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कर्नाटक: कांग्रेस ने मंगलुरु में शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने के फैसले का विरोध किया

कर्नाटक के मंगलुरु में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा लगाने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है. मंगलुरु नगर निगम परिषद के कांग्रेस सदस्यों ने शिवाजी की प्रतिमा लगाने के फैसले पर आपत्ति जताई है.

Cong opposes decision to install Chhatrapati Shivaji statue in Mangaluru
कांग्रेस ने मंगलुरु में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने के फैसले का विरोध किया
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Published : Dec 2, 2022, 8:15 AM IST

मंगलुरु: मंगलुरु नगर निगम (एमसीसी) परिषद के कांग्रेस सदस्यों ने शहर में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है. एमसीसी ने गत छत्रपति शिवाजी मराठा एसोसिएशन की मांग पर विचार करते हुए 29 अक्टूबर की अपनी बैठक में शहर के महावीर सर्किल (पंपवेल सर्किल) पर शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने के एक एजेंडे को मंजूरी दी थी.

लेकिन परिषद की बुधवार को हुई बैठक में विपक्षी दल के नेता नवीन डिसूजा ने कर्नाटक के खिलाफ महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के रुख की ओर इशारा करते हुए इस कदम का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब एमईएस कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर शांति भंग करने की कोशिश कर रही है, तब शहर में शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करना अनुचित है.

ये भी पढ़ें- कर्नाटक के बेल्लारी में आवारा कुत्तों के हमले में दो बच्चों की मौत

उन्होंने सुझाव दिया कि शिवाजी की प्रतिमा के स्थान पर कोटि-चेन्या की प्रतिमा (तुलुनाडु के दो योद्धा) स्थापित की जा सकती है. कांग्रेस सदस्य शशिधर हेगड़े ने भी कहा कि तटवर्ती क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों और महान विभूतियों में से किसी एक की प्रतिमा स्थापित करने पर विचार किया जाना जाना चाहिए. भाजपा सदस्यों ने आलोचनाओं के जवाब में कहा कि कांग्रेस ने अपनी यह आदत बना ली है कि उसे हिंदू नेताओं का विरोध करना है. भाजपा पार्षदों ने कहा कि शिवाजी का नाम केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं होना चाहिए.

मंगलुरु: मंगलुरु नगर निगम (एमसीसी) परिषद के कांग्रेस सदस्यों ने शहर में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है. एमसीसी ने गत छत्रपति शिवाजी मराठा एसोसिएशन की मांग पर विचार करते हुए 29 अक्टूबर की अपनी बैठक में शहर के महावीर सर्किल (पंपवेल सर्किल) पर शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने के एक एजेंडे को मंजूरी दी थी.

लेकिन परिषद की बुधवार को हुई बैठक में विपक्षी दल के नेता नवीन डिसूजा ने कर्नाटक के खिलाफ महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के रुख की ओर इशारा करते हुए इस कदम का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब एमईएस कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर शांति भंग करने की कोशिश कर रही है, तब शहर में शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करना अनुचित है.

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उन्होंने सुझाव दिया कि शिवाजी की प्रतिमा के स्थान पर कोटि-चेन्या की प्रतिमा (तुलुनाडु के दो योद्धा) स्थापित की जा सकती है. कांग्रेस सदस्य शशिधर हेगड़े ने भी कहा कि तटवर्ती क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों और महान विभूतियों में से किसी एक की प्रतिमा स्थापित करने पर विचार किया जाना जाना चाहिए. भाजपा सदस्यों ने आलोचनाओं के जवाब में कहा कि कांग्रेस ने अपनी यह आदत बना ली है कि उसे हिंदू नेताओं का विरोध करना है. भाजपा पार्षदों ने कहा कि शिवाजी का नाम केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं होना चाहिए.

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