ETV Bharat / bharat

असम-मेघालय मिलकर सुलझाएंगे अपने सीमा विवाद, बनी सहमति - 12 विवादित स्थल असम मेघालय

असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच सरकार यह नहीं चाहती है कि पूर्वोत्तर में फिर से सीमा को लेकर कोई बड़ा विवाद खड़ा हो जाए. इसलिए असम और मेघालय ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए कमेटी गठित करने का फैसला किया है. दोनों राज्य इस पर सहमत हो गए हैं. दोनों राज्यों के बीच 12 विवादित स्थल हैं.

Etv Bharat
असम के सीएम, मेघालय के सीएम
author img

By

Published : Aug 6, 2021, 5:00 PM IST

गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और उनके मेघालय के समकक्ष कोनराड के. संगमा ने शुक्रवार को कहा कि दोनों राज्य अंतर-राज्यीय सीमा विवाद का समाधान करने के लिए समितियां गठित करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता वाली दो समितियां गठित की जाएगी.

दोनों मुख्यमंत्रियों ने कहा कि शुरूआत में समितियों का लक्ष्य सीमा विवाद में 12 विवादित स्थलों में छह का चरणबद्ध तरीके से समाधान करने का होगा.

सरमा ने कहा कि प्रत्येक समिति में उस राज्य के नौकरशाहों के अलावा एक कैबिनेट मंत्री सहित पांच सदस्य होंगे. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधि समिति का हिस्सा हो सकते हैं.

दोनों समितियों के सदस्य विवादित स्थलों का दौरा करेंगे, नागरिक समाज संस्थाओं के सदस्यों से मिलेंगे और 30 दिनों के अंदर बातचीत पूरी करेंगे.

संगमा ने कहा कि विवादों के समाधान के लिए पांच पहलुओं पर विचार किया जाना है, जिनमें ऐतिहासिक साक्ष्य, वहां के लोगों की साझा संस्कृति, प्रशासनिक सुविधा, संबद्ध लोगों के मनोभाव और भावनाएं तथा भूमि की निकटता शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर, हम इन पांच पहलुओं के दायरे में एक समाधान तलाशने की कोशिश करेंगे.

पहले चरण में लिये जाने वाले छह विवादित स्थलों में ताराबारी, गिजांग, फालिया, बाकलापारा, पिलिंगकाटा और खानपारा शामिल हैं.

ये असम के कछार, कामरूप शहर और कामरूप ग्रामीण जिलों तथा मेघालय में पश्चिमी खासी पहाड़ियों, री भोई और पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों में आते हैं.

ये भी पढ़ें : जानें क्यों है असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद

गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और उनके मेघालय के समकक्ष कोनराड के. संगमा ने शुक्रवार को कहा कि दोनों राज्य अंतर-राज्यीय सीमा विवाद का समाधान करने के लिए समितियां गठित करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता वाली दो समितियां गठित की जाएगी.

दोनों मुख्यमंत्रियों ने कहा कि शुरूआत में समितियों का लक्ष्य सीमा विवाद में 12 विवादित स्थलों में छह का चरणबद्ध तरीके से समाधान करने का होगा.

सरमा ने कहा कि प्रत्येक समिति में उस राज्य के नौकरशाहों के अलावा एक कैबिनेट मंत्री सहित पांच सदस्य होंगे. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधि समिति का हिस्सा हो सकते हैं.

दोनों समितियों के सदस्य विवादित स्थलों का दौरा करेंगे, नागरिक समाज संस्थाओं के सदस्यों से मिलेंगे और 30 दिनों के अंदर बातचीत पूरी करेंगे.

संगमा ने कहा कि विवादों के समाधान के लिए पांच पहलुओं पर विचार किया जाना है, जिनमें ऐतिहासिक साक्ष्य, वहां के लोगों की साझा संस्कृति, प्रशासनिक सुविधा, संबद्ध लोगों के मनोभाव और भावनाएं तथा भूमि की निकटता शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर, हम इन पांच पहलुओं के दायरे में एक समाधान तलाशने की कोशिश करेंगे.

पहले चरण में लिये जाने वाले छह विवादित स्थलों में ताराबारी, गिजांग, फालिया, बाकलापारा, पिलिंगकाटा और खानपारा शामिल हैं.

ये असम के कछार, कामरूप शहर और कामरूप ग्रामीण जिलों तथा मेघालय में पश्चिमी खासी पहाड़ियों, री भोई और पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों में आते हैं.

ये भी पढ़ें : जानें क्यों है असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.