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UAE की यात्रा पर CJI रमना, 175 भारतीयों के लंबित प्रत्यर्पण आदेश पर की चर्चा - प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना यूएई यात्रा

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी पहली यात्रा पर भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने यूएई के विधि मंत्री और वहां की संघीय शीर्ष अदालत के अध्यक्ष के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने जेलों में बंद लगभग 175 भारतीयों के लंबित प्रत्यर्पण आदेश पर चर्चा की.

CJI Ramana in UAE
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना यूएई यात्रा
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Published : Mar 17, 2022, 8:21 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 8:44 PM IST

नई दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर हैं. गुरुवार को उन्होंने भारत और इस खाड़ी देश के बीच न्यायिक क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की. अबूधाबी स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि न्यायमूर्ति रमना ने यूएई के विधि मंत्री अब्दुल्ला बिन सुल्तान बिन अवध अल नुआमी और यूएई की संघीय शीर्ष अदालत के अध्यक्ष मोहम्म्द हमाद अल बादी के साथ बैठक की और यूएई की जेलों में बंद लगभग 175 भारतीयों के लंबित प्रत्यर्पण आदेश पर चर्चा की.

यह भारत के प्रधान न्यायाधीश की पहली यूएई यात्रा है. सीजेआई रमना के साथ न्यायमूर्ति हिमा कोहली और संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत संजय सुधीर भी थे. एएनआई ने सीजेआई के हवाले से कहा कि उन्होंने यूएई के अधिकारियों के समक्ष वहां की जेलों में बंद भारतीयों से मिलने की पहुंच का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि यह मानवीय मुद्दे है जिन पर हमें ध्यान देने की जरूरत है.

भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, 'माननीय न्यायमूर्ति श्रीमती हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अब्दुल रहमान अल बालुशी की मौजूदगी में भारतीय प्रवासियों और भारत और यूएई के बीच करीबी न्यायिक सहयोग पर चर्चा की गई. सीजेआई की ऐतिहासिक यात्रा से साझा दुष्टिकोण को मजबूती मिलेगी.'

  • Amb @sunjaysudhir accompanied Hon. Chief Justice of India Shri N V Ramana in his meeting with HE Abdullah bin Sultan bin Awad Al Nuaimi,🇦🇪 Minister of Justice, and HE Mohd. Hamad Al Badi, President of 🇦🇪 Federal Supreme Court @MOJ_UAE .This is the first ever visit by the CJI to🇦🇪 pic.twitter.com/pQgpDI0IW2

    — India in UAE (@IndembAbuDhabi) March 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अबूधाबी स्थित भारतीय समाजिक और संस्कृति केंद्र में यूईए के भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि दोनों देशों में बढ़ रहे रिश्ते आने वाले समय में मजबूत होंगे और दोस्ती का यह सबंध और फलेंगे-फूलेंगे और नई ऊंचाई को छुएंगे.

यह यात्रा विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री वी मुरलीधरन द्वारा संसद में खुलासा किए जाने के लगभग एक महीने बाद हुई है कि 7,925 भारतीय कैदी विदेशी जेलों में बंद हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या खाड़ी देशों में है, जिनमें विचाराधीन कैदी भी शामिल हैं. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जेल में बंद भारतीयों की संख्या इस प्रकार है- यूएई (1663), सऊदी अरब (1363), कतर (466), कुवैत (460), बहरीन (63), ओमान (45).

बता दें कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्रत्यर्पण संधि भी है, जिस पर 25 अक्टूबर, 1999 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे और 20 मई, 2000 को अबूधाबी में इसका आदान-प्रदान किया गया था. जिन अन्य देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, उनमें ब्रिटेन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, इजराइल, ईरान, बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, नेपाल, ओमान, पोलैंड और अन्य शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को ओआईसी का आमंत्रण, विदेश मंत्रालय ने लिया आड़े हाथ

नई दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर हैं. गुरुवार को उन्होंने भारत और इस खाड़ी देश के बीच न्यायिक क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की. अबूधाबी स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि न्यायमूर्ति रमना ने यूएई के विधि मंत्री अब्दुल्ला बिन सुल्तान बिन अवध अल नुआमी और यूएई की संघीय शीर्ष अदालत के अध्यक्ष मोहम्म्द हमाद अल बादी के साथ बैठक की और यूएई की जेलों में बंद लगभग 175 भारतीयों के लंबित प्रत्यर्पण आदेश पर चर्चा की.

यह भारत के प्रधान न्यायाधीश की पहली यूएई यात्रा है. सीजेआई रमना के साथ न्यायमूर्ति हिमा कोहली और संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत संजय सुधीर भी थे. एएनआई ने सीजेआई के हवाले से कहा कि उन्होंने यूएई के अधिकारियों के समक्ष वहां की जेलों में बंद भारतीयों से मिलने की पहुंच का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि यह मानवीय मुद्दे है जिन पर हमें ध्यान देने की जरूरत है.

भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, 'माननीय न्यायमूर्ति श्रीमती हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अब्दुल रहमान अल बालुशी की मौजूदगी में भारतीय प्रवासियों और भारत और यूएई के बीच करीबी न्यायिक सहयोग पर चर्चा की गई. सीजेआई की ऐतिहासिक यात्रा से साझा दुष्टिकोण को मजबूती मिलेगी.'

  • Amb @sunjaysudhir accompanied Hon. Chief Justice of India Shri N V Ramana in his meeting with HE Abdullah bin Sultan bin Awad Al Nuaimi,🇦🇪 Minister of Justice, and HE Mohd. Hamad Al Badi, President of 🇦🇪 Federal Supreme Court @MOJ_UAE .This is the first ever visit by the CJI to🇦🇪 pic.twitter.com/pQgpDI0IW2

    — India in UAE (@IndembAbuDhabi) March 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अबूधाबी स्थित भारतीय समाजिक और संस्कृति केंद्र में यूईए के भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि दोनों देशों में बढ़ रहे रिश्ते आने वाले समय में मजबूत होंगे और दोस्ती का यह सबंध और फलेंगे-फूलेंगे और नई ऊंचाई को छुएंगे.

यह यात्रा विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री वी मुरलीधरन द्वारा संसद में खुलासा किए जाने के लगभग एक महीने बाद हुई है कि 7,925 भारतीय कैदी विदेशी जेलों में बंद हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या खाड़ी देशों में है, जिनमें विचाराधीन कैदी भी शामिल हैं. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जेल में बंद भारतीयों की संख्या इस प्रकार है- यूएई (1663), सऊदी अरब (1363), कतर (466), कुवैत (460), बहरीन (63), ओमान (45).

बता दें कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच प्रत्यर्पण संधि भी है, जिस पर 25 अक्टूबर, 1999 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे और 20 मई, 2000 को अबूधाबी में इसका आदान-प्रदान किया गया था. जिन अन्य देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, उनमें ब्रिटेन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, इजराइल, ईरान, बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, नेपाल, ओमान, पोलैंड और अन्य शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को ओआईसी का आमंत्रण, विदेश मंत्रालय ने लिया आड़े हाथ

Last Updated : Mar 17, 2022, 8:44 PM IST
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