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ओडिशा: नवीन पटनायक ने राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण कानून पर दिया बयान, पढ़ें खबर - पुरी में जगन्नाथ मंदिर

पुरी में जगन्नाथ मंदिर के आसपास निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर वहां के लोगों व सांसद ने नाराजगी जताई है. पुरी के सांसद ने इसे केंद्र द्वारा की गई साजिश करार दिया है.

naveen patnaik reacts on nma heritage bylaws
पुरी में दर्शन करने के बाद दिया बयान
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Published : Feb 8, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Feb 8, 2021, 8:47 PM IST

भुवनेश्वर/पुरी : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को केंद्र से राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) द्वारा जारी मसौदा उपनियम अधिसूचना को वापस लेने का आग्रह किया, जो पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के 100 मीटर के दायरे में किसी भी विकास कार्य को प्रतिबंधित करता है. एनएमए की अधिसूचना को लेकर राज्य भर में तीव्र आक्रोश है. भाजपा और बीजद सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल से अलग-अलग मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि आदेश वापस ले लिया जाएगा.

naveen patnaik reacts on nma heritage bylaws
पुरी से लोकसभा सांसद पिनाकी मिश्र ने किया ट्वीट

पटनायक ने पुरी में संवाददाताओं से कहा कि भगवान जगन्नाथ के काम को कोई नहीं रोक सकता. केंद्र सरकार को उपनियम अधिसूचना वापस लेनी चाहिए. पटनायक कोविड​​-19 महामारी के मद्देनजर लगे प्रतिबंध हटाए जाने के बाद पहली बार 12वीं शताब्दी के मंदिर आये थे. मुख्यमंत्री ने पुरी के स्थानीय लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर (एसजेएचसी) परियोजना के लिए अपनी भूमि दी है. यह परियोजना मंदिर की सुरक्षा और आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए है.

राज्य सरकार पुरी मंदिर की चारदीवारी से 75 मीटर की दूरी पर विकास परियोजनाएं चला रही हैं, जिसके लिए लोगों ने अपनी जमीन दान दी है. इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में पटेल से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा कि केंद्र सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि मंदिर के आसपास हो रहे विकास कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाए. भाजपा ने सारंगी के हवाले से जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान जगन्नाथ के भक्त हैं और वह पुरी में किसी को भी समस्या उत्पन्न नहीं करने देंगे.

सारंगी ने यह भी कहा कि एनएमए मसौदा उपनियम विज्ञप्ति जारी करना एक ‘‘नौकरशाही की त्रुटि’’ थी जिसे ‘‘गलती से’’ जारी किया गया है और इसे जल्द ही वापस ले लिया जाएगा. बीजद सांसदों के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने संसद में केंद्रीय संस्कृति मंत्री से भी मुलाकात की और पुरी के लिए एनएमए मसौदा उपनियम को समाप्त करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने बीजद प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि इसे वापस ले लिया जाएगा. हमने मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार मंत्री से मुलाकात की.

पढ़ें: ओडिशा : जगन्नाथ मंदिर के आसपास निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का प्रस्ताव, लोगों में नाराजगी

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले एनएमए ने अपनी वेबसाइट में पुरी के आस-पास के क्षेत्रों के साथ केंद्रीय संरक्षित स्मारक और सहायक तीर्थस्थलों का मसौदा विरासत उपनियम प्रकाशित किया है और 18 फरवरी तक जनता से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं.

भुवनेश्वर/पुरी : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को केंद्र से राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) द्वारा जारी मसौदा उपनियम अधिसूचना को वापस लेने का आग्रह किया, जो पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के 100 मीटर के दायरे में किसी भी विकास कार्य को प्रतिबंधित करता है. एनएमए की अधिसूचना को लेकर राज्य भर में तीव्र आक्रोश है. भाजपा और बीजद सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल से अलग-अलग मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि आदेश वापस ले लिया जाएगा.

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पुरी से लोकसभा सांसद पिनाकी मिश्र ने किया ट्वीट

पटनायक ने पुरी में संवाददाताओं से कहा कि भगवान जगन्नाथ के काम को कोई नहीं रोक सकता. केंद्र सरकार को उपनियम अधिसूचना वापस लेनी चाहिए. पटनायक कोविड​​-19 महामारी के मद्देनजर लगे प्रतिबंध हटाए जाने के बाद पहली बार 12वीं शताब्दी के मंदिर आये थे. मुख्यमंत्री ने पुरी के स्थानीय लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर (एसजेएचसी) परियोजना के लिए अपनी भूमि दी है. यह परियोजना मंदिर की सुरक्षा और आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए है.

राज्य सरकार पुरी मंदिर की चारदीवारी से 75 मीटर की दूरी पर विकास परियोजनाएं चला रही हैं, जिसके लिए लोगों ने अपनी जमीन दान दी है. इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में पटेल से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा कि केंद्र सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि मंदिर के आसपास हो रहे विकास कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाए. भाजपा ने सारंगी के हवाले से जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान जगन्नाथ के भक्त हैं और वह पुरी में किसी को भी समस्या उत्पन्न नहीं करने देंगे.

सारंगी ने यह भी कहा कि एनएमए मसौदा उपनियम विज्ञप्ति जारी करना एक ‘‘नौकरशाही की त्रुटि’’ थी जिसे ‘‘गलती से’’ जारी किया गया है और इसे जल्द ही वापस ले लिया जाएगा. बीजद सांसदों के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने संसद में केंद्रीय संस्कृति मंत्री से भी मुलाकात की और पुरी के लिए एनएमए मसौदा उपनियम को समाप्त करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने बीजद प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि इसे वापस ले लिया जाएगा. हमने मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार मंत्री से मुलाकात की.

पढ़ें: ओडिशा : जगन्नाथ मंदिर के आसपास निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का प्रस्ताव, लोगों में नाराजगी

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले एनएमए ने अपनी वेबसाइट में पुरी के आस-पास के क्षेत्रों के साथ केंद्रीय संरक्षित स्मारक और सहायक तीर्थस्थलों का मसौदा विरासत उपनियम प्रकाशित किया है और 18 फरवरी तक जनता से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं.

Last Updated : Feb 8, 2021, 8:47 PM IST
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