अयोध्याः बुधवार से गर्भगृह का निर्माण शुरू हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गर्भगृह के निर्माण के लिए पहली शिला रखी. इसके साथ ही 29 मई से शुरू हुआ सर्वदेव अनुष्ठान का समापन हो गया. अब सीएम योगी निर्माण स्थल के पास द्रविड़ शैली में बने मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी शामिल हुए. रामनगरी में प्रभु श्री राम के मंदिर का निर्माण तेज गति के साथ चल रहा है.
9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया और 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी और तब से ही मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर के निर्माण कार्य में अब तक प्लिंथ (कुर्सी) का कार्य पूरा हो चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के गर्भगृह की प्रथम शिला रखा और पूजा की.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि आज सबसे पहले रामार्च की पूजा हुई, जो अयोध्या की विशेषता मानी जाती है. इसके बाद दुर्गा सप्तशती, भगवान शंकर का रुद्राभिषेक, राम रक्षा स्त्रोत, विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड 2 दिन तक अलग-अलग समय चलेंगे. 3 घंटे सुबह और 3 घंटे शाम यह अनुष्ठान चलता रहेगा.
चंपत राय ने बताया कि 9 बजे पत्थरों का इंस्टॉलेशन शुरू हो गया. पूजन अर्चन में अयोध्या के 90 संत महापुरुषों को निमंत्रण दिया गया था. मंदिर निर्माण कार्य में जितनी दूरी में गर्भगृह बनाया जाना है. उतनी ही दूरी तक प्लिंथ का कार्य किया गया है. मंदिर का गर्भगृह 20x20 का बनाया जाएगा. गर्भगृह की दीवारें 6 फीट मोटी होंगी. गर्भगृह में लगने वाले पत्थरों की नक्काशी भी तेज गति के साथ हो रही है. नक्काशी का जो कार्य है, वह राम जन्म भूमि की कार्यशाला में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 1990 से श्री राम जन्म भूमि की कार्यशाला में रखे गए पत्थर के उपयोग होने का समय भी आ गया है. यह पत्थर जल्द से जल्द राम जन्मभूमि के परिसर में लाए जाएंगे, जिससे मंदिर का निर्माण कार्य को गति मिल सके.
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