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केरल के तटीय क्षेत्रों में आने वाले वर्षों में समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा : विशेषज्ञ - केंद्रीय समुद्री मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान

समुद्री विशेषज्ञों ने शनिवार को चेतावनी दी कि केरल के तटीय इलाकों में आने वाले वर्षों में समुद्री सतह के तापमान में बढ़ोतरी की वजह से जलस्तर बढ़ने की प्रवृत्ति देखने को मिलेगी.

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Published : Jun 5, 2021, 8:51 PM IST

कोच्चि : विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर शनिवार को कोच्चि स्थित केंद्रीय समुद्री मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में विशेषज्ञों ने कहा कि केरल के तटीय इलाकों में आने वाले वर्षों में समुद्री जलस्तर बढ़ेगा.

ऊंची लहरों और समुद्र के कटाव के कारण तटीय समुदाय के समक्ष आने वाली आपदाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए वेबिनार के दौरान विशेषज्ञों ने मैंग्रोव वनीकरण पर जोर देते हुए तटीय वनस्पतियों को बहाल किए जाने की मांग की.

उनके मुताबिक यह तटीय क्षेत्र की सुरक्षा में जैविक ढाल का काम करेगा और इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन बचाएगा. सीएमएफआरआई द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक वेबिनार में कहा गया कि हाल में आए दो चक्रवाती तूफान ताउते और यास के कारण केरल के समूचे तटीय क्षेत्र में समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिली.

विज्ञप्ति के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि हिंद महासागर के जल के तेजी से गरम होने की वजह से आने वाले सालों में तटीय क्षेत्रों में ऐसे स्टॉर्म सर्ज के बढ़ने की आशंका है. उन्होंने कहा कि चक्रवाती हवाओं की वजह से तूफानी लहरें पैदा होती हैं.

यह भी पढ़ें-भ्रम को करिए दूर, यहां जानें महाराष्ट्र में कहां और कितनी मिलेगी छूट

इनकी वजह से तटीय इलाकों की बस्तियों में ऊंची लहरें, समुद्री कटाव और बाढ़ देखने को मिलती हैं. यह हाल में देखा गया है विशेष रूप से चेलानम जैसे क्षेत्रों में ऐसा देखा गया है.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर शनिवार को कोच्चि स्थित केंद्रीय समुद्री मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में विशेषज्ञों ने कहा कि केरल के तटीय इलाकों में आने वाले वर्षों में समुद्री जलस्तर बढ़ेगा.

ऊंची लहरों और समुद्र के कटाव के कारण तटीय समुदाय के समक्ष आने वाली आपदाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए वेबिनार के दौरान विशेषज्ञों ने मैंग्रोव वनीकरण पर जोर देते हुए तटीय वनस्पतियों को बहाल किए जाने की मांग की.

उनके मुताबिक यह तटीय क्षेत्र की सुरक्षा में जैविक ढाल का काम करेगा और इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन बचाएगा. सीएमएफआरआई द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक वेबिनार में कहा गया कि हाल में आए दो चक्रवाती तूफान ताउते और यास के कारण केरल के समूचे तटीय क्षेत्र में समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिली.

विज्ञप्ति के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि हिंद महासागर के जल के तेजी से गरम होने की वजह से आने वाले सालों में तटीय क्षेत्रों में ऐसे स्टॉर्म सर्ज के बढ़ने की आशंका है. उन्होंने कहा कि चक्रवाती हवाओं की वजह से तूफानी लहरें पैदा होती हैं.

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इनकी वजह से तटीय इलाकों की बस्तियों में ऊंची लहरें, समुद्री कटाव और बाढ़ देखने को मिलती हैं. यह हाल में देखा गया है विशेष रूप से चेलानम जैसे क्षेत्रों में ऐसा देखा गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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