नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को मध्यस्थता प्रक्रिया में शामिल करना चाहते थे. ऐसा वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने निवर्तमान सीजेआई के विदाई समारोह में कहा.
जस्टिस बोबडे उन पांच जजों की संविधान पीठ में शामिल थे, जिन्होंने 2019 में अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था. वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि 'मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने उनसे शाहरुख खान को शामिल करने के बारे में बात की क्योंकि मैं व्यक्तिगत रूप से अभिनेता को जानता हूंं.'
उन्होंने कहा कि 'शाहरुख खान इसका हिस्सा बनने के लिए तैयार भी थे, लेकिन तब मध्यस्थता बंद कर दी गई और अदालत ने मामले का फैसला किया.'
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विकास सिंह का कहना है कि जस्टिस बोबडे का मानना था कि अयोध्या मामला मध्यस्थता के जरिए सुलझाना चाहिए.