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हाईटेक दौर में रिश्वत भी डिजिटल, गूगल पे के जरिए घूस लेता क्लर्क गिरफ्तार

हिसार में एक घूसखोर क्लर्क गिरफ्तार किया गया है. क्लर्क पर आरोप है कि उसने फाइल वेरिफिकेशन की एवज में एक व्यक्ति से गूगल पे के जरिए रिश्वत ली है.

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Published : Dec 21, 2021, 9:45 PM IST

हिसार: डिजिटल पेमेंट के जमाने में अब रिश्वत भी डिजिटल हो गई है. कुछ ऐसा ही मामला हिसार से सामने आया है. यहां विजिलेंस की टीम ने जिले के तहसीलदार कार्यालय में तैनात एक क्लर्क को 2500 रुपये की रिश्वत गूगल पे के जरिये लेते हुए गिरफ्तार किया (Bribe from Google Pay in Hisar) है. विजिलेंस की टीम ने आरोपी क्लर्क के पास दो फोन भी बरामद किए हैं. इनमें से एक उसका खुद का है और दूसरा वह है जिस पर गूगल पे से 2500 रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.


विजिलेंस इंस्पेक्टर धर्मवीर दहिया ने बताया कि मैरिज सर्टिफिकेट की फाइल वेरिफिकेशन के नाम पर आरोपी कर्मचारी नवनीत तीन हजार रुपये की रिश्वत मांग कर रहा था. बात ढाई हजार रुपये में तय हुई. इसके बाद पीड़ित आवेदक लक्ष्मण ने विजिलेंस को इसकी शिकायत दी. विजिलेंस टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तहसीलदार ऑफिस में कार्यरत रीडर नवनीत को पकड़ा. फिलहाल रिश्वत के इस खेल में और कौन-कौन शामिल हैं इसको लेकर विजिलेंस की टीम नवनीत से पूछताछ कर रही है.

ये भी पढ़ें-रेवाड़ी जेल सुपरिटेंडेंट के घर पर विजिलेंस की रेड, 4 घंटे बाद खोला दरवाजा, खाली हाथ लौटी टीम

बता दें कि शिकायतकर्ता लक्ष्मण लंधड़ी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है. इसी को लेकर मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उन्होंने 19 नवंबर को तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क नवनीत के पास फाइल जमा करवाई थी. इसी फाइल को वेरिफिकेशन करने की एवज में नवनीत ने रिश्वत की मांग की थी. मैरिज सर्टिफिकेट के साथ हरियाणा सरकार की योजना के अंतर्गत लक्ष्मण को करीब ढाई लाख रुपए मिलने है. इसी बात का फायदा उठाने के लिए फाइल रोकी गई थी.

हिसार: डिजिटल पेमेंट के जमाने में अब रिश्वत भी डिजिटल हो गई है. कुछ ऐसा ही मामला हिसार से सामने आया है. यहां विजिलेंस की टीम ने जिले के तहसीलदार कार्यालय में तैनात एक क्लर्क को 2500 रुपये की रिश्वत गूगल पे के जरिये लेते हुए गिरफ्तार किया (Bribe from Google Pay in Hisar) है. विजिलेंस की टीम ने आरोपी क्लर्क के पास दो फोन भी बरामद किए हैं. इनमें से एक उसका खुद का है और दूसरा वह है जिस पर गूगल पे से 2500 रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.


विजिलेंस इंस्पेक्टर धर्मवीर दहिया ने बताया कि मैरिज सर्टिफिकेट की फाइल वेरिफिकेशन के नाम पर आरोपी कर्मचारी नवनीत तीन हजार रुपये की रिश्वत मांग कर रहा था. बात ढाई हजार रुपये में तय हुई. इसके बाद पीड़ित आवेदक लक्ष्मण ने विजिलेंस को इसकी शिकायत दी. विजिलेंस टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तहसीलदार ऑफिस में कार्यरत रीडर नवनीत को पकड़ा. फिलहाल रिश्वत के इस खेल में और कौन-कौन शामिल हैं इसको लेकर विजिलेंस की टीम नवनीत से पूछताछ कर रही है.

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बता दें कि शिकायतकर्ता लक्ष्मण लंधड़ी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है. इसी को लेकर मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उन्होंने 19 नवंबर को तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क नवनीत के पास फाइल जमा करवाई थी. इसी फाइल को वेरिफिकेशन करने की एवज में नवनीत ने रिश्वत की मांग की थी. मैरिज सर्टिफिकेट के साथ हरियाणा सरकार की योजना के अंतर्गत लक्ष्मण को करीब ढाई लाख रुपए मिलने है. इसी बात का फायदा उठाने के लिए फाइल रोकी गई थी.

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