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भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजे में कटौती सिर्फ वैधानिक रूप से हो सकती : SC - भूमि अधिग्रहण कानून

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि किसानों को भूमि अधिग्रहण कानून के तहत दिए गए मुआवजे में सिर्फ सांविधिक तरीके से ही कटौती की जा सकती है. राज्य या अन्य इसे अन्य किसी तरीके से काट नहीं सकते.

भूमि अधिग्रहण कानून
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Published : Mar 2, 2021, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायलय के 2018 के आदेश के खिलाफ सार्वजनिक उपक्रम टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. (टीएचडीसीएल) की अपील को खारिज करते हुए यह व्यवस्था दी.

टीएचडीसीएल की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने कहा कि कंपनी ने अधिग्रहीत जमीन के लिए मुआवजा दिया है और वह विकसित जमीन हासिल करने वालों से विकास शुल्क लेना चाहती है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, 'भूमि अधिग्रहण कानून के तहत राशि में सिर्फ सांविधिक तरीके से कटौती हो सकती है. सरकार यह नहीं कह सकती कि उसकी अपनी नीति है और ऐसे में मुआवजा कम होगा. विशेष रूप से यह देखते हुए कि सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश की पुष्टि की है.'

पढ़ें- केंद्र को राहत, आठ लेन के चेन्नई-सलेम एक्सप्रेस-वे को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी

पीठ ने कहा कि इस बारे में आदेश की पुष्टि के बाद सरकार यह नहीं कह सकती कि वह कटौती करके मुआवजा देगी.

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायलय के 2018 के आदेश के खिलाफ सार्वजनिक उपक्रम टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. (टीएचडीसीएल) की अपील को खारिज करते हुए यह व्यवस्था दी.

टीएचडीसीएल की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने कहा कि कंपनी ने अधिग्रहीत जमीन के लिए मुआवजा दिया है और वह विकसित जमीन हासिल करने वालों से विकास शुल्क लेना चाहती है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, 'भूमि अधिग्रहण कानून के तहत राशि में सिर्फ सांविधिक तरीके से कटौती हो सकती है. सरकार यह नहीं कह सकती कि उसकी अपनी नीति है और ऐसे में मुआवजा कम होगा. विशेष रूप से यह देखते हुए कि सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश की पुष्टि की है.'

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पीठ ने कहा कि इस बारे में आदेश की पुष्टि के बाद सरकार यह नहीं कह सकती कि वह कटौती करके मुआवजा देगी.

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