नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) समेत कई नेताओं ने जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. केनेथ डेविड कौंडा (kenneth david Kaunda) के निधन पर शोक जताया है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने व्यक्त करते हुए कहा कि समर्पित गांधीवादी एवं कद्दावर अफ्रीकी नेता कौंडा का योगदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा.
राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, 'जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति और आधुनिक जाम्बिया के संस्थापक डॉ. केनेथ डेविड कौंडा के निधन के बारे में सूचना मिलने से दुखी हूं.'
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें वर्ष 2018 में डा. कौंडा से मिलने का अवसर मिला. उन्होंने कहा 'कद्दावर अफ्रीकी नेता और समर्पित गांधीवादी कौंडा का योगदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा. जाम्बिया के लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना.'
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह भारत के एक सच्चे मित्र थे तथा आने वाली पीढ़ियों को भी वह प्रेरणा देते रहेंगे.
सोनिया ने अपने शोक संदेश में कहा, 'कौंडा एक कद्दावर व्यक्तित्व थे जिन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व किया. एक राजनेता के तौर पर उन्होंने जाम्बिया को संवारा. उन्हें भारत के सच्चे दोस्त और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए याद किया जाएगा.'
गहरी संवेदना प्रकट की
उन्होंने कहा, 'भारत और कांग्रेस पार्टी के साथ उनके विशेष संबंध को हमेशा संजोकर रखा जाएगा. दुख की इस घड़ी में भारत और कांग्रेस पार्टी जाम्बिया की जनता एवं कौंडा के परिवार एवं मित्रों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है.'
राहुल गांधी ने किया ट्वीट
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'डॉक्टर केनेथ डेविड कौंडा के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. वह अफ्रीकी स्वतंत्रता के चैम्पियन थे और वह आने पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे. उनके परिवार और जाम्बिया के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है.'
97 साल के थे कौंडा
कौंडा का 97 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया. उन्हें सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनका न्यूमोनिया का इलाज चल रहा था.
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कौंडा उस आंदोलन के नेता थे जिसके कारण दक्षिण अफ्रीकी देश जाम्बिया में अंग्रेजों का औपनिवेशिक शासन समाप्त हुआ. वह 1964 में जाम्बिया के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बने.
(पीटीआई-भाषा)