मुजफ्फरपुर: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में रविदास जयंती के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के द्वार जाति को लेकर दिये गये बयान को लेकर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है. उनके इस टिप्पणी पर मुजफ्फरपुर जिले के सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने परिवाद दायर करवाया है. इस मामले पर कोर्ट में 20 फरवरी को सुनवाई की जाएगी. आरएसएस प्रमुख पर भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया है.
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मोहन भागवत के खिलाफ परिवाद दायर: मुजफ्फरपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ में सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कराया गया है. जिसमें उनके द्वारा मुंबई में किए गए एक टिप्पणी पर भावना आहत होने का आरोप लगाया गया है. इसी को लेकर उनके खिलाफ परिवाद दर्ज करवाया गया है. जिसमें परिवादी सह अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने जाति को लेकर पंडित को जिम्मेदार ठहराया था और मुंबई में रविदास जयंती के मौके पर दिया था.
20 फरवरी को होगी सुनवाई: दायर किए गये परिवाद पर 20 फरवरी 2023 को सुनवाई मुकर्रर किया गया है. कोर्ट से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की गयी है और बताया गया है कि जिस प्रकार से मोहन भागवत के द्वारा समुदाय विशेष में द्वेष भावना और तोड़ने की बात कही गई थी, वह समाज में तोड़ने वाला है.
"महाराष्ट्र के मुंबई में रविदास जयंती के समय संघ प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा 5 फरवरी को एक बयान दिया गया. जिसमें कहा गया कि हिंदुओं में जाति का जो विभाजन किया गया. वह ब्राह्मण पंडितों के द्वारा किया गया. उनके द्वारा जान बुझकर ब्राह्मण का प्रतिष्ठा हनन करने, उनको नीचा दिखाने के साथ-साथ पूरे देश में वर्ण व्यवस्था फैलान और पूरे देश में उत्पात मचाने के उद्देश्य से इस प्रकार का बयान दिया गया है. जिसकी वजह से आज उनके विरूद्ध मुजफ्फरपुर न्यायालय में मुकदमा दर्ज करवाया गया है."- सुधीर कुमार ओझा, परिवादी सह अधिवक्ता, मुजफ्फरपुर कोर्ट