नई दिल्ली: सिंगापुर में आयोजित होने वाले एक विश्व स्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जाने वाले थे, लेकिन केजरीवाल को सिंगापुर जाने की अभी तक अनुमति नहीं मिली है. अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और सिंगापुर जाने की अनुमति रोकने को गलत बताया है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली मॉडल को विश्व स्तरीय सम्मेलन में प्रस्तुत करने के लिए गत जून माह में सिंगापुर सरकार ने न्योता दिया था. जिसमें दुनिया भर के कई बड़े नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल प्रस्तुत किया जाना है. आज सारी दुनिया दिल्ली मॉडल के बारे में जानना चाहती है. ये न्योता देश के लिए गौरव और मान की बात है. किसी मुख्यमंत्री को इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से रोकना देशहित के ख़िलाफ़ है. उन्होंने सम्मेलन में जाने के लिए जल्द से जल्द अनुमति देने की मांग की है. ताकि इससे देश का नाम ऊंचा कर सकें.
प्रोटोकॉल के अनुसार मुख्यमंत्री समेत किसी भी मंत्री को विदेश यात्राओं के लिए आधिकारिक रूप से गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होती है. मंजूरी के लिए फाइल उपराज्यपाल कार्यालय के जरिए गृह मंत्रालय को भेजी जाती है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे की फ़ाइल भी उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेजी गई है. वहां से अभी मंजूरी नहीं दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शहरों से जुड़े विश्व शिखर सम्मेलन (31 जुलाई-3 अगस्त) में भाग लेने के लिए अनुमति मांगी है. वहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल को रखने के लिए जाना चाहते हैं. इसमें शामिल होने के लिए सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वांग ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को आमंत्रित किया था.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल कार्यालय में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की फाइल पिछले करीब एक महीने से रुकी हुई है. पार्टी की प्रवक्ता आतिशी का कहना है कि इससे पहले उपराज्यपाल कार्यालय से फाइल एक या दो दिन में वापस आ जाती थी. लेकिन सिंगापुर दौरे को लेकर वहां से कोई अनुमति नहीं मिली है.
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