नई दिल्ली : एक आधिकारिक आदेश के अनुसार सरकार ने सोमवार को घरेलू एयरलाइंस को अपनी पूर्व- कोविड क्षमता के 65 प्रतिशत पर संचालन करने की अनुमति दे दी है. यह फैसला अनुसूचित घरेलू परिचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है.
यह आदेश 31 जुलाई या अगले आदेश आने के बाद प्रभावी होगा. सरकारी सूत्रों ने बताया कि हवाई यात्रा की मांग की तुलना में घरेलू उड़ानों के संचालन की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है.
बता दें कि कोविड -19 की दूसरी लहर के मद्देनजर कई राज्यों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों ( travel restrictions) के कारण यातायात में उल्लेखनीय गिरावट के बाद भारत में हवाई यातायात (passenger traffic ) लगातार पांचवें सप्ताह बढ़ा है. इसके उड़ान क्षमता (flight capacity) की समीक्षा बैठक की गई. बैठक से पहले कम यातायात के कारण जिन मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, उन पर घरेलू एयरलाइंस (Domestic airlines) को अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों (Ministry of Civil Aviation data) के अनुसार तीन जुलाई को देश भर में 1,58,623 से अधिक यात्रियों ने 1,436 फ्लाइट में उड़ानें भरीं.
घरेलू यात्री यातायात जिसमें पिछले साल 25 मई से हवाई अड्डे के संचालन (airport operations) को फिर से शुरू करने के बाद लगातार रैंप-अप देखा गया. फरवरी में पिछले वर्ष के स्तर का 64 प्रतिशत पहुंच गया था, लेकिन यह अप्रैल से महीने-दर-महीने 28 प्रतिशत घटकर 1.79 लाख रह गया. 1 मई से 16 मई तक अप्रैल के औसत की तुलना में 56 प्रतिशत की और गिरावट आई.
बता दें कि एक जून से सरकार ने पूर्व-कोविड स्तर की क्षमता की सीमा को 80% से घटाकर 50% कर दिया था और विमानन टरबाइन ईंधन (aviation turbine fuel) में वृद्धि के कारण हवाई किराए पर ऊपरी सीमा भी लगभग 14 प्रतिशत कीमतें बढ़ गई.
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दिल्ली हवाईअड्डे (Delhi airport) ने कहा कि नियमों में ढील (post relaxation in norms) के बाद धीरे-धीरे लेकिन लगातार यात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. हवाई अड्डे ने कहा कि मुंबई, पटना, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, लेह, चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता और जम्मू -कश्मीर, मई और जून के दौरान दिल्ली से शीर्ष 10 गंतव्यों के रूप में उभरे हैं.