नांदेड़ : महाराष्ट्र के नांदेड़ में कोरोना वायरस महामारी के कारण जुलूस निकाले की इजाजत नहीं देने के बाद तलवारों से लैस सिखों की भीड़ ने सोमवार को पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया जिसमें कम से कम चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. नांदेड़ हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं 54 आरोपियों के खिलाफ दंगा और हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एक वायरल वीडियो में दिख रहा है कि तलवारें लिये लोगों की भीड़ गुरुद्वारे से बाहर निकली और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए तथा पुलिसकर्मियों पर हमला किया.
इस हिंसा में कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.
नांदेड़ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) निसार तंबोली ने बताया, महामारी के चलते होला मोहल्ला का जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी गई. गुरुद्वारा कमेटी को सूचित कर दिया गया था और उन्होंने हमें आश्वस्त किया था कि वे हमारे निर्देशों का पालन करेंगे और कार्यक्रम गुरुद्वारे परिसर के अंदर करेंगे.
उन्होंने बताया, हालांकि जब निशान साहिब को शाम 4 बजे द्वार पर लाया गया तो कई लोगों ने बहस शुरू कर दी और 300 से अधिक युवा दरवाजे से बाहर आ गए, बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिसकर्मी पर हमला करना शुरू कर दिया.
तंबोली ने कहा कि चार में से एक कांस्टेबल की हालत गंभीर है. उन्होंने बताया कि भीड़ ने पुलिस के छह वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिये.
डीआईजी ने कहा कि कम से कम 200 व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 324, 188, 269 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा..
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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नांदेड़ में सिख समुदाय के होला मोहल्ला जुलूस को अनुमति नहीं दी गई थी. इस संदर्भ में धर्मगुरुओं से चर्चा कर सीमित श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धार्मिक कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन कुछ लोगों ने परंपरा के अनुसार जुलूस निकालने का प्रयास किया.
उन्होंने कहा कि सोमवार शाम चार बजे गुरुद्वारा के पास श्रद्धालु बड़ी संख्या में एकत्र हो गए. इस दौरान कुछ लोगों की पुलिस के साथ बहस हुई. इसके बाद हुई झड़प में चार पुलिस कर्मी घायल हो गए.