मुजफ्फरपुर: नीतीश कुमार के बयान को लेकर हंगामा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है. वहीं अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. नीतीश कुमार के खिलाफ मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है.
नीतीश कुमार के खिलाफ परिवाद दायर: सदन में दिए गए नीतीश के बयान के खिलाफ अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने यह परिवाद दायर किया है. अनिल कुमार सिंह ने 354D, 504, 505,509 आईपीसी और 67 आईटी एक्ट के तहत परिवाद दायर किया है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज कुमार लाल ने 25 नवंबर सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.
परिवादी का बयान: अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने कहा कि कल सदन में बिहार के सीएम द्वारा लड़के और लड़कियों को लेकर टिपप्णी की गई थी, उसी बात को लेकर हमने ये मुकदमा दर्ज कराया है. सीएम ने अपमानजनक और घोर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है. नीतीश कुमार ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिसे हम कहीं कह भी नहीं सकते हैं. वो देश के पीएम बनने की सोच रखते हैं. उनका कोई भी बयान होता है वह सोशल मीडिया से लेकर हर जगह पढ़ा और देखा जाता है. समाज के विभिन्न वर्ग के लोग उसे पढ़ते हैं.
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"मुकदमा स्वीकार कर लिया गया है. 25 नवंबर सुनवाई की तिथि है. किसी भी सदन में अगर कोई विधायक या सांसद अपना वक्तव्य देते हैं या फिर कोई आपत्तिजनक टिपप्णी करते हैं तो उसको लेकर कोई प्रोविजन नहीं है कि मुकदमा दर्ज हो. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया था कि अगर किसी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को लेकर पार्टियों के बीच सदन में आपत्तिजनक टिप्पणी होती है तो कोई कंप्लेन नहीं हो सकता है. लेकिन इस मामले में मास (लड़के-लड़कियों) के खिलाफ आपत्तिजनक टिपप्णी की गई है. ये दुखद है."- अनिल कुमार सिंह,अधिवक्ता सह परिवादी
क्या कहा था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने: मंगलवार को नीतीश कुमार सदन के अंदर जातीय गणना पर अपना पक्ष रख रहे थे. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे बिहार की जनसंख्या पर नियंत्रण कर लिया गया है. उन्होंने जो बयान दिया वह शारीरिक संबंध से जुड़ा था. नीतीश जब सदन में बयान दे रहे थे तो उस दौरान कई महिला सदस्य भी वहां मौजूद थीं. मुख्यमंत्री के आपत्तिजनक बयान से देश की राजनीति में हड़कंप मचा है.
नीतीश ने मांगी माफी: मंगलवार को सदन में दिए अपने बयान पर बुधवार को नीतीश कुमार ने माफी मांग ली है. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर मेरे बयान से किसी को तकलीफ पहुंची हो तो मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं. मैंने किसी को ठेस पहुंचाने के लिए यह बयान नहीं दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपनी बात वापस लेता हूं. मेरा उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था.
नीतीश ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरा कहना था कि अगर लड़कियां साक्षर होंगी तो प्रजनन दर में कमी की जा सकती है. हमने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बराबर काम किया है. उन्होंने आंकड़ों के जरिए यह भी कहा कि बिहार में लड़कियों को पढ़ाकर प्रजनन दर कम किया जा सकता है. साथ ही सीएम ने खुद अपने बयान की निंदा भी की.
महिला आयोग ने जतायी कड़ी नाराजगी: बता दें कि मंगलवार को सदन में नीतीश के दिए बयान की चौतरफा निंदा हो रही है. बीजेपी इसे लेकर आक्रामक है और नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए नीतीश कुमार से माफी मांगने को कहा था.
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