लखीमपुर खीरी : लखीमपुर खीरी मामले में आरोपी मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के तीन दोस्तों की जमानत अर्जी सीजीएम चिंताराम ने खारिज कर दी है. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि शुक्रवार को आरोपी लखनऊ के कारोबारी अंकित दास, शेखर भारती और लतीफ की जमानत अर्जी बचाव पक्ष के अधिवक्ता अवधेश सिंह ने अदालत में दाखिल की. तीनों की जमानत अर्जी पर सीजेएम चिंताराम ने अभियोजन और बचाव पक्ष को सुनने के बाद अपराध की गम्भीरता को देखते हुए सभी की जमानत अर्जी खारिज कर दी.
बता दें कि तीन अक्टूबर को तिकोनियां में हुए बवाल में चार किसान और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में किसानों की तरफ से केंद्रीय गृहराज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा समेत पन्द्रह-बीस अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने आशीष मिश्रा, आशीष पांडेय, लवकुश राणा, शेखर भारती, अंकित दास और काले उर्फ लतीफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इनमें से अंकित दास लतीफ और शेखर भारती अभी 17 अक्टूबर तक सुबह 10 बजे तक पुलिस रिमांड पर हैं.
इधर घटना में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा, हरिओम और श्याम सुंदर निषाद को न्याय दिलाने के लिए संयुक्त न्याय मंच ने आज कैंडिल मार्च निकाला. शहर के विलोबी मैदान से हीरालाल धर्मशाला चौराहे तक निकाले मार्च में मंच की तरफ से मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के हत्यारों को भी गिरफ्तार करने की मांग जोर से उठाई गई. जिले में अलग-अलग जगहों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और अलग-अलग संगठनों ने भी तीनों बीजेपी कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने की मांग उठाई. सरकार को ज्ञापन भी भेजे.
तमाम विवादों में घिरे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी शनिवार को लखीमपुर पहुंचे. उन्होंने यहां कंटेनर कारपोरेशन लिमिटेड और इंडियन ऑयल के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कंटेनर कारपोरेशन लिमिटेड और इंडियन ऑयल ने सीएसआर फंड से कोरोना महामारी से निपटने के लिए तमाम मेडिकल उपकरण और सामग्री जिला अस्पताल को मुहैया कराया है. जिसको केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने शनिवार को जिला अस्पताल प्रशासन को सौंपा.
इधर गृह राज्य मंत्री जिला मुख्यालय छोड़कर अपने गांव बनवीरपुर भी पहुंचे. तीन अक्टूबर के बाद पहली बार अजय मिश्रा टेनी अपने गांव बनवीरपुर पहुंचे हैं. यहीं तीन अक्टूबर को आयोजित दंगल में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को आना था. पर उनके गांव पहुंचने के पहले ही हिंसा हो गई.