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त्रिपुरा : कांग्रेस और भाजपा समर्थकों में झड़प, कांग्रेस अध्यक्ष समेत 19 घायल - कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प

त्रिपुरा में उपचुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प हुई है. दोनों पार्टीयों के नेता इसके बाद से आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. सीएम माणिक साहा ने शांति बनाए रखने की अपील की है.

clash occurred between BJP and Congress workers in Agartala
भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प
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Published : Jun 26, 2022, 5:18 PM IST

Updated : Jun 26, 2022, 6:56 PM IST

अगरतला : उपचुनाव परिणामों की घोषणा के बाद त्रिपुरा के अगरतला में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) मुख्यालय के बाहर भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई. कांग्रेस भवन के सामने रविवार को यहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों के बीच हुई झड़प में त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) प्रमुख बिरजीत सिन्हा सहित कम से कम 19 लोग घायल हो गए. राज्य में विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.

  • Tripura | "All of a sudden Congress goons pelted stones, bricks at the BJP workers, to which BJP workers responded. We're not cowards & know how to encounter such brutalities," says BJP state vice-president Rajib Bhattacharjee pic.twitter.com/MAg5MBEvuJ

    — ANI (@ANI) June 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि त्रिपुरा में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को तीन और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है. डाकघर चौमुहानी में स्थित कांग्रेस भवन के आसपास का पूरा क्षेत्र झड़प के बाद वीरान हो गया. कांग्रेस नेता आशीष कुमार साहा ने कहा, 'कांग्रेस समर्थक अगरतला विधानसभा सीट पर विजयी उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन के साथ अपराह्न एक बजे मतगणना केंद्र से कांग्रेस भवन लौट आए.' उन्होंने कहा, 'जब हम दोपहर के भोजन की तैयारी कर रहे थे तो भाजपा समर्थकों के एक समूह ने कांग्रेस भवन पर हमला किया. त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष के सिर पर ईंटों से वार किया गया, जबकि कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ता रोमी मियां को भाजपा समर्थकों ने चाकू मार दिया.'

उन्होंने आरोप लगाया कि युवा मोर्चा के एक नेता के नेतृत्व में भाजपा समर्थकों ने भवन पर पथराव किया और बाहर खड़ी कई मोटरसाइकिलों को नुकसान पहुंचाया. साहा ने आरोप लगाया कि जिस समय हमला हो रहा था पुलिस मूकदर्शक बनी रही. दूसरी ओर, सूचना और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस समर्थकों ने पहले दिन में अगरतला नगर निगम (एएमसी) की भाजपा पार्षद शिल्पी सेन पर पत्थर फेंके थे और उस घटना ने पार्टी समर्थकों को नाराज़ कर दिया था. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस प्रायोजित हमले में हमारी पार्टी के लगभग छह समर्थक घायल हो गए. वह उपचुनाव में चार विधानसभा सीटों में से एक पर जीत हासिल करने के बाद परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मदद से सत्ता में लौटने का सपना देख रहे हैं.'

पुलिस ने कहा कि तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'टीपीसीसी अध्यक्ष को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिस कांग्रेस समर्थक को चाकू मारा गया था, उनका भी इलाज चल रहा है. भाजपा के एक समर्थक विशाल चक्रवर्ती के सिर में चोट आई और 12 टांके लगाए गए हैं.' रॉय बर्मन के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और घटना पर एक ज्ञापन सौंपा. सुशांत चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने पुलिस अधिकारियों से भी मुलाकात की है और भाजपा पार्षद और अन्य पर हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

त्रिपुरा उपचुनाव में भाजपा ने तीन, कांग्रेस ने एक सीट जीती : निर्वाचन आयोग ने कहा कि टाउन बोरडोवाली सीट पर मुख्यमंत्री व भाजपा उम्मीदवार माणिक साहा ने 6,104 मतों के अंतर से जीत हासिल की. उन्हें 17,181 मत मिले, जो डाले गए कुल मतों का 51.63 प्रतिशत है. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 11,077 मत मिले, जो कुल मतों का 33.29 फीसद है. अगरतला सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन को 3,163 मतों के अंतर से जीत मिली है. उन्हें 17,241 वोट मिले, जो डाले गए कुल वोट का 43.46 प्रतिशत है. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार अशोक सिन्हा को 14,268 (35.57 प्रतिशत) मत मिले. इस जीत के साथ ही रॉय बर्मन विधानसभा में कांग्रेस के एकमात्र विधायक बन गए हैं. साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी.

