नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने छह खाड़ी देशों में स्थित भारतीय दूतावासों (Missions in six Gulf countries) को भविष्य में किसी भारतीय की मौत से संबंधित आंकड़ों का अग्रसक्रियता से खुलासा करने का निर्देश दिया है. इस विवरण में मृत्यु का वर्ष, मृतक संख्या, लिंग और उपलब्ध होने की स्थिति में मौत के कारणों का उल्लेख किया जाना है.
इन देशों को देनी होगी जानकारी
सीआईसी ने यह आदेश राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (Commonwealth Human Rights Initiative) से जुड़े वेंकटेश नायक (Venkatesh Nayak) की याचिका पर दिया जिन्होंने संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, बहरीन और कतर स्थित भारतीय दूतावासों से एक जनवरी 2012 से इन देशों में हुई भारतीयों की मृत्यु के संबंध में जानकारी मांगी थी. उन्होंने ऐसे लोगों के नाम, उम्र, लिंग और व्यवसाय के उल्लेख के साथ वर्षवार सूची मांगी थी.
दुरुपयोग की आशंका का भी ध्यान
उन्होंने ऐसे लोगों से संबंधित मृत्यु प्रमाणपत्रों में मौत के कारणों की जानकारी भी मांगी थी, लेकिन दूतावासों से मिले जवाब से वह संतुष्ट नहीं हुए. मुख्य सूचना आयुक्त वाई के सिन्हा (Chief Information Commissioner YK Sinha) ने अपने निर्णय में कहा कि नायक द्वारा मांगी गई कुछ जानकारी का परिणाम इसके दुरुपयोग के रूप में निकल सकता है, इसलिए आयोग ऐसी सूचना का खुलासा करने का आदेश देने का इच्छुक नहीं है जिसके दुरुपयोग की आशंका हो.
मौत के कारणों से संबंधित आंकड़ों का खुलासा
उन्होंने कहा, 'परिस्थितियों के तहत, मृतकों और उनके परिजनों की निजता के अधिकार के साथ व्यापक जनहित को संतुलित करते हुए आयोग मामले से जुड़े विभिन्न प्रतिवादियों को तदनुसार निर्देश देता है कि वे भविष्य में मृत्यु के वर्ष, मृत भारतीयों की संख्या, मृतकों के लिंग और यदि उपलब्ध हो तो मौत के कारणों से संबंधित आंकड़ों का खुलासा करें.'
आवेदनों पर 'समान' जवाब देने चाहिए
सिन्हा ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह भारतीय दूतावासों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की धारा 4 (1) के अनुरूप भविष्य में उपरोक्त सूचना के स्वत: संज्ञान खुलासे के कदम उठाने के बारे में अवगत कराए. उन्होंने दूतावासों से कहा कि आरटीआई के तहत दिए गए उत्तरों में भिन्नताएं हैं और उन्हें नायक द्वारा दायर किए गए आवेदनों पर 'समान' जवाब देने चाहिए.
दूतावासों ने केवल आंशिक सूचना उपलब्ध कराई
नायक के आवेदन के जवाब में दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने कहा था कि वह इस तरह की कोई सूची तैयार नहीं करता है. इसने यह भी कहा था कि आत्महत्या के मामलों में नाम और व्यवसाय का खुलासा करने से कोई व्यापक जनहित नहीं होगा तथा ऐसे मामलों में परिवार नहीं चाहते कि उनके प्रियजनों के नाम का खुलासा हो. अन्य दूतावासों ने भी केवल आंशिक सूचना उपलब्ध कराई थी जिसके बाद नायक ने केंद्रीय सूचना आयोग में अपील दायर की थी.
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सुनवाई के दौरान बहरीन स्थित भारतीय दूतावास की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि सूचना का अधिकार संपूर्ण अधिकार नहीं है और यह अधिनियम के प्रावधानों से जुड़ा विषय है.
(पीटीआई-भाषा)