उत्तराखंड/हल्द्वानी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी में आयोजित आभार रैली के दौरान युवाओं से संबंधित एक बड़ा ऐलान किया. अपने संबोधन में सीएम धामी ने कहा प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया में 100 फीसदी पारदर्शिता लाने के मकसद से अब समूह 'ग' की सभी परीक्षाओं तकनीकी और गैर तकनीकी पदों में साक्षात्कार की व्यवस्था पूरी तरह खत्म की जाएगी.
बुधवार को हल्द्वानी के रामलीला मैदान में नकल विरोधी कानून लागू करने के उपलक्ष्य में भाजयुमो उत्तराखंड ने 'आभार रैली' का आयोजन किया था. इसी रैली में भाग लेने सीएम धामी पहुंचे थे. यहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान किया कि वो युवाशक्ति से मिले स्नेह, प्रेम व समर्थन से काफी अभिभूत हैं. उनकी सरकार के लिए युवाओं का हित सबसे ऊपर है, जिसको देखते हुए वो कई बड़ी घोषणा करने जा रहे हैं.
सीएम धामी ने कहा साल 2008 में हमारी सरकार ने ग्रुप 'सी' की लोक सेवा आयोग की बाहर से भर्ती परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त की थी, लेकिन वह पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया. चूंकी हमने संकल्प लिया है कि हमारे नौजवानों की प्रतिभा और प्रतियोगिता की चयन प्रक्रिया में सर्वोच्च स्थान दिया जाए. इसलिए हमारी सरकार यह निर्णय लेनी जा रही है कि समूह ग की कोई भी परीक्षा चाहे वो लोक सेवा आयोग की हो या बाहरी परीक्षा की या फिर लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जा रही हो, सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी. इस इंटरव्यू में इसमें जेई तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी शामिल हैं.
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इसके साथ ही हाई लेवल पोस्ट पर होने वाले इंटरव्यू में भी कुछ बदलाव होंगे, क्योंकि उनको लगातार शिकायत मिल रही थी कि इस पदों पर होने वाले इंटरव्यू में किसी को अधिक अंक तो किसी को कम अंक दिये जाते हैं. सीएम ने कहा कि PCS जैसे हाई पदों पर इंटरव्यू का परसेंट टोटल अंकों के 10 फीसदी से अधिक नहीं रखा जाएगा और इन पदों में किसी भी अभ्यर्थी को साक्षात्कार में 40 फीसदी से कम और 70 फीसदी से अधिक अंक नहीं दिए जा सकेंगे. लेकिन अगर किसी कैंडिडेट को 70 फीसदी से अधिक अंक दिए गए तो इंटरव्यूवर को वो कंडिशन बतानी होगी.
इसके साथ ही सीएम ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वो लगातार जनता को बरगला रहे हैं. उन्होंने युवाओं के कंधों पर बंदूक रखकर नकल विरोधी कानून पर सवालिया निशान लगाते हुए सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है. सीएम ने नकल विरोधी कानून को लेकर उठने वाले सवालों पर सफाई देते हुए कहा कि ये कानून केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लागू है, ये स्कूल-कॉलेज के एग्जाम के लिए नहीं है. लेकिन कुछ लोग इसका दुष्प्रचार कर रहे हैं.
सीएम ने कहा कि विपक्ष कुछ समय से जोर-शोर से सीबीआई जांच की मांग कर रहा है, क्योंकि उनको पता है कि अगर CBI जांच बैठी तो पांच-सात सालों तक कोई एग्जाम नहीं हो सकेंगे और भर्तियां नहीं हो पाएंगी और जब एग्जाम नहीं होंगे तो युवाओं का कितना नुकसान होगा. गौर हो कि उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लाए जाने की खुशी में बीजेपी युवा मोर्चा द्वारा हल्द्वानी में मुख्यमंत्री की आभार रैली आयोजित की गई थी. इस रैली में बड़ी संख्या में युवा पहुंचे थे.