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Chhawla Gangrape Case: पीड़िता के पिता से उत्तराखंड सीएम ने की बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन - अनामिका रेप केस

दिल्ली के छावला इलाके में साल 2012 में पौड़ी जिले की 19 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप और हत्या की घटना हुई थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट से दोषी साबित हुए तीन आरोपियों को बरी कर दिया था. जिसके बाद पीड़िता के परिजन काफी आहत हैं. इसी कड़ी में सीएम पुष्कर धामी ने पीड़िता के पिता से फोन पर बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

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पीड़िता के पिता से उत्तराखंड सीएम ने की बात
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Published : Nov 11, 2022, 9:07 PM IST

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छावला गैंगरेप पीड़िता के पिता से बात की. इस दौरान उन्होंने पीड़िता के पिता से न्याय के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया. सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से बात की है. साथ ही उनके वकील चारू खन्ना से भी बात की है. पूरा उत्तराखंड उनके साथ है. वहीं, सीएम धामी ने दिल्ली दौरे पर उनसे मुलाकात करने की बात कही.

दरअसल, छावला गैंगरेप और हत्या मामले (Chhawla rape and murder case) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीड़िता के पिता से फोन पर बात (CM Pushkar Dhami talks to father of Victim) की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर मैंने एडवोकेट चारू खन्ना से बात की है. साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Law and Justice Minister Kiren Rijiju) से भी बात की है. उन्होंने कहा कि पीड़िता हमारे उत्तराखंड की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. जब वो दिल्ली आएंगे तो उनसे जरूर मुलाकात करेंगे.

छावला गैंगरेप पीड़िता के पिता से उत्तराखंड सीएम ने की बात

छावला गैंगरेप और हत्याकांड के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने किया बरीः बीती 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में अपना फैसला सुनाया था. शीर्ष अदालत ने तीनों आरोपी रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया. अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें दोषियों के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी. साल 2012 में दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय लड़की के साथ आरोपियों पर दरिंदगी की सारी हदें पार कर उसकी हत्या करने का आरोप था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

पौड़ी की बेटी के साथ हुई थी दरिंदगीः पीड़िता पौड़ी जिले की रहने वाली थी. दिल्ली में छावला इलाके में रहती थी. रोजाना की तरह 14 फरवरी 2012 को भी वो अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. काफी खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं.

पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो दो दिन बाद यानी 16 फरवरी को लड़की का शव हरियाणा में गन्ने के एक खेत में मिला था. उसके साथ जो क्रूरता की गई थी, वो दिल्ली की निर्भया से भी भयावह थी. परिजनों की मानें तो उत्तराखंड की इस बेटी को आरोपियों के किसी जानवर की तरह नोंचा गया था. उसे न सिर्फ मारा पीटा गया था, बल्कि दो दिनों तक लगातार उसके साथ गैंगरेप हुआ था. इतना ही नहीं उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया गया था. उसके नाजुक अंगों से शराब की बोतल मिली थी. पानी गरम करके उसके शरीर को दाग दिया गया था.
ये भी पढ़ेः CM धामी बोले- न्याय दिलाने के लिए करेंगे हर संभव प्रयास, त्रिवेंद्र रावत ने की ये अपील

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छावला गैंगरेप पीड़िता के पिता से बात की. इस दौरान उन्होंने पीड़िता के पिता से न्याय के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया. सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से बात की है. साथ ही उनके वकील चारू खन्ना से भी बात की है. पूरा उत्तराखंड उनके साथ है. वहीं, सीएम धामी ने दिल्ली दौरे पर उनसे मुलाकात करने की बात कही.

दरअसल, छावला गैंगरेप और हत्या मामले (Chhawla rape and murder case) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीड़िता के पिता से फोन पर बात (CM Pushkar Dhami talks to father of Victim) की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर मैंने एडवोकेट चारू खन्ना से बात की है. साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Law and Justice Minister Kiren Rijiju) से भी बात की है. उन्होंने कहा कि पीड़िता हमारे उत्तराखंड की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. जब वो दिल्ली आएंगे तो उनसे जरूर मुलाकात करेंगे.

छावला गैंगरेप पीड़िता के पिता से उत्तराखंड सीएम ने की बात

छावला गैंगरेप और हत्याकांड के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने किया बरीः बीती 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में अपना फैसला सुनाया था. शीर्ष अदालत ने तीनों आरोपी रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया. अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें दोषियों के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी. साल 2012 में दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय लड़की के साथ आरोपियों पर दरिंदगी की सारी हदें पार कर उसकी हत्या करने का आरोप था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

पौड़ी की बेटी के साथ हुई थी दरिंदगीः पीड़िता पौड़ी जिले की रहने वाली थी. दिल्ली में छावला इलाके में रहती थी. रोजाना की तरह 14 फरवरी 2012 को भी वो अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. काफी खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं.

पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो दो दिन बाद यानी 16 फरवरी को लड़की का शव हरियाणा में गन्ने के एक खेत में मिला था. उसके साथ जो क्रूरता की गई थी, वो दिल्ली की निर्भया से भी भयावह थी. परिजनों की मानें तो उत्तराखंड की इस बेटी को आरोपियों के किसी जानवर की तरह नोंचा गया था. उसे न सिर्फ मारा पीटा गया था, बल्कि दो दिनों तक लगातार उसके साथ गैंगरेप हुआ था. इतना ही नहीं उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया गया था. उसके नाजुक अंगों से शराब की बोतल मिली थी. पानी गरम करके उसके शरीर को दाग दिया गया था.
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