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सरकार ने आयातित कोयले का मिश्रण अनिवार्य बनाकर 'मित्रों' को फायदा पहुंचाया: कांग्रेस

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Published : Jul 18, 2022, 10:45 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 10:56 PM IST

केंद्र ने बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए आयातित कोयले का मिश्रण अनिवार्य कर दिया है (blending of imported coal mandatory). इसे लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

Congress spokesperson Gourav Vallabh
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए आयातित कोयले का मिश्रण अनिवार्य बनाकर अपने कुछ उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाया है. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress spokesperson Gourav Vallabh) ने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार ने अपने 'मित्रों' को फायदा पहुंचाने का नया तरीका विकसित कर लिया है और इससे आम उपभोक्ताओं को बिजली की अधिक कीमत चुकानी होगी.

सुनिए गौरव वल्लभ ने क्या कहा

कांग्रेस नेता ने कहा, 'देश में 75 प्रतिशत बिजली को उत्पादन कोयला आधारित बिजली घरों द्वारा किया जाता है. मोदी सरकार ने इन बिजली घरों से कहा कि आपको 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदना पड़ेगा क्योंकि इसके मिश्रण के बिना अच्छी बिजली पैदा नहीं होगी.' उन्होंने कहा, 'पहले तो सरकार ने आयातित कोयले के मिश्रण को अनिवार्य बनाया और फिर कोयला आयात करने का ठेका अपने 'मित्रों' को दे दिया. अब ये मित्र आयातित कोयला बिजली उत्पादक इकाइयों को घरेलू कोयले के मुकाबले सात से 10 गुना दाम पर बेच रहे है. इससे वे लोग बहुत मुनाफा कमा रहे हैं.'

वल्लभ ने दावा किया किया कि 4,035 करोड़ रुपये की लागत करीब 25 लाख टन कोयला आयात करने का ठेका 'अडाणी एंटरप्रइजेज' को दिया गया. उनके इस आरोप पर सरकार या 'अडाणी एंटरप्रइजेज' की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने जीएसटी में आवश्यक वस्तुओं को लाए जाने पर भी निशाना साधा.

पढ़ें- GST को लेकर राहुल-वरुण ने एक सुर में साधा केंद्र पर निशाना

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए आयातित कोयले का मिश्रण अनिवार्य बनाकर अपने कुछ उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाया है. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress spokesperson Gourav Vallabh) ने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार ने अपने 'मित्रों' को फायदा पहुंचाने का नया तरीका विकसित कर लिया है और इससे आम उपभोक्ताओं को बिजली की अधिक कीमत चुकानी होगी.

सुनिए गौरव वल्लभ ने क्या कहा

कांग्रेस नेता ने कहा, 'देश में 75 प्रतिशत बिजली को उत्पादन कोयला आधारित बिजली घरों द्वारा किया जाता है. मोदी सरकार ने इन बिजली घरों से कहा कि आपको 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदना पड़ेगा क्योंकि इसके मिश्रण के बिना अच्छी बिजली पैदा नहीं होगी.' उन्होंने कहा, 'पहले तो सरकार ने आयातित कोयले के मिश्रण को अनिवार्य बनाया और फिर कोयला आयात करने का ठेका अपने 'मित्रों' को दे दिया. अब ये मित्र आयातित कोयला बिजली उत्पादक इकाइयों को घरेलू कोयले के मुकाबले सात से 10 गुना दाम पर बेच रहे है. इससे वे लोग बहुत मुनाफा कमा रहे हैं.'

वल्लभ ने दावा किया किया कि 4,035 करोड़ रुपये की लागत करीब 25 लाख टन कोयला आयात करने का ठेका 'अडाणी एंटरप्रइजेज' को दिया गया. उनके इस आरोप पर सरकार या 'अडाणी एंटरप्रइजेज' की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने जीएसटी में आवश्यक वस्तुओं को लाए जाने पर भी निशाना साधा.

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Last Updated : Jul 18, 2022, 10:56 PM IST
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