वान को भी खारिज कर दिया और कहा कि अगर हम गलती करते तो माफी मांगते. सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए विपक्ष पर सरकार के आरोपों पर सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार पूरी तरह से विफल रही है.
उनकी विफलता इस स्तर तक है कि वे विपक्ष के सवाल से बचने के लिए लोकतंत्र को खत्म मारने की कोशिश कर रहे हैं. वे साजिश कर रहे हैं ताकि संसद ठीक से न चल सके. गोहिल ने कहा कि मैं पीएम से पूछना चाहता हूं, जिन्होंने हाल ही में संविधान दिवस मनाया, संविधान के नियमों की जांच करें.
कहा कि कोई भी कानून बनाने के लिए संसद में एक बिल पेश किया जाता है, उचित बहस होती है और फिर मतदान होता है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए विधेयकों के पारित होने के दौरान संसद में यह सब नहीं हुआ.
उन्होंने आगे कहा कि पीएम जो सोचते थे कि वह किसानों को दबा सकते हैं और वे पूंजीपति मित्रों को लाभ दे सकते हैं तो वे हार गए हैं. सभी विपक्षी दलों ने कल बहस की मांग की लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया. उन्होंने आज भी वही किया. सदन ठीक से चल सकता था लेकिन यह इस सरकार को स्वीकार्य नहीं है.
कांग्रेस ने कोरोना वायरस महामारी के कारण मरने वालों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अधिनियम के अनुसार सरकार को COVID के कारण मरने वालों के परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देना है.
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गोहिल ने कहा कि कांग्रेस शासित सरकारों ने स्पष्ट कर दिया है कि हम अपना हिस्सा देने के लिए तैयार हैं लेकिन यह सरकार नहीं चाहती कि हम इस मुद्दे को उठाएं. इसलिए वे सदन के कामकाज में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं.