बिलासपुर: जिले में एक बुजुर्ग की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इस मामले में अब एक नया मोड़ आया है. बुजुर्ग की कब्र खोदकर गुरुवार को पोस्टमार्टम किया गया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया था कि मौत के बाद अस्पताल के डॉक्टर ने मृतक की किडनी निकाल ली है. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद ठहरा दिया. इस मामले में मृतक के परिजनों ने कलेक्टर को जांच के लिए शिकायत की थी, जिसके बाद कलेक्टर ने बुजुर्ग की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया था. कलेक्टर के निर्देश के बाद पचपेड़ी पुलिस ने राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में कब्र खोदकर डेड बॉडी बाहर निकलवाई और सिम्स मेडिकल कॉलेज में उसका पोस्टमार्टम कराया.
एक महीने पहले हुआ था हादसा: मस्तूरी ब्लॉक के पचपेड़ी थाना क्षेत्र के सोन गांव के रहने वाले धरमदास मानिकपुर अपने बेटे दुर्गेशदास मानिकपुरी की शादी का कार्ड बांटने उसके साथ 14 अप्रैल को सवरियाडेरा गांव गए थे. रास्ते में बाइक को कार ने टक्कर मार दी. दुर्घटना में गंभीर चोट आने की वजह से दोनों को पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें सिम्स बिलासपुर रेफर कर दिया गया. घरवालों ने घायलों को बिलासपुर के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. बुजुर्ग धरमदास के सिर में गंभीर चोट होने की वजह से उसका ऑपरेशन किया गया. वहीं बेटे के पैर का भी हाॅस्पिटल में ऑपरेशन किया गया.
परिजनों ने की शिकायत: 15 अप्रैल की रात में दोनों मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए और 21 अप्रैल को बुजुर्ग धरमदास की मौत हो गई. मौत के बाद परिजन धरमदास की डेड बॉडी लेकर घर गए, तब उन्होंने देखा कि सिर में ऑपरेशन किया गया था. लेकिन किडनी के पास राइट साइड में भी ऑपरेशन किया गया था. तब उन्हें शक हुआ कि उनके पिता के शरीर से किडनी निकाली गई है. इस मामले को लेकर मृतक के पुत्र ने बिलासपुर कलेक्टर को शिकायत की.
कब्र खोदकर निकाली गई लाश, फिर हुआ पोस्टमार्टम: सड़क हादसे में इलाज के दौरान घायल की मौत के बाद प्रथम हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर किडनी चोरी करने का मृतक के बेटों ने आरोप लगाया. कलेक्टर से शिकायत के बाद जांच शुरू की गई. 25 दिन बाद बुधवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने कब्र खोदकर धरमदास का शव बाहर निकला. शव का गुरुवार को पोस्टमॉर्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शार्ट पीएम रिपोर्ट में दोनों किडनी शरीर में ही सुरक्षित बताई गई. सिम्स मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने बताया कि उन्हें पुलिस ने शासकीय आदेश की कॉपी सौंपी है और मृतक का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ किया गया है. शरीर के अंदर दोनों किडनी सुरक्षित हैं और किडनी चोरी होने की कोई बात नहीं है. मृतक के परिजनों को दोनों किडनी दिखा दी गई है.
"परिजनों को राइट साइड में किडनी के पास हुए ऑपरेशन के जख्मों को देखकर शक हुआ था, कि वे इस जगह से किडनी निकाली गई है. लेकिन मेडिकल साइंस के नियम के अनुसार जब सिर का ऑपरेशन होता है, तो सिर की निकाली गई हड्डी को सुरक्षित रखने और शरीर के तापमान में उसे बनाए रखने के लिए पेट के किनारे किडनी के पास ऑपरेशन किया जाता है. ऑपरेशन कर सिर की निकाली गई हड्डी को उस जगह में रखकर सुरक्षित किया जाता है, ताकि जब मरीज इलाज के बाद रिकवर होने लगे तो फिर से उस हड्डी को शरीर के अंदर से निकालकर सिर में लगा दिया जाय. इससे सिर में हड्डी लग जाती है और वह खराब भी नहीं हो पाती, क्योंकि वह शरीर के तापमान रहता है." -डॉक्टर राहुल अग्रवाल, सिम्स मेडिकल कॉलेज
बेटे ने उठाए कई सवाल: मृतक धरमदास के पुत्र सोमदास ने पूरे मामले को लेकर अब भी कई सवाल खड़े किए हैं. सोमदास का कहना है कि जब उसके पिता की मौत हॉस्पिटल में हुई तो उन्हें कई अलग-अलग कागजों में सिग्नेचर करवाया गया. लेकिन अब उनका मृत्यु प्रमाण पत्र मांगने पर कहा जा रहा है कि उनके पिता की मौत हॉस्पिटल में नहीं हुई है. उन्हें यह भी कहा जा रहा है कि आपने खुद लिख कर दिया है कि वे अपनी जिम्मेदारी में अपने पिता को हॉस्पिटल से लेकर जा रहे हैं. सोमदास का कहना है कि "यदि पिता की मौत नहीं होती तो वह उन्हें घर कैसे ले जाता. और जिंदा रहते हैं तो उन्हें कैसे कब्र में दफना देता." इस तरह के कई और सवाल मृतक के पुत्र ने उठाए हैं.
दिखाई गई है किडनी, लेकिन भरोसा नहीं हो रहा: पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने मृतक के परिजनों को दोनों किडनी दिखाई. इस पर धरमदास के बेटे सोमदास ने कहा कि डॉक्टर ने उसे किडनी दिखाई है. उसके पिता के शरीर में दोनों किडनी थी. लेकिन सोम दास ने यह सवाल भी उठाया कि उसने जीवन में पहली बार इंसानी शरीर का किडनी देखा है. इसलिए उसे भरोसा नहीं हो रहा है कि जो उसे दिखाया गया है वह किडनी ही है.