माकपा के गढ़ जुबराजनगर में भाजपा को 4,572 मतों के अंतर से जीत मिली है. भाजपा उम्मीदवार मलिना देबनाथ को 18,769 (51.83 प्रतिशत) वोट मिले, जबकि माकपा के शैलेंद्र चंद्र नाथ के खाते में 14,197 (39.2 प्रतिशत) वोट आए. सुरमा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार स्वप्ना दास को 4,583 मतों के अंतर से जीत मिली. उन्हें कुल 16,677 (42.34 प्रतिशत) वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी टिपरा मोथा के उम्मीदवार बाबूराम सतनामी के खाते में 12,094 (30.7 प्रतिशत) वोट आए. उपचुनाव के लिए 23 जून को मतदान हुआ था.

सीएम ने की हिंसा न करने की अपील : मुख्यमंत्री साहा ने अपनी जीत के लिए भाजपा को वोट देने वालों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस और माकपा की मिलीभगत साबित हो गई है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, जिन लोगों ने मुझे वोट दिया, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. यह भाजपा कार्यकर्ताओं की जीत है. मुझे उम्मीद थी कि अंतर थोड़ा अधिक होगा. हालांकि, परिणाम माकपा और कांग्रेस के बीच मिलीभगत को साबित करते हैं. हम भविष्य में भी इसी तरह काम करेंगे. लोगों ने मिलीभगत को नकार दिया है.' उन्होंने कहा, 'हमने कई वर्षों तक राज्य में चुनाव के बाद हिंसा देखी है, इसलिए हमने लोगों से ऐसी चीजों से दूर रहने का आग्रह किया है. लोगों का विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है, और हम चाहेंगे कि उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. मैं विपक्षी दलों से भी शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं.'

बिप्लब देब के अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा सदस्य माणिक साहा को पिछले महीने राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें यह उपचुनाव जीतना जरूरी था. नियमानुसार विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद अब वह सांसद के रूप में इस्तीफा दे देंगे. त्रिपुरा में जमीन तलाश रही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का प्रदर्शन बहुत खराब रहा और सभी सीट पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.

टाउन बोरडोवाली सीट से भाजपा विधायक आशीष कुमार साहा और अगरतला से विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था, जिसके बाद इन सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी. जुबराजनगर से माकपा के विधायक रामेंद्र चंद्र देबनाथ के निधन कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया, जबकि सुरमा सीट पर भाजपा विधायक आशीष दास ने पार्टी से बगावत कर दी थी, जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दिया गया था, इसलिये इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी. उपचुनाव के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 36 विधायक हो गए हैं, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी के आठ विधायक हैं. विपक्षी माकपा नीत वाम मोर्चे के 15, जबकि कांग्रेस का एक विधायक है.

पढ़ें- उपचुनाव परिणाम अपडेट : त्रिपुरा में चार सीटों में तीन पर भाजपा की जीत, रामपुर लोस सीट पर भी भाजपा का कब्जा, संगरूर में आप हारी

अगरतला : उपचुनाव परिणामों की घोषणा के बाद त्रिपुरा के अगरतला में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) मुख्यालय के बाहर भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई. कांग्रेस भवन के सामने रविवार को यहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों के बीच हुई झड़प में त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) प्रमुख बिरजीत सिन्हा सहित कम से कम 19 लोग घायल हो गए. राज्य में विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.

  • Tripura | "All of a sudden Congress goons pelted stones, bricks at the BJP workers, to which BJP workers responded. We're not cowards & know how to encounter such brutalities," says BJP state vice-president Rajib Bhattacharjee pic.twitter.com/MAg5MBEvuJ

    — ANI (@ANI) June 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि त्रिपुरा में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को तीन और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है. डाकघर चौमुहानी में स्थित कांग्रेस भवन के आसपास का पूरा क्षेत्र झड़प के बाद वीरान हो गया. कांग्रेस नेता आशीष कुमार साहा ने कहा, 'कांग्रेस समर्थक अगरतला विधानसभा सीट पर विजयी उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन के साथ अपराह्न एक बजे मतगणना केंद्र से कांग्रेस भवन लौट आए.' उन्होंने कहा, 'जब हम दोपहर के भोजन की तैयारी कर रहे थे तो भाजपा समर्थकों के एक समूह ने कांग्रेस भवन पर हमला किया. त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष के सिर पर ईंटों से वार किया गया, जबकि कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ता रोमी मियां को भाजपा समर्थकों ने चाकू मार दिया.'

उन्होंने आरोप लगाया कि युवा मोर्चा के एक नेता के नेतृत्व में भाजपा समर्थकों ने भवन पर पथराव किया और बाहर खड़ी कई मोटरसाइकिलों को नुकसान पहुंचाया. साहा ने आरोप लगाया कि जिस समय हमला हो रहा था पुलिस मूकदर्शक बनी रही. दूसरी ओर, सूचना और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस समर्थकों ने पहले दिन में अगरतला नगर निगम (एएमसी) की भाजपा पार्षद शिल्पी सेन पर पत्थर फेंके थे और उस घटना ने पार्टी समर्थकों को नाराज़ कर दिया था. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस प्रायोजित हमले में हमारी पार्टी के लगभग छह समर्थक घायल हो गए. वह उपचुनाव में चार विधानसभा सीटों में से एक पर जीत हासिल करने के बाद परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मदद से सत्ता में लौटने का सपना देख रहे हैं.'

पुलिस ने कहा कि तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'टीपीसीसी अध्यक्ष को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिस कांग्रेस समर्थक को चाकू मारा गया था, उनका भी इलाज चल रहा है. भाजपा के एक समर्थक विशाल चक्रवर्ती के सिर में चोट आई और 12 टांके लगाए गए हैं.' रॉय बर्मन के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और घटना पर एक ज्ञापन सौंपा. सुशांत चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने पुलिस अधिकारियों से भी मुलाकात की है और भाजपा पार्षद और अन्य पर हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

त्रिपुरा उपचुनाव में भाजपा ने तीन, कांग्रेस ने एक सीट जीती : निर्वाचन आयोग ने कहा कि टाउन बोरडोवाली सीट पर मुख्यमंत्री व भाजपा उम्मीदवार माणिक साहा ने 6,104 मतों के अंतर से जीत हासिल की. उन्हें 17,181 मत मिले, जो डाले गए कुल मतों का 51.63 प्रतिशत है. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 11,077 मत मिले, जो कुल मतों का 33.29 फीसद है. अगरतला सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन को 3,163 मतों के अंतर से जीत मिली है. उन्हें 17,241 वोट मिले, जो डाले गए कुल वोट का 43.46 प्रतिशत है. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार अशोक सिन्हा को 14,268 (35.57 प्रतिशत) मत मिले. इस जीत के साथ ही रॉय बर्मन विधानसभा में कांग्रेस के एकमात्र विधायक बन गए हैं. साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी.

माकपा के गढ़ जुबराजनगर में भाजपा को 4,572 मतों के अंतर से जीत मिली है. भाजपा उम्मीदवार मलिना देबनाथ को 18,769 (51.83 प्रतिशत) वोट मिले, जबकि माकपा के शैलेंद्र चंद्र नाथ के खाते में 14,197 (39.2 प्रतिशत) वोट आए. सुरमा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार स्वप्ना दास को 4,583 मतों के अंतर से जीत मिली. उन्हें कुल 16,677 (42.34 प्रतिशत) वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी टिपरा मोथा के उम्मीदवार बाबूराम सतनामी के खाते में 12,094 (30.7 प्रतिशत) वोट आए. उपचुनाव के लिए 23 जून को मतदान हुआ था.

सीएम ने की हिंसा न करने की अपील : मुख्यमंत्री साहा ने अपनी जीत के लिए भाजपा को वोट देने वालों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस और माकपा की मिलीभगत साबित हो गई है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, जिन लोगों ने मुझे वोट दिया, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. यह भाजपा कार्यकर्ताओं की जीत है. मुझे उम्मीद थी कि अंतर थोड़ा अधिक होगा. हालांकि, परिणाम माकपा और कांग्रेस के बीच मिलीभगत को साबित करते हैं. हम भविष्य में भी इसी तरह काम करेंगे. लोगों ने मिलीभगत को नकार दिया है.' उन्होंने कहा, 'हमने कई वर्षों तक राज्य में चुनाव के बाद हिंसा देखी है, इसलिए हमने लोगों से ऐसी चीजों से दूर रहने का आग्रह किया है. लोगों का विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है, और हम चाहेंगे कि उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. मैं विपक्षी दलों से भी शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं.'

बिप्लब देब के अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा सदस्य माणिक साहा को पिछले महीने राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें यह उपचुनाव जीतना जरूरी था. नियमानुसार विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद अब वह सांसद के रूप में इस्तीफा दे देंगे. त्रिपुरा में जमीन तलाश रही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का प्रदर्शन बहुत खराब रहा और सभी सीट पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.

टाउन बोरडोवाली सीट से भाजपा विधायक आशीष कुमार साहा और अगरतला से विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था, जिसके बाद इन सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी. जुबराजनगर से माकपा के विधायक रामेंद्र चंद्र देबनाथ के निधन कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया, जबकि सुरमा सीट पर भाजपा विधायक आशीष दास ने पार्टी से बगावत कर दी थी, जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दिया गया था, इसलिये इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी. उपचुनाव के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 36 विधायक हो गए हैं, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी के आठ विधायक हैं. विपक्षी माकपा नीत वाम मोर्चे के 15, जबकि कांग्रेस का एक विधायक है.

पढ़ें- उपचुनाव परिणाम अपडेट : त्रिपुरा में चार सीटों में तीन पर भाजपा की जीत, रामपुर लोस सीट पर भी भाजपा का कब्जा, संगरूर में आप हारी

Last Updated : Jun 26, 2022, 6:56 PM IST
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