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मतभेदों पर भारी पड़े साझा हित: वांग यी ने बीजिंग में भारत के दूत से कहा

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को बीजिंग में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत के साथ बातचीत में कहा कि भारत और चीन के साझा हित उनके मतभेदों से कहीं ज्यादा हैं.

वांग यी ने बीजिंग में भारत के दूत के साथ वार्ता
वांग यी ने बीजिंग में भारत के दूत के साथ वार्ता
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Published : Jun 23, 2022, 11:29 AM IST

बीजिंग: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत से वार्ता की. बातचीत में कहा कि भारत चीन के साझा हित उनके मतभेदों से कहीं ज्यादा हैं. बता दें कि राजदूत रावत ने इस साल मार्च में बीजिंग में भारत के शीर्ष पद का कार्यभार संभाला था. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे को कमजोर करने के बजाय समर्थन करना चाहिए. एक-दूसरे के खिलाफ सुरक्षा के बजाय सहयोग को मजबूत करना चाहिए और एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय आपसी विश्वास को बढ़ाना चाहिए. दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर और स्वस्थ विकास की पटरी पर लाने के लिए एक दूसरे से मिलना चाहिए.

चीन के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से विभिन्न वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना चाहिए और दोनों देशों के साथ-साथ विकासशील देशों की विशाल संख्या के सामान्य हितों की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने दोनों पक्षों से दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण रणनीतिक सहमति का पालन करने, द्विपक्षीय संबंधों के भीतर सीमा मुद्दे को उचित स्थिति में रखने पर जोर देने और बातचीत एवं परामर्श के माध्यम से समाधान ढूंढ़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि चीन और भारत को पीपुल टू पीपुल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में अपने पारंपरिक फायदे के लिए खुलकर खेलना चाहिए, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का लगातार विस्तार करना चाहिए और मानव जाति की बेहतरी के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए. पश्चिमी सेक्टर अप्रैल-मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ-साथ यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी पक्ष द्वारा एकतरफा कई प्रयास किए जाने के बाद चीन के साथ भारत के संबंध बिगड़ गए. इन कृत्यों ने पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ शांति और सौहार्द को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.

कई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्ष अपने मतभेदों को दूर करने और किसी भी मुद्दे पर मतभेदों को विवाद नहीं बनने देने पर सहमत हुए हैं. इसके अलावा इस पर सहमती हुई है कि सीमा विवाद का अंतिम समाधान लंबित होने तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए एक मुख्य आधार है. वांग यी और राजदूत रावत के बीच वार्ता उसी दिन हुई जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स बिजनेस फोरम में वर्चुअली भाग लिया था. प्रधानमंत्री ने बुधवार को कोविड के ठीक होने के बाद वैश्विक फोकस के बीच ब्रिक्स देशों की अहम भूमिका को रेखांकित किया.

पीएम मोदी ने एक रिकॉर्डेड भाषण में कहा, "ब्रिक्स की स्थापना इस विश्वास के साथ हुई थी कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं का यह समूह वैश्विक विकास के इंजन के रूप में उभर सकता है. आज जब दुनिया कोविड के ठीक होने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ब्रिक्स देशों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी." साथ ही पीएम ने कहा कि इस वर्ष भारत 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है और उभरते हुए नए भारत के हर क्षेत्र में परिवर्तनकारी परिवर्तन हो रहे हैं. वह 23-24 जून को वर्चुअल मोड में 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।.

यह भी पढ़ें-भारत और चीन 15वें दौर की सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों का हल करने में नाकाम रहे

एएनआई

बीजिंग: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत से वार्ता की. बातचीत में कहा कि भारत चीन के साझा हित उनके मतभेदों से कहीं ज्यादा हैं. बता दें कि राजदूत रावत ने इस साल मार्च में बीजिंग में भारत के शीर्ष पद का कार्यभार संभाला था. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे को कमजोर करने के बजाय समर्थन करना चाहिए. एक-दूसरे के खिलाफ सुरक्षा के बजाय सहयोग को मजबूत करना चाहिए और एक-दूसरे पर संदेह करने के बजाय आपसी विश्वास को बढ़ाना चाहिए. दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर और स्वस्थ विकास की पटरी पर लाने के लिए एक दूसरे से मिलना चाहिए.

चीन के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से विभिन्न वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना चाहिए और दोनों देशों के साथ-साथ विकासशील देशों की विशाल संख्या के सामान्य हितों की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने दोनों पक्षों से दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण रणनीतिक सहमति का पालन करने, द्विपक्षीय संबंधों के भीतर सीमा मुद्दे को उचित स्थिति में रखने पर जोर देने और बातचीत एवं परामर्श के माध्यम से समाधान ढूंढ़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि चीन और भारत को पीपुल टू पीपुल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में अपने पारंपरिक फायदे के लिए खुलकर खेलना चाहिए, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का लगातार विस्तार करना चाहिए और मानव जाति की बेहतरी के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए. पश्चिमी सेक्टर अप्रैल-मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ-साथ यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी पक्ष द्वारा एकतरफा कई प्रयास किए जाने के बाद चीन के साथ भारत के संबंध बिगड़ गए. इन कृत्यों ने पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ शांति और सौहार्द को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.

कई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्ष अपने मतभेदों को दूर करने और किसी भी मुद्दे पर मतभेदों को विवाद नहीं बनने देने पर सहमत हुए हैं. इसके अलावा इस पर सहमती हुई है कि सीमा विवाद का अंतिम समाधान लंबित होने तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए एक मुख्य आधार है. वांग यी और राजदूत रावत के बीच वार्ता उसी दिन हुई जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स बिजनेस फोरम में वर्चुअली भाग लिया था. प्रधानमंत्री ने बुधवार को कोविड के ठीक होने के बाद वैश्विक फोकस के बीच ब्रिक्स देशों की अहम भूमिका को रेखांकित किया.

पीएम मोदी ने एक रिकॉर्डेड भाषण में कहा, "ब्रिक्स की स्थापना इस विश्वास के साथ हुई थी कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं का यह समूह वैश्विक विकास के इंजन के रूप में उभर सकता है. आज जब दुनिया कोविड के ठीक होने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ब्रिक्स देशों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी." साथ ही पीएम ने कहा कि इस वर्ष भारत 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है और उभरते हुए नए भारत के हर क्षेत्र में परिवर्तनकारी परिवर्तन हो रहे हैं. वह 23-24 जून को वर्चुअल मोड में 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।.

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एएनआई

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