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ऑक्सीजन की जगह बेच रहे थे कॉर्बनडाइऑक्साइड से भरे सिलेंडर, जांच के आदेश जारी

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि मामले के एक हफ्ते बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले की शिकायत जिलाधिकारी, डिस्ट्रिक सर्जन, खाद्य और औषधि प्रशासन से भी की गई है.

कोरोना महामारी
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Published : May 5, 2021, 5:16 PM IST

जलगांव : कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. बीमारी के चलते दवाइयों और स्वास्थ्य सामग्री की मांग भी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. इस बीच महाराष्ट्र के जलगांव से चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

यहां ऑक्सीजन सिलेंडर की बजाय कार्बनडाइऑक्साइड से भरे सिलेंडर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं. इस बात का खुलासा एक प्रोफेसर ने किया, जो लोगों की मदद करने में जुटे हैं. इसी तरह की समस्या का सामना प्रोफेसर डॉ. जयेंद्र लेकुवरे, डॉ. अन्नासाहेब और वुमेंस कॉलेज के प्रोफेसर को करना पड़ा. उन्होंने इसकी शिकायत राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से की. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि मामले के एक हफ्ते बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले की शिकायत जिलाधिकारी, डिस्ट्रिक सर्जन के साथ ही खाद्य और औषधि प्रशासन से भी की गई है.

ऑक्सीजन की जगह बेच रहे थे कॉर्बनडाइऑक्साइड से भरे सिलेंडर.

ये भी पढ़ें: कोरोना के मामलों में कमी: दूसरा पीक कम होने के मिले शुरुआती संकेत

यह है पूरा मामला

बता दें, भुसावल के कुछ प्रोफेसर 'ऑक्सीजन ग्रुप' नाम का एक समूह चलाते हैं, जिसके जरिये वे जरूरतमंदों की मदद करने में जुटे हैं. जब इस समूह के एक प्रोफेसर डॉ. जयेंद्र लेकुवरे जलगांव में छाबड़ा एजेंसी से छह सिलेंडर लेकर आए, तो उसमें से चार सिलेंडर खाली निकले. वे फैक्ट्री में इन खाली सिलेंडरों को भरवाने गए, तो फैक्ट्री के संचालक ने यह कहकर मना कर दिया कि इसमें कार्बनडाइऑक्साइड गैस है. फैक्ट्री संचालक ने यह भी कहा कि इन सिलेंडर में ऑक्सीजन भरने पर ब्लास्ट भी हो सकता है. इसके बाद प्रोफेसर छाबड़ा एजेंसी में इसकी शिकायत करने पहुंचे. एजेंसी ने प्रोफेसर के आरोपों को मानने से इनकार कर दिया. एजेंसी संचालक ने कहा कि वे सरकारी सर्कुलर के अनुसार ही सिलेंडर की आपूर्ति कर रहे हैं. इस बात पर प्रोफेसर और संचालक के बीच खूब बहस हुई.

जांच के आदेश जारी

इधर, संरक्षक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी को मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. मंत्री ने अपने आदेश में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.

जलगांव : कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. बीमारी के चलते दवाइयों और स्वास्थ्य सामग्री की मांग भी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. इस बीच महाराष्ट्र के जलगांव से चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

यहां ऑक्सीजन सिलेंडर की बजाय कार्बनडाइऑक्साइड से भरे सिलेंडर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं. इस बात का खुलासा एक प्रोफेसर ने किया, जो लोगों की मदद करने में जुटे हैं. इसी तरह की समस्या का सामना प्रोफेसर डॉ. जयेंद्र लेकुवरे, डॉ. अन्नासाहेब और वुमेंस कॉलेज के प्रोफेसर को करना पड़ा. उन्होंने इसकी शिकायत राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से की. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि मामले के एक हफ्ते बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले की शिकायत जिलाधिकारी, डिस्ट्रिक सर्जन के साथ ही खाद्य और औषधि प्रशासन से भी की गई है.

ऑक्सीजन की जगह बेच रहे थे कॉर्बनडाइऑक्साइड से भरे सिलेंडर.

ये भी पढ़ें: कोरोना के मामलों में कमी: दूसरा पीक कम होने के मिले शुरुआती संकेत

यह है पूरा मामला

बता दें, भुसावल के कुछ प्रोफेसर 'ऑक्सीजन ग्रुप' नाम का एक समूह चलाते हैं, जिसके जरिये वे जरूरतमंदों की मदद करने में जुटे हैं. जब इस समूह के एक प्रोफेसर डॉ. जयेंद्र लेकुवरे जलगांव में छाबड़ा एजेंसी से छह सिलेंडर लेकर आए, तो उसमें से चार सिलेंडर खाली निकले. वे फैक्ट्री में इन खाली सिलेंडरों को भरवाने गए, तो फैक्ट्री के संचालक ने यह कहकर मना कर दिया कि इसमें कार्बनडाइऑक्साइड गैस है. फैक्ट्री संचालक ने यह भी कहा कि इन सिलेंडर में ऑक्सीजन भरने पर ब्लास्ट भी हो सकता है. इसके बाद प्रोफेसर छाबड़ा एजेंसी में इसकी शिकायत करने पहुंचे. एजेंसी ने प्रोफेसर के आरोपों को मानने से इनकार कर दिया. एजेंसी संचालक ने कहा कि वे सरकारी सर्कुलर के अनुसार ही सिलेंडर की आपूर्ति कर रहे हैं. इस बात पर प्रोफेसर और संचालक के बीच खूब बहस हुई.

जांच के आदेश जारी

इधर, संरक्षक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी को मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. मंत्री ने अपने आदेश में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.

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