मैसूर : कर्नाटक में मैसूर नगर निगम की आयुक्त शिल्पा नाग (City Corporation Commissioner Shilpa Nag) ने जिला कलेक्टर (डीसी) रोहिणी सिंधुरी (DC Rohini Sindhuri) के रवैये से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया. उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और मीडियाकर्मियों के सामने अपने इस्तीफे का एलान किया.
नगर निगम कमिश्नर शिल्पा नाग के आरोपों पर डीसी रोहिणी सिंधुरी ने एक प्रेस नोट जारी कर सफाई पेश की है. उन्होंने कहा, यह असत्य है कि मेरी ओर से कोई उत्पीड़न किया गया और शिल्पा नाग द्वारा जारी बयान में भी किसी का उल्लेख नहीं किया गया है.
उन्होंने आगे कहा, अधोहस्ताक्षरी उपायुक्त होने के नाते और कोविड-19 से निपटने के बीच महामारी को नियंत्रित करने का कर्तव्य है, मेरा सारा ध्यान और कार्य केवल उक्त जिम्मेदारी का निर्वहन करने पर रहा है.
दरअसल, शिल्पा नाग ने अधोहस्ताक्षरी द्वारा कोविड-19 समीक्षाओं में भाग लेना बंद कर दिया था. मैसूर नगर निगम नए मामलों, मौतों और सक्रिय मामलों पर अहस्ताक्षरित और विरोधाभासी आंकड़े जमा कर रहा था.
गौरतलब है कि शिल्पा पिछले दस दिनों से प्रेस और मीडिया को जिला प्रशासन के खिलाफ बयानबाजी कर रही हैं. डीसी ने कहा, इस तरह का आचरण स्वीकृत नहीं होगा.
ये भी पढे़ं - अहंकार का तूफान अब भी बंगाल की खाड़ी में मंडरा रहा है : शिवसेना
इससे पहले शिल्पा नाग ने कहा था, 'डीसी रोहिणी सिंधुरी मुझ पर आरोप लगा रही हैं कि मैं कोई काम नहीं कर रही हूं. उन्होंने एक नियम शहर के लिए और दूसरा नियम ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाया है. वह बता रही हैं कि मैं कोई काम नहीं कर रही हूं.'
कमिश्नर शिल्पा नाग का बयान
कमिश्नर शिल्पा नाग ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था, 'मुझे जिला प्रशासन और डीसी रोहिणी सिंधुरी से कोई सहयोग नहीं मिला है. एक आईएएस अफसर होने के नाते डीसी रोहिणी एक अन्य अधिकारी पर अत्याचार कर रही हैं. यह सही नहीं है. वह मुझे निशाना बना रही हैं. वह बहुत ही घटिया मानसिकता की अधिकारी हैं और उन्हें मैसूर में नहीं होना चाहिए, मुझे नहीं पता कि वह मुझसे नफरत क्यों करती हैं. मैं इस्तीफा दूंगी और एक अलग जिंदगी जीऊंगी.